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अफसरों की लापरवाही का शिकार हो रहे स्कूल, कई विद्यालय में मात्र दो ही शिक्षक

मैरवा | विभागीय अनियमितता की वजह से प्रखंड के कई विद्यालयों में पठन-पाठन की व्यवस्था काफी लचर हो गई है। प्रखंड के कई विद्यालय शिक्षकों की कमी से जूझ रहे हैं। विद्यालय में छात्र शिक्षक अनुपात में काफी अंतर है। जिसकी वजह से विद्यालयों में पठन-पाठन प्रभावित हुआ है।
पूर्व से ही विभागीय व्यवस्था के दोष के कारण प्रखंड के कई विद्यालयों में शिक्षकों तथा छात्रों के अनुपात में काफी अंतर था। लेकिन पुराने शिक्षकों के स्नातक ग्रेड में प्रमोशन की वजह से कई विद्यालय शिक्षकों की कमी से जूझने लगा है। किसी किसी विद्यालय में 300 से अधिक बच्चों के बीच केवल दो ही शिक्षक उपलब्ध हैं। ऐसे में विद्यालयों में पठन पाठन की व्यवस्था की कल्पना की जा सकती है। एक तरफ सरकार गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की बात करती है तो दूसरी तरफ शिक्षण जैसे प्रधान संसाधन का ही अभाव है। मैरवा के टाउन मध्य विद्यालय में लगभग 318 नामांकित छात्रों के बीच केवल दो ही शिक्षक मौजूद हैं। इतनी अधिक छात्र संख्या पर तीन कक्षाओं के लिए दो शिक्षकों द्वारा पठन पाठन का कार्य किया जाना कैसे संभव होता होगा यह शोचनीय है। यदि इन दो शिक्षकों में किसी ने अवकाश ले लिया तो अकेला शिक्षक विद्यालय कैसे चला पता होगा यह चिंतन का विषय है। वहीं नवकाटोला उत्क्रमि त मध्य विद्यालय नवकाटोला में 250 छात्रों के बीच केवल तीन ही शिक्षक मौजूद हैं। उसमें भी एक शिक्षक बीआरपी के पद पर हैं जिससे विद्यालय में पठन पाठन के लिए दो ही शिक्षक की उपलब्धता है। यहां भी वहीं दशा विद्यमान है। कहीं छात्रों के अनुपात से शिक्षक ही अधिक हैं, तो कहीं बच्चों की संख्या के अनुसार शिक्षक ही नहीं।

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