पूर्णिया. पूर्णिया विश्वविद्यालय के 49 शिक्षकेतर
कर्मी को तीन साल से वेतन नहीं मिला है। इससे परेशान होकर शिक्षकेतर
कर्मियों ने बुधवार से विश्वविद्यालय परिसर में वेतन भुगतान की मांग को
लेकर आंदोलन शुरू किया है। ज्ञात हो कि आंदोलनरत शिक्षकेतर कर्मियों की
नियुक्ति हाई कोर्ट से होने के बाद से ही वेतन का भुगतान नहीं किया जा रहा
है। जबकि उनके पारिश्रमिक वितरण के लिए राज्य सरकार ने कई बार विवि प्रशासन
को पत्र भेजा था।
कर्मियों ने सरकार के उपसचिव अरशद फिरोज ने 28 अप्रैल 2020 काे जारी पत्र का हवाला देते हुए कहा कि इसमें महालेखाकार बिहार को पत्र लिखा गया है। इसमें फारबिसगंज कॉलेज में नियुक्त तृतीय श्रेणी के 19 कर्मियों तथा चतुर्थ श्रेणी के 30 कर्मियों के मार्च व मई 2020 के लिए वेतन की राशि शामिल है। वहीं मामले को लेकर इस वर्ष 29 मई को एक बार फिर से उपसचिव ने पत्र जारी कर वर्तमान वित्तीय वर्ष के बकाया वेतन के राशि जारी होने की सूचना दी है। लेकिन इसके बावजूद विश्वविद्यालय प्रशासन ने कर्मियों के वेतन का भुगतान नहीं किया है।
वेतन भुगतान का दिया था आदेश
49 कर्मियों ने एक नरेश कुमार मल्लिक ने बताया कि मुझे अब तक एक रूपया नहीं मिला है। ढ़ाई साल नौकरी करने के बाद मैं सेवानिवृत हो चुका हूं। पर अब तक वेतन का भुगतान नहीं किया गया है। बिहार सरकार, शिक्षा विभाग ने जब दो-दो बार क्रमशः तीन महीने एवं 11 महीने का वेतन की राशि आवंटित भी कर दी, वेतन भुगतान का स्पष्ट आदेश भी दिया, लेकिन पूर्णिया विश्वविद्यालय का वर्तमान प्रशासन अवैध रोक लगा रखा है।
नियुक्ति को लेकर बीते साल 20 जुलाई को उपलब्ध कराया है अभिलेख : बीएनएमयू
बीएनएमयू के कुलसचिव ने 20 जुलाई 2019 को सरकार के विशेष सचिव (शिक्षा विभाग) को पत्र लिखा था। पत्र में सभी 49 कर्मियों की नियुक्ति की अभिलेख भेजा गया था। वहीं पत्र में बताया गया कि बिहार राज्य विवि अधिनियम 1976 (अद्यतन संशोधित) की धारा 10(06) में कुलपति को स्वीकृत पद पर नियुक्ति का अधिकार है। अत: उक्त नियुक्ति पर अनुमोदनोपरांत वेतन विमुक्त करने को आग्रह किया गया था। इसकी प्रतिलिपि कुलसचिव पूर्णिया विवि, निदेशक (उच्च शिक्षा) व बीएनएमयू के वीसी व प्रोवीसी के निजी सहायक को भेजी गई थी।
वेतन एकाउंट में नहीं जाने तक आंदोलन जारी रहेगा : डॉ. मनोज
पूर्णिया विवि शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ.मनोज कुमार सिंह ने बताया कि विवि का अनर्गल आरोप है। बार-बार कागजात कमेटी का बहाना बनाने का नतीजा है आंदोलन। जब तक विवि प्रशासन सभी कर्मियों के वेतन, एरियर, पेंशन और पारिश्रमिक का भुगतान नहीं रहेगा तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा। विवि प्रशासन का विरोध जारी रहेगा।
कर्मियों ने सरकार के उपसचिव अरशद फिरोज ने 28 अप्रैल 2020 काे जारी पत्र का हवाला देते हुए कहा कि इसमें महालेखाकार बिहार को पत्र लिखा गया है। इसमें फारबिसगंज कॉलेज में नियुक्त तृतीय श्रेणी के 19 कर्मियों तथा चतुर्थ श्रेणी के 30 कर्मियों के मार्च व मई 2020 के लिए वेतन की राशि शामिल है। वहीं मामले को लेकर इस वर्ष 29 मई को एक बार फिर से उपसचिव ने पत्र जारी कर वर्तमान वित्तीय वर्ष के बकाया वेतन के राशि जारी होने की सूचना दी है। लेकिन इसके बावजूद विश्वविद्यालय प्रशासन ने कर्मियों के वेतन का भुगतान नहीं किया है।
वेतन भुगतान का दिया था आदेश
49 कर्मियों ने एक नरेश कुमार मल्लिक ने बताया कि मुझे अब तक एक रूपया नहीं मिला है। ढ़ाई साल नौकरी करने के बाद मैं सेवानिवृत हो चुका हूं। पर अब तक वेतन का भुगतान नहीं किया गया है। बिहार सरकार, शिक्षा विभाग ने जब दो-दो बार क्रमशः तीन महीने एवं 11 महीने का वेतन की राशि आवंटित भी कर दी, वेतन भुगतान का स्पष्ट आदेश भी दिया, लेकिन पूर्णिया विश्वविद्यालय का वर्तमान प्रशासन अवैध रोक लगा रखा है।
नियुक्ति को लेकर बीते साल 20 जुलाई को उपलब्ध कराया है अभिलेख : बीएनएमयू
बीएनएमयू के कुलसचिव ने 20 जुलाई 2019 को सरकार के विशेष सचिव (शिक्षा विभाग) को पत्र लिखा था। पत्र में सभी 49 कर्मियों की नियुक्ति की अभिलेख भेजा गया था। वहीं पत्र में बताया गया कि बिहार राज्य विवि अधिनियम 1976 (अद्यतन संशोधित) की धारा 10(06) में कुलपति को स्वीकृत पद पर नियुक्ति का अधिकार है। अत: उक्त नियुक्ति पर अनुमोदनोपरांत वेतन विमुक्त करने को आग्रह किया गया था। इसकी प्रतिलिपि कुलसचिव पूर्णिया विवि, निदेशक (उच्च शिक्षा) व बीएनएमयू के वीसी व प्रोवीसी के निजी सहायक को भेजी गई थी।
वेतन एकाउंट में नहीं जाने तक आंदोलन जारी रहेगा : डॉ. मनोज
पूर्णिया विवि शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ.मनोज कुमार सिंह ने बताया कि विवि का अनर्गल आरोप है। बार-बार कागजात कमेटी का बहाना बनाने का नतीजा है आंदोलन। जब तक विवि प्रशासन सभी कर्मियों के वेतन, एरियर, पेंशन और पारिश्रमिक का भुगतान नहीं रहेगा तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा। विवि प्रशासन का विरोध जारी रहेगा।