अतिथि शिक्षक के लिए आवेदन निकला। डिग्री के साथ योग्यता थी तो आनन-फानन
में आवेदन कर दिया। चयन प्रक्रिया के अंतिम दौर में भी पहुंच गये। लेकिन
अब आगे की चुनौती का डर अतिथि शिक्षकों में इतना है कि पढ़ाने से पहले खुद
पढ़ाने की ट्रेनिंग ले रहे हैं। यह स्थिति एक नहीं बल्कि कई अतिथि शिक्षकों
की है।
स्कूल में नियुक्त होने के पहले अतिथि शिक्षक पढ़ाने का अनुभव ले रहे
हैं। कई शिक्षक जहां कोचिंग संस्थान में 10वीं और 12वीं के छात्रों को पढ़ा
रहे हैं तो वहीं कई अपने घर और प्राइवेट स्कूल को ज्वाइन कर पढ़ाने का
अभ्यास कर रहे हैं। पटना जिले के उच्च माध्यमिक विद्यालय में कुल 520 अतिथि
शिक्षकों की नियुक्ति छह विषयों में होनी है। इसमें कई अतिथि शिक्षकों ने
दस साल पहले पीजी के साथ बीएड की डिग्री ली। विषय की अब जानकारी लगभग नहीं
है। सिलेबस जानते नहीं है। केवी सहाय हाई स्कूल में छपरा से आए रोहित कुमार
ने बताया कि भौतिकी विषय के लिए अतिथि शिक्षक के लिए हूं। सिलेबस के
अनुसार पढ़ाने का अभ्यास कर रहा हूं।
नौकरी छोड़ आए हैं शिक्षक
अतिथि शिक्षक के लिए कई आवेदकों ने अपनी नौकरी छोड़ दी है। सरकारी नौकरी
करने की चाहत से अतिथि शिक्षक के लिए आवेदन दिया था। इनमें से कई योग्यता
नहीं होने के कारण बाहर भी हो गये हैं।
केस - 1
दीपक कुमार पिछले दस साल से झांसी में एकाउंटेंट की नौकरी कर रहे थे।
डिग्री के कारण दीपक का नाम अतिथि शिक्षक में आया है। लेकिन दीपक को स्कूल
में पढ़ाने का कोई अनुभव नहीं है। अब वे प्राइवेट कोचिंग संस्थान ज्वॉइन कर
पढ़ाने की ट्रेनिंग ले रहे हैं।
केस - 2
रश्मि कुमारी पीजी के साथ बीएड की हुई है। लेकिन पिछले आठ साल से गृहिणी
है। अतिथि शिक्षक के लिए आवेदन भरा। मेरिट सूची में नाम आ गया। अब रश्मि
परेशान है कि वो कैसे पढ़ायेंगी। वह अब एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ाकर अभ्यास
कर रही हैं।