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इस्तीफा नहीं देनेवाले फर्जी शिक्षक जायेंगे जेल : बिहार शिक्षक नियोजन Latest Updates

जहानाबाद (नगर) : फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर शिक्षक बने लोग स्वेच्छा से त्याग पत्र दे दें. हाइकोर्ट द्वारा निर्धारित समय सीमा के अंदर त्यागपत्र देनेवालों पर कार्रवाई नहीं होगी, बल्कि त्यागपत्र के दिन तक का वेतन दिया जायेगा. समय सीमा के अंदर त्याग पत्र नहीं देनेवाले फर्जी शिक्षकों को जेल की हवा खानी पड़ेगी.
उक्त बातें जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना उपेंद्र सिंह ने बीइओ की बैठक में कही. उन्होंने बताया कि 21 जुलाई को नियोजित शिक्षकों से संबंधित फर्जी प्रमाणपत्रों की जांच के लिए राज्य स्तर पर सभी डीपीओ स्थापना की बैठक बुलायी गयी थी, जिसमें निगरानी विभाग के पदाधिकारी भी उपस्थित थे.
 बैठक में बताया गया कि फर्जी शिक्षकों की जांच से संबंधित कार्रवाई शुरू कर दी गयी है. जांचोपरांत गलत पाये जानेवालों पर कानूनी कार्रवाई की जायेगी. उन्होंने बताया कि टीइटी के आधार पर बहाल शिक्षकों की भी जांच आरंभ हो गयी है. अमान्य संस्था द्वारा प्राप्त प्रमाणपत्र के आधार पर बहाल शिक्षकों को भी चिह्न्ति कर हटाने का निर्देश प्राप्त हुआ है. डीपीओ ने सभी बीइओ को निर्देश दिया कि नियोजित शिक्षकों से संबंधित जो भी पंचायत सेवक या नियोजन इकाई फोल्डर जमा नहीं करते हैं, वैसे पंचायत सेवक व नियोजन इकाई के विरुद्ध निगरानी विभाग, डीएम व बीडीओ को सूचित किया जायेगा. 
इनके खिलाफ भी कड़ी से कड़ी कानूनी कार्रवाई की जायेगी. डीपीओ ने सभी बीइओ को निर्देश दिया है की अगर फर्जी शिक्षक स्वेच्छा से त्यागपत्र देते हैं, तो उसकी सूची तत्काल स्थापना कार्यालय को उपलब्ध कराएं. उन्होंने यह भी बताया कि नियोजित शिक्षकों की मेधा सूची पर अंकित अंक पत्र व प्रमाणपत्रों की भी जांच करायी जायेगी. साथ ही उन्होंने बीइओ को निर्देश दिया की अनावश्यक रूप से कार्यालय या विद्यालय में प्रतिनियोजित शिक्षकों का प्रतिनियोजन रद्द न करें.

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