सहरसा। बुधवार को प्रखंड के लहटन चौधरी महाविद्यालय के सभागार में
वित्तरहित शिक्षा के प्रति बिहार सरकार की नीतियों के खिलाफ वित्तरहित
शिक्षा संघर्ष समिति के तत्वावधान में दशा एवं दिशा विषय पर एक दिवसीय
सेमिनार का आयोजन किया गया।
जिसमें बिहार सरकार द्वारा अपनाए जाने वाले
अबतक की नीतियों को बिहार के शिक्षा के लिए गलत ठहराते हुए वक्ताओं द्वारा
वित्तरहित रहित शिक्षा को वित्तसहित शिक्षा में बदलने पर जोर देते हुए इसके
लिए संघर्ष की रूपरेखा तैयार पर चर्चा की गई।
इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि पिछले वार जिस प्रकार बिहार सरकार द्वारा
दसवीं एवं बारहवीं के परीक्षा के मूल्यांकन से वित्तरहित शिक्षकों को दूरकर
प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों से मूल्यांकन कार्य करवाया गया वो बिहार
के शिक्षा के लिए दुर्भाग्यपूर्ण माना जा सकता है। वित्तरहित शिक्षा नीति
के कारण वित्तरहित महाविद्यालयों में कार्य करने वाले प्रदेश के लाखों
योग्य शिक्षकों की सेवा छात्रों को नहीं मिल पा रही है। ऐसे में सरकार को
वित्तरहित शिक्षा को वित्तसहित शिक्षा में परिणत करने के लिए हर स्तर पर
दवाब बनाने हेतु एकजुटता पर बल देने की जरूरत बतायी गयी। इस दौरान सेमिनार
के संयोजक शिलानन्द ¨सह के संयोजन में बिजेन्द्र यादव, धर्मेद्र
यादव,विमलेन्द्र मिश्र, दिलीप मिश्र, डब्ल्यू कुमार, राजकिशोर
यादव,मुक्तेश्वर ¨सह,हरि नारायण यादव,प्रवीण झा,श्यामाकांत मिश्र,अशोक
राय,परमेश्वर राय,रंजीत राय, डाव अशोक कुमार सहित कोशी प्रमंडल के 65
वित्तरहित महाविद्यालयों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।