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पटना HC की बिहार बोर्ड पर टिप्‍पणी, शिक्षक दक्षता परीक्षा हास्‍य-व्‍यंग्‍य व कॉमेडी

पटना [निर्भय सिंह]। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (बिहार बोर्ड) किस प्रकार से परीक्षा आयोजित कराती है,यह सोचकर आप भी हैरान हो जाएंगे।
पटना हाईकोर्ट जब एक याचिकाकर्ता के माध्यम से दक्षता परीक्षा के तह तक गई तो हैरान रह गई। अपने आदेश में उसे लिखना पड़ा कि राज्य सरकार के इस उपक्रम में सब कुछ है हास्य व्यंग्य और कॉमेडी। आखिर हो भी क्यों नहीं। जिस शिक्षक को 74 अंक आए थे, उसे 34 अंक देकर फेल किया गया था।
ऐसे खुली परीक्षा समिति की कलईसर्वोदय उच्च विद्यालय गंगा सागर (दरभंगा) के एक शिक्षक उग्र नारायण के मामले पर न्यायाधीश चक्रधारी शरण सिंह पीठ में सुनवाई हुई। आवेदक ने कहा कि वह 2014 की दक्षता परीक्षा में शामिल हुआ था। परीक्षा 7 फरवरी 2015 को हुई। उसे 35 अंक देकर फेल कर दिया गया।
टीईटी के लिए स्क्रूटनी की प्रावधान नहीं रहने के कारण उसने सूचना के अधिकार के तहत ओएमआर सीट की जानकारी ली। शक सही साबित हुआ। सही उत्तर को गलत और गलत को सही बताया गया था। इतना ही नहीं, 25 फीसद तो ऐसे प्रश्न थे जिनका एक भी विकल्प सही नहीं था। लाचार होकर उसने अदालत की शरण ली।
अदालत ने जब एक-एक तथ्य की जानकारी ली तो उसकी आंखें फटी की फटी रह गईं। एक्सपर्ट ने जब याचिकाकर्ता की कॉपी की जांच की तो उसने बताया कि 75 अंक आने चाहिए थे। इसके बाद अदालत ने अपने आदेश में संबंधित अधिकारियों की कार्यशैली पर हैरानी जाहिर कर कहा आखिर इस संस्था में हो क्या रहा है।

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