रोहतास। जिले में फर्जी शिक्षकों की भरमार सी हो गई है। अमान्य
संस्थानों के अलावा गलत तरीके से बीटेट का सर्टिफिकेट हासिल कर शिक्षकों का
मामला विभाग अभी पूरी तरह से सुलझा ही नहीं पाया था, कि कुछ वर्ष पहले
शिक्षक से हेडमास्टर बने शिक्षकों की डिग्री पर भी सवाल उठने लगे हैं।
मामला संज्ञान में आने के बाद विभाग एमए की फर्जी डिग्री हासिल कर हेडमास्टर बने शिक्षकों की कुंडली खंगालने में जुट गया है। प्रधानाध्यापक के पद पर पदोन्नत शिक्षकों के स्नात्कोत्तर की डिग्री की प्रारंभिक जांच में एक का प्रमाण पत्र जाली पाया गया है। संबंधित प्रधानाध्यापक से विभाग ने स्पष्टीकरण पूछते हुए उनसे डिग्री से संबंधित मूल कागजात के साथ तीन दिनों के अंदर विभागीय अधिकारी के समक्ष उपस्थित होने का निर्देश है।
जिले के उत्क्रमित कन्या मध्य विद्यालय कोचस से जुड़े मामले को गंभीरता से लेते हुए डीपीओ स्थापना देवेश चौधरी ने वहां प्रधानाध्यापक विनोद कुमार ¨सह को शोकॉज जारी किया है। जिसमें अधिकारी ने कहा है कि आपके द्वारा दूरस्थ शिक्षा के तहत मानव भारती विश्वविद्यालय सोलन हिमाचल प्रदेश से निर्गत स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल कर पदोन्नति का लाभ लिया है। जांचोपरांत एमए की डिग्री प्रथम ²ष्ट्या अवैध पाया गया है। गलत दस्तावेज के आधार पर प्रोन्नति का लाभ लेना सरकारी सेवा नियमावली के विरूद्ध है, इसलिए पत्र प्राप्ति के तीन दिन के अंदर उक्त डिग्री से संबंधित मूल दस्तावेज के साथ उपस्थित होकर अपना पक्ष रखें। साथ ही क्यों न पदोन्नति को निरस्त करते हुए आपके विरूद्ध अनुशासनिक कार्रवाई की जाए।
मामला संज्ञान में आने के बाद विभाग एमए की फर्जी डिग्री हासिल कर हेडमास्टर बने शिक्षकों की कुंडली खंगालने में जुट गया है। प्रधानाध्यापक के पद पर पदोन्नत शिक्षकों के स्नात्कोत्तर की डिग्री की प्रारंभिक जांच में एक का प्रमाण पत्र जाली पाया गया है। संबंधित प्रधानाध्यापक से विभाग ने स्पष्टीकरण पूछते हुए उनसे डिग्री से संबंधित मूल कागजात के साथ तीन दिनों के अंदर विभागीय अधिकारी के समक्ष उपस्थित होने का निर्देश है।
जिले के उत्क्रमित कन्या मध्य विद्यालय कोचस से जुड़े मामले को गंभीरता से लेते हुए डीपीओ स्थापना देवेश चौधरी ने वहां प्रधानाध्यापक विनोद कुमार ¨सह को शोकॉज जारी किया है। जिसमें अधिकारी ने कहा है कि आपके द्वारा दूरस्थ शिक्षा के तहत मानव भारती विश्वविद्यालय सोलन हिमाचल प्रदेश से निर्गत स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल कर पदोन्नति का लाभ लिया है। जांचोपरांत एमए की डिग्री प्रथम ²ष्ट्या अवैध पाया गया है। गलत दस्तावेज के आधार पर प्रोन्नति का लाभ लेना सरकारी सेवा नियमावली के विरूद्ध है, इसलिए पत्र प्राप्ति के तीन दिन के अंदर उक्त डिग्री से संबंधित मूल दस्तावेज के साथ उपस्थित होकर अपना पक्ष रखें। साथ ही क्यों न पदोन्नति को निरस्त करते हुए आपके विरूद्ध अनुशासनिक कार्रवाई की जाए।