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सरकार नियोजित शिक्षकों के साथ कर रही है नाइंसाफी

नवनियुक्त माध्यमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष संजीत कुमार शर्मा एवं जिला सचिव राणा रणजीत कुमार ने संयुक्त रूप से प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि राज्य सरकार नियोजित शिक्षकों एवं पुस्तकालयाध्यक्षों के साथ नाइंसाफी कर रही है।
उच्चतम न्यायालय में एन केन प्रकारेण स्व सृजित अपना पक्ष  रखकर सुप्रीम कोर्ट  को भी दिग्भ्रमित करने पर तुली है। नेताओं ने कहा कि नियोजित शिक्षकों एवं पुस्तकालय अध्यक्षों के मामले में राज्य सरकार के वकील गलत एवं मनगढ़ंत रिपोर्ट पेश कर रही है । नियमित शिक्षकों के भांति नियोजित शिक्षक भी  सरकारी कार्य सहित शिक्षण कार्य करते हैं। बावजूद राज्य सरकार हमलोगों के साथ भेदभाव वर्षों से करती आ रही है। समान वेतन नियोजित शिक्षकों एवं पुस्तकालय अध्यक्षों का जायज एवं न्याय संगत मांग है जिसे  राज्य सरकार वर्षों से उपेक्षित कर दोरंगी नीति अपना रही है। राज्य व केंद्र सरकार समान वेतन की मांग पर अड़ियल रुख अपनाए हुए हैं जिससे सुबे के 4 लाख नियोजित शिक्षक कुंठित एवं आक्रोशित हैं । परिणाम स्वरुप गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रभावित होना लाजमी है । नेताओं ने कहा कि यदि ससमय राज्य सरकार नहीं जागृत होती है तोआगामी लोस चुनाव में राज्य के तमाम नियोजित शिक्षक एवं पुस्तकालय अध्यक्ष राज्य सरकार एवं उसके समर्थित पार्टी को धूल चटाने का काम करेगा। समान वेतन को लेकर राज्य के तमाम नियोजित शिक्षक एवं पुस्तकालय अध्यक्ष संघर्षरत होकर वर्षों से मांग कर रहे हैं परंतु सरकार गूंगी-व बहरी बनी हुई है। उच्च न्यायालय पटना के न्याय निर्णय के विरोध में राज्य सरकार उच्चतम न्यायालय नई दिल्ली में एसएलपी दायर करने को तुली हुई है जिसे सूबे नियोजित शिक्षक  एवं पुस्तकालयाध्यक्ष उनकी मंशा पर पानी फेरने का काम करेंगे और मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट का न्याय निर्णय नियोजित शिक्षकों के पक्ष में होगा।

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