बिहार बोर्ड द्वारा इंटर की प्रैक्टिकल परीक्षा शुरू हो चुकी हैं. पर
सेंटर पर पहुंचे इंटरमीडियट छात्रों को बेसिक ज्ञान भी नहीं हैं.
इंटरमीडिएट की परीक्षा का प्रेक्टिकल देने आए इन छात्रों को देखने और बात
करने पर शिक्षा की स्थिति का पोल खुल जाता है।
सेंटर पर प्रैक्टिकल परीक्षा
देने पहुंचे छात्रों को यह तक पता नहीं है कि प्रैक्टिकल है क्या? और यह
होगा कैसे? अथवा उन्हें प्रैक्टिकल परीक्षा में करना क्या है? शिक्षा
व्यवस्था के लिए इससे बड़ी दुःखद बात क्या हो सकती है।
सूत्रों के मुताबिक गुरूवार को केमिस्ट्री का प्रैक्टिकल देने आए छात्र –
छात्राओं को लिटमस पेपर के बारे में अता- पता नहीं था. वहीं, फिजिक्स के
छात्रों ने आज तक न तो कोई लेंस देखें थे और न ही स्कूल में कभी उनसे
प्रैक्टिकल कभी कराया गया है. इस तरह से कैसे बिहार की शिक्षा को
गुणवत्तापूर्ण आयाम देने का दावा कर रही है सरकार और शिक्षा विभाग।
यही नहीं, इन छात्रों से उनके कोर्स से जुड़े आसान से सवाल किए गए तो
छात्रों की हालत देखने लायक थी. हालांकि बिहार बोर्ड ने बावजूद इसके एक
अच्छे रिजल्ट का दावा किया है