पटनाः बिहार के नियोजित शिक्षकों को समान काम के लिए समान
वेतन देने का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। सरकार के इस फैसले पर
सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी व्यक्त की है। उन्होंने अगली सुनवाई के लिए 27
मार्च की तिथि तय की गई है।
जानकारी के अनुसार, समान काम के लिए समान वेतन मामले में बिहार के मुख्य
सचिव अंजनी कुमार के नेतृत्व में गठित कमेटी द्वारा एक रिपोर्ट सुप्रीम
कोर्ट को सौंपी गई थी। इस रिपोर्ट पर सुप्रीम कोर्ट ने असंतुष्टि प्रकट की
है। उन्होंने कहा कि नियोजित शिक्षकों का वेतन चपरासी के वेतन से कम क्यों
है।
सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि जब चपरासी का वेतन 36 हजार है फिर
नियोजित शिक्षकों का वेतन 26 हजार क्यों? बिहार राज्य माध्यमिक शिक्षक संघ
ने इस मामले को लेकर राज्य सरकार पर जमकर हमला बोला है। उनको उम्मीद है कि
उन्हें कोर्ट से इस मामले में न्याय मिलेगा।