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डीपीओ और बीईओ ने फर्जी शिक्षकों के वेतन भुगतान को खेला यह खेल, अब नीलामवाद की तैयारी

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। फर्जी शिक्षकों के वेतन भुगतान मामले में तत्कालीन डीपीओ स्थापना व प्रखंड शिक्षा अधिकारियों को दोषी पाया गया है। जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना और प्रखंड शिक्षा अधिकारियों को चिह्नित कर सूची सौंपने को कहा गया है।
वहीं फर्जी टीईटी शिक्षकों पर अब नीलामवाद की कार्रवाई होगी। वेतन मद में दी गई राशि वसूली नहीं होने की स्थिति में यह कार्रवाई की जा रहा है। प्राथमिक शिक्षा निदेशक के पत्र से शिक्षा अधिकारियों की बेचैनी बढ़ गई है।
 तत्कालीन डीपीओ स्थापना और प्रखंड शिक्षा अधिकारियों की मिलीभगत से फर्जी शिक्षकों का वेतन भुगतान होने की बात सामने आई है। प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने मुजफ्फरपुर के शिक्षक नियुक्ति घोटाला व उन शिक्षकों के वेतन भुगतान मामले की समीक्षा की। इस क्रम में तत्कालीन डीपीओ स्थापना और बीईओ को दोषी पाया गया। जिला शिक्षा अधिकारी से इस मामले में रिपोर्ट मांगी गई है। ताकि, उन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके।
फर्जी शिक्षकों पर दायर होगा नीलामवाद

फर्जी शिक्षकों के खिलाफ नीलामवाद दायर होगा। प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने डीईओ को अविलंब कार्रवाई सुनिश्चित कराने को कहा है। दूसरी ओर शिक्षा विभाग के अधिकारी राशि के आकलन व वसूली में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। शिक्षकों के बैंक खातों का स्टेटमेंट अब तक नहीं निकाला गया है, जिससे भुगतान की गई राशि का सही आकलन हो सके।
लोकायुक्त में दायर है परिवाद

फर्जी शिक्षकों से वेतन मद की राशि वसूली को लेकर लोकायुक्त में परिवाद भी दायर है। इसमें डीईओ व पुलिस विभाग से रिपोर्ट मांगी गई है। जिले में टीईटी अंक पत्र की जांच में 335 फर्जी शिक्षक पाए गए। इन पर प्राथमिकी दर्ज कराते हुए उन्हें बर्खास्त किया जा चुका है। शिक्षकों से सूद सहित राशि वसूली होनी है।
राशि वसूल करने में विफल रहे बीईओ


फर्जी टीईटी शिक्षकों से राशि वसूली मामले में शिक्षा विभाग गंभीर नजर आ रहा है। पूर्व में कई आदेश के बावजूद बीईओ उन शिक्षकों पर हाथ डालने से कतरा रहे हैं। डीईओ ललन प्रसाद सिंह प्रखंड शिक्षा अधिकारियों को राशि का आकलन कर उन शिक्षकों के खिलाफ नीलामवाद दायर करने को कहा है। जिले में अब 335 फर्जी टीईटी शिक्षक पकड़े गए हैं। उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई जा चुकी है।

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