भोजपुर।: राज्य सरकार नियोजित शिक्षकों के साथ दोयम दर्जे का व्यवहार कर
रही है। सरकार की इस नीति के कारण जहां सूबे की शिक्षा व्यवस्था चौपट हो
रही है वहीं लाखों की संख्या में नियोजित शिक्षक बदहाली का जीवन जीने को
अभिशप्त हैं।
ये बातें बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष
पंकज कुमार मंटू, पीरो प्रखंड अध्यक्ष गोरख नाथ ¨सह उर्फ अरूण कुमार ¨सह व
सचिव महिपाल ¨सह ने हसनबाजार में आयोजित नियोजित शिक्षकों की विशेष बैठक
में कही। संघ के नेताओं ने कहा नियमावली के अनुसार बेसिक ग्रेड में आठ साल
की सेवा पूरी करने वाले नियोजित शिक्षकों को स्नातक ग्रेड में प्रोन्नति के
प्रावधान के बावजूद आज तक इस मामले में कोई पहल नहीं हो रही है। वहीं एक
साल गुजर जाने के बाद भी नियोजित शिक्षकों को सातवें वेतन आयोग के अनुशंसा
का लाभ नहीं मिल पा रहा है। संघ के नेताओं ने कहा कि जांच के नाम पर
शिक्षकों का भयादोहन हो रहा है। सरकार यदि शिक्षा में सुधार के प्रति सचमुच
संवेदनशील है तो शिक्षकों के साथ साथ विभागीय अधिकारियों व कर्मियों के
क्रियाकलाप की जांच होनी चाहिए। शिक्षक नेताओं की मानें तो विभाग की
लापरवाही के कारण आज नियोजित शिक्षकों को बीआरपी व सीआरसीसी के पद से वंचित
होना पड़ रहा है। बैठक में संघ के जिला महासचिव राजेश कुमार ¨सह,
धर्मेन्द्र प्रसाद अखिलेश कुशवाहा, चंद्रभानू पांडेय, अनिल कुमार, निर्मल
कुमार ¨सह, राजेश कुमार, शंकर कुमार, दीपक कुमार ¨सह, वीरेन्द्र कुमार ¨सह,
मधुमती कुमारी, सरिता कुमारी, मीना कुमारी, मंजू कुमारी, शांति कुमारी,
हरेंद्र ¨सह सहित सैकडों नियोजित शिक्षक मौजूद थे।