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राज्य सरकार को बताया शिक्षक विरोधी

पूर्णिया। राज्य सरकार शिक्षक विरोधी है। उच्च न्यायालय के फैसले का हनन करना सरकार बंद करे। सात माह से वेतन नहीं मिलने के कारण शिक्षक काफी मुश्किलों का सामना कर रहे हैं।
उक्त बातें बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप कुमार पप्पू ने जिले के एक कार्यक्रम में भाग लेने जाने के दौरान जानकीनगर में मौजूद शिक्षकों से कहीं। बनमनखी प्रखंड इकाई के प्रखंड अध्यक्ष सुशील कुमार आर्य की अध्यक्षता में प्रदेश अध्यक्ष का जोरदार स्वागत किया गया।

इस दौरान उपस्थित शिक्षकों के साथ समान काम के लिए समान वेतन, सात माह से लंबित वेतन भुगतान सहित कई अन्य मुद्दों पर गहन विचार-विमर्श किया गया। प्रदेश अध्यक्ष ने आगामी 21 जनवरी को आयोजित होने वाली राज्यव्यापी मानव श्रृंखला के औचित्य पर सवाल खड़ा किया। उन्होंने सरकार के रवैये पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि सरकार ने संविधान के अनुच्छेदों व नियमों का घोर उल्लंघन किया है। सरकार शिक्षकों की एकता को कमजोर करने की साजिश रच रही है जिसे कभी भी कामयाब होने नहीं दिया जाएगा। राज्य के कुछ जिलों में अधिकारियों के द्वारा मानव श्रृंखला में भाग न लेने वाले शिक्षकों को बर्खास्त करने की धमकी की आलोचना की गई। प्रखंड अध्यक्ष सुशील कुमार आर्य ने शिक्षकों से चट्टानी एकता बनाए रखने की अपील की तथा सर्वोच्च प्राथमिकता के आधार पर उच्च न्यायालय के पारित न्यायादेश को लागू करने, सात माह से लंबित वेतन का शीघ्र भुगतान करने की मांग की। इस दौरान ललन कुमार निराला, पंकज कुमार, विजय कुमार कुशवाहा, चंद्रशेखर मंडल, अक्षय कुमार ब्याहुत, राज्य प्रतिनिधि राजीव कुमार, नीतीश कुमार एवं तरूण कुमार पासवान सहित दर्जनों संघीय पदाधिकारी उपस्थित थे।

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