Advertisement

समान काम के लिए समान वेतन से रुकेगा शिक्षकों का नियोजन

समानकाम के लिए समान वेतन देने के हाईकोर्ट के फैसले के बाद नियोजित शिक्षकों की नियमावली लागू होने में देर तय है। नियोजन इकाइयों के माध्यम से अभी नियोजन भी नहीं होगा।
न्यायालय के फैसले को सरकार सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी। इस मामले को लेकर प्रधान सचिव आरके महाजन ने विभाग के संबंधित अधिकारियों के साथ चर्चा की। इसके पहले शिक्षा मंत्री ने कहा था कि विधि विशेषज्ञों से विमर्श के बाद सरकार सर्वोच्च न्यायालय जाएगी।

प्रधान सचिव के कार्यालय में बुधवार की देर शाम तक अधिकारियों के साथ चली बैठक में सेवाशर्त नियोजन के साथ विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा हुई। अधिकारियों ने आकलन किया कि हाईकोर्ट के फैसले के आधार पर साढ़े तीन लाख नियोजित शिक्षकों को वेतन देने में 10 से 11 हजार करोड़ रुपए सालाना खर्च होंगे। 2009 से एरियर देने की स्थिति में 10 से 15 हजार करोड़ और बढ़ जाएंगे। 2006 से राज्य में शिक्षक नियोजन के लिए नई नियमावली बनाकर नियोजन शुरू किया गया था। इसमें कई संशोधन हुए। इसके पहले शिक्षा मित्र के रूप में बहाल 1.15 लाख लोगों को भी नियोजित शिक्षक की तरह मानदेय तय किया गया। अब सातवें वेतन का भी लाभ मिलना है।

इधर,भाजपाप्रवक्ता प्रो. नवल किशोर यादव ने कहा कि समान काम के लिए समान वेतन देने के सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के आधार पर ही हाईकोर्ट ने निर्णय सुनाया है। ऐसे में सरकार को समान काम के लिए समान वेतन देना ही होगा। सरकार को हाईकोर्ट के फैसले को बिना देर लागू कर देना चाहिए।

सातवां वेतन मिलने के पहले ग्रेड पे

प्राथमिक2000रुपए

माध्यमिक2400रुपए

उच्चतरमाध्यमिक 2800रुपए

हाईकोर्ट के फैसले को राज्य सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की बात पर शिक्षक संगठनों में आक्रोश है। परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ नियोजित शिक्षक न्याय मोर्चा ने गुरुवार को बैठक कर सरकार की अपील याचिका का विरोध करने का निर्णय लिया। कहा- सरकार सुप्रीम कोर्ट जाती है तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।

माध्यमिक शिक्षक संघ भी सुप्रीम कोर्ट जाएगा

पटनाहाईकोर्ट के फैसले को यदि राज्य सरकार चुनौती देती है तो बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ भी सुप्रीम कोर्ट जाएगा। संघ के इस फैसले की जानकारी देते हुए महासचिव शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने कहा कि राज्य सरकार ने हमेशा सदन और सदन के बाहर यह वक्तव्य दिया कि हम न्यायालय के फैसले का सम्मान करेंगे। अब जब न्यायालय ने नियोजित शिक्षकों को समान काम के बदले समान वेतन का न्यायादेश दिया है तो सरकार का अपने वक्तव्य से मुकरना बिल्कुल अनुचित है। संघ नियोजित शिक्षकों को समान काम के समान वेतन का हक दिला कर ही दम लेगा।

UPTET news