कैमूर। दुर्गावती प्रखंड के अवर्हियां पंचायत में शिक्षक बहाली के मामले में एक नया मोड़ सामने आया है। यहां के शिक्षक बहाली पर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ने सवाल उठाया है। गौरतलब है कि अवर्हियां पंचायत में वहां के मुखिया व पंचायत सचिव द्वारा दिसम्बर 2014 में चार शिक्षकों को प्राधिकार को गुमराह कर शिक्षक बना दिया गया है। बड़ा सवाल यह कि 2008 की अधूरी बहाली छह साल बाद 2014 में कैसे हुई।
बता दें कि प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी दुर्गावती ने जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना को इसकी लिखित सूचना देते हुए अवर्हियां पंचायत में बहाल हुए शिक्षकों को अवैध ठहराया है। उन्होंने बताया कि 2008 के सभी रिक्तियों को 2012 में समाहित कर दिया गया था और 2012 के रिक्तियों के आधार पर नियोजन इकाई द्वारा आवेदन की मांग की गई थी। जिसके आधार पर मेधा सूची तैयार कर शिक्षक की बहाली हुई है। इस तरह तो एक रिक्ती पर 2 शिक्षक बहाल हुए है।
बोले पदाधिकारी -
इस संबंध में पूछे जाने पर बीईओ दुर्गावती कृष्ण नंदन शर्मा ने बताया कि फर्जी शिक्षकों का पता लगाना काफी कठिन काम है। फर्जी योग्यता प्रमाण पत्र के आधार पर फर्जी तरीके से बहाल हुए शिक्षकों का मामला हर दिन बेनकाब हो रहा है। अभी दो दिन पहले दुर्गावती प्रखंड के अवर्हियां पंचायत की नियोजन इकाई द्वारा फर्जी तरीके से एक शिक्षक की बहाली का मामला इन दिनों चर्चा में हैं। कारण यह कि पंचायत के मुखिया विनोद राय, व पंचायत सचिव रवीन्द्र राम ने 2005 के एक ऐसे आवेदक को शिक्षक बना दिया जो बीए पास नहीं है। बीईओ ने बताया कि सभी अवैध रूप से बहाल शिक्षकों के विरूद्ध विभागीय कार्रवाई किये जाने के लिए वरीय अधिकारियों को लिखा गया है।
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