अररिया । पिछले कई दिनों से चल रही है कल्याण विभाग में छात्रवृति राशि
गबन की जांच से घोटाले का राज खुलने लगा हैं। वहीं जिला प्रशासन के कड़े
तेवर देख विभिन्न विद्यालयों में भेजी गई अतिरिक्त राशि विभाग को लगातार
वापस लौटने लगा है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शुक्रवार तक विभिन्न विद्यालयों से दो करोड़ बीस लाख की राशि विभाग को वापस लौटाई गई है। वहीं भय के खौफ से भ्रष्ट कर्मी एवं विचौलियों में डर बना हुआ है। वे अपने गर्दन फंसते देख जान बचाने के लिए छटपटा रहे हैं । इस मामले में करीब डेढ़ दर्जन आरोपियों के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। वहीं आधा दर्जन से अधिक घोटाले में संलिप्त नियोजित शिक्षकों एवं तीन बीआरपी के विरूद्ध निलंबन की कार्रवाई के लिए शिक्षा विभाग से पत्र निर्गत किया गया है। इस घोटाले में कुल कितने लोग शामिल थे इस का खुलासा जांच पूरी होने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा।
जांच से पूर्व राशि लौटाने पर नहीं होगी कार्रवाई
वहीं डीएम हिमांशु शर्मा ने निर्देश दिया है कि निर्धारित समय के भीतर जिन विद्यालयों में अतिरिक्त राशि चली गई है यदि वह स्वत: राशि वापस कर कर देते हैं तो उनके विरूद्ध कार्रवाई नहीं की जाएगी। इस संबंध में जिला शिक्षा कार्यालय से सभी बीईओ व प्रधानाध्यापकों को पत्र भी निर्गत किया गया था। इसका असर भी दिख रहा है। बड़े पैमाने पर लगातार राशि लौट भी रही है। वहीं दूसरी ओर लगातार चल रही जांच प्रक्रिया में नए नए घोटाले का सूत्र जांच अधिकारी को मिल रहा है।
- पचास से अधिक उवि पाई गई अनियमितता
प्रारंभिक विद्यालयों में कल्याण विभाग द्वारा भेजी गई राशि की जांच करीब करीब पूरी हो गई है। अब तक के जांच में जिले के पचास से अधिक विद्यालयों की जांच की गई है। कुल एक सौ सोलह उच्च विद्यालयों में इस वर्ष की द्वितीय किस्त की भेजी गई राशि की जांच चल रही है। पचास से अधिक ऐसे उच्च् विद्यालय हैं जहां डिमांड सूची और कल्याण विभाग से भेजी गई राशि की सूची भिन्नता है। जांच के क्रम में घोटाले की बु आती है। हालांकि अबतक उच्च विद्यालयों में कितने राशि का गबन है यह अधिकारिक रूप से पुष्टि नहीं हो पाया है। लेकिन इतना तय है कि घोटाला लाखों भी हुआ है इसका संकेत स्पष्ट रूप से मिल रहा है।
क्या कहतें है अधिकारी
जिला शिक्षा पदाधिकारी डा. फैयाजुरर्हमान ने बताया कि तेजी से जांच चल रही है। इस जांच में कई अधिकारी व कर्मियों को नियुक्त किया गया है। जांच पूरी होने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि कितने राशि का गबन हुआ है। हालांकि लगातार विभिन्न विद्यालयों में भेजी गई अतिरिक्त राशि विभाग को विभाग को लौटाई जा रही ह
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सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शुक्रवार तक विभिन्न विद्यालयों से दो करोड़ बीस लाख की राशि विभाग को वापस लौटाई गई है। वहीं भय के खौफ से भ्रष्ट कर्मी एवं विचौलियों में डर बना हुआ है। वे अपने गर्दन फंसते देख जान बचाने के लिए छटपटा रहे हैं । इस मामले में करीब डेढ़ दर्जन आरोपियों के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। वहीं आधा दर्जन से अधिक घोटाले में संलिप्त नियोजित शिक्षकों एवं तीन बीआरपी के विरूद्ध निलंबन की कार्रवाई के लिए शिक्षा विभाग से पत्र निर्गत किया गया है। इस घोटाले में कुल कितने लोग शामिल थे इस का खुलासा जांच पूरी होने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा।
जांच से पूर्व राशि लौटाने पर नहीं होगी कार्रवाई
वहीं डीएम हिमांशु शर्मा ने निर्देश दिया है कि निर्धारित समय के भीतर जिन विद्यालयों में अतिरिक्त राशि चली गई है यदि वह स्वत: राशि वापस कर कर देते हैं तो उनके विरूद्ध कार्रवाई नहीं की जाएगी। इस संबंध में जिला शिक्षा कार्यालय से सभी बीईओ व प्रधानाध्यापकों को पत्र भी निर्गत किया गया था। इसका असर भी दिख रहा है। बड़े पैमाने पर लगातार राशि लौट भी रही है। वहीं दूसरी ओर लगातार चल रही जांच प्रक्रिया में नए नए घोटाले का सूत्र जांच अधिकारी को मिल रहा है।
- पचास से अधिक उवि पाई गई अनियमितता
प्रारंभिक विद्यालयों में कल्याण विभाग द्वारा भेजी गई राशि की जांच करीब करीब पूरी हो गई है। अब तक के जांच में जिले के पचास से अधिक विद्यालयों की जांच की गई है। कुल एक सौ सोलह उच्च विद्यालयों में इस वर्ष की द्वितीय किस्त की भेजी गई राशि की जांच चल रही है। पचास से अधिक ऐसे उच्च् विद्यालय हैं जहां डिमांड सूची और कल्याण विभाग से भेजी गई राशि की सूची भिन्नता है। जांच के क्रम में घोटाले की बु आती है। हालांकि अबतक उच्च विद्यालयों में कितने राशि का गबन है यह अधिकारिक रूप से पुष्टि नहीं हो पाया है। लेकिन इतना तय है कि घोटाला लाखों भी हुआ है इसका संकेत स्पष्ट रूप से मिल रहा है।
क्या कहतें है अधिकारी
जिला शिक्षा पदाधिकारी डा. फैयाजुरर्हमान ने बताया कि तेजी से जांच चल रही है। इस जांच में कई अधिकारी व कर्मियों को नियुक्त किया गया है। जांच पूरी होने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि कितने राशि का गबन हुआ है। हालांकि लगातार विभिन्न विद्यालयों में भेजी गई अतिरिक्त राशि विभाग को विभाग को लौटाई जा रही ह
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