बिहार बोर्ड ने चौकाने वाला फैसला लिया है। दरअसल, बिहार बोर्ड ने
एसटीईटी (STET) 2019 के परीक्षा को रद्द कर दिया है। यानि कि जिन अभ्यर्थी
ने STET की परीक्षा दी थी, उन्हें एक बार फिर परेक्षा देना होगा। इस
परीक्षा में 2 लाख 43 हजार 141 परीक्षार्थियों ने भाग लिया था। हालांकि, अब
एसटीईटी कब होगा, इसे लेकर कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
जानकारी के मुताबिक बिहार बोर्ड ने राज्य सरकार के पास परीक्षा को दोबारा करवाने का प्रस्ताव भेज दिया है। जिसे सरकार के द्वारा स्वीकार कर लिया गया है। अब परीक्षा की अगली तिथि क्या होगी इसका अंतिम निर्णय शिक्षा विभाग का होगा और उसी के बाद परीक्षा की तारीख घोषित की जाएगी।
इसके साथ ही बिहार सरकार ने हाल ही में 34 हजार पदों पर शिक्षकों की बहाली को लेकर अधिसूचना जारी की थी। लेकिन अब परीक्षा रद्द होने के साथ ही भर्ती पर संकट गहरा गया है।
उल्लेखनीय है कि एसटीईटी परीक्षा में कुल 2 लाख 43 हजार 141 परीक्षार्थियों ने हिस्सा लिया था। बिहार बोर्ड का दावा है कि यह निर्णय एसटीईटी परीक्षा के बाद गठित जांच कमिटी के रिपोर्ट के बाद ली गयी है। कमिटी ने बोर्ड से परीक्षा को निरस्त करने की अनुशंसा की है। इसी के आलोक में बोर्ड ने एसटीईटी 2019 को रद्द कर दिया है।
वहीं परीक्षा रद्द करने के साथ ही बोर्ड ने शिक्षा विभाग को पुन: परीक्षा आयोजित करने के लिए अनुशंसा शिक्षा विभाग को भेजी हैं।
बता दें कि 28 जनवरी को परीक्षा होने के बाद प्रश्न पत्र के साथ कई पहलूओं पर जांच के लिए बोर्ड ने चार सदस्यीय कमिटी गठित की थी। चार सदस्यीय कमिटी का गठन मुख्य निगरानी पदाधिकारी बिहार बोर्ड के नीलकमल की अध्यक्षता में किया गया था।कमिटी के अन्य सदस्य प्रशासनिक पदाधिकारी संजय प्रियदर्शी, संयुक्त सचिव निकुंज प्रकाश नारायण और निगरानी पदाधिकारी राजीव कुमार शामिल थे।
आपको बता दें कि बिहार बोर्ड की STET परीक्षा के दौरान सहरसा और गया केंद्रों पर गड़बड़ी की शिकायत मिली थी। परीक्षार्थियों ने इन केंद्रों पर उपद्रव किया था। साथ ही तोड़फोड़ भी की थी। इसके अलावा ओएमआर शीट से भी छेड़छाड़ की शिकायत मिली थी।
जानकारी के मुताबिक बिहार बोर्ड ने राज्य सरकार के पास परीक्षा को दोबारा करवाने का प्रस्ताव भेज दिया है। जिसे सरकार के द्वारा स्वीकार कर लिया गया है। अब परीक्षा की अगली तिथि क्या होगी इसका अंतिम निर्णय शिक्षा विभाग का होगा और उसी के बाद परीक्षा की तारीख घोषित की जाएगी।
इसके साथ ही बिहार सरकार ने हाल ही में 34 हजार पदों पर शिक्षकों की बहाली को लेकर अधिसूचना जारी की थी। लेकिन अब परीक्षा रद्द होने के साथ ही भर्ती पर संकट गहरा गया है।
उल्लेखनीय है कि एसटीईटी परीक्षा में कुल 2 लाख 43 हजार 141 परीक्षार्थियों ने हिस्सा लिया था। बिहार बोर्ड का दावा है कि यह निर्णय एसटीईटी परीक्षा के बाद गठित जांच कमिटी के रिपोर्ट के बाद ली गयी है। कमिटी ने बोर्ड से परीक्षा को निरस्त करने की अनुशंसा की है। इसी के आलोक में बोर्ड ने एसटीईटी 2019 को रद्द कर दिया है।
वहीं परीक्षा रद्द करने के साथ ही बोर्ड ने शिक्षा विभाग को पुन: परीक्षा आयोजित करने के लिए अनुशंसा शिक्षा विभाग को भेजी हैं।
बता दें कि 28 जनवरी को परीक्षा होने के बाद प्रश्न पत्र के साथ कई पहलूओं पर जांच के लिए बोर्ड ने चार सदस्यीय कमिटी गठित की थी। चार सदस्यीय कमिटी का गठन मुख्य निगरानी पदाधिकारी बिहार बोर्ड के नीलकमल की अध्यक्षता में किया गया था।कमिटी के अन्य सदस्य प्रशासनिक पदाधिकारी संजय प्रियदर्शी, संयुक्त सचिव निकुंज प्रकाश नारायण और निगरानी पदाधिकारी राजीव कुमार शामिल थे।
आपको बता दें कि बिहार बोर्ड की STET परीक्षा के दौरान सहरसा और गया केंद्रों पर गड़बड़ी की शिकायत मिली थी। परीक्षार्थियों ने इन केंद्रों पर उपद्रव किया था। साथ ही तोड़फोड़ भी की थी। इसके अलावा ओएमआर शीट से भी छेड़छाड़ की शिकायत मिली थी।