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वेतन विसंगति की मार झेल रहे प्रशिक्षित शिक्षक

रोहतास। राज्य सरकार द्वारा जुलाई 2015 से नियोजित शिक्षकों को नया वेतनमान निर्धारण किया गया है। जिसके चलते 2006 में बहाल हुए प्रशिक्षित शिक्षकों को वेतन विसंगति के कारण अप्रशिक्षित शिक्षकों से भी कम वेतन कम मिल रहा है।
प्रशिक्षित शिक्षक दीनानाथ ओझा, मोहन ¨सह, निता कुमारी, सुधा कुमारी, देवेंद्र तिवारी, रामदुलारी देवी, विद्यावती कुमारी समेत अन्य का कहना है कि सरकार द्वारा निर्धारित नए वेतनमान मे बहुत खामियां हैं। जिसका खामियाजा प्रशिक्षित शिक्षकों को झेलना पड़ रहा है। कहा कि इस संबंध में वेतन निर्धारण समिति के अध्यक्ष जेएस कंग को लिखित शिकायत की गई थी। लेकिन इसे सुधारने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया।

बताते चलें कि 2003 व 2005 मे बहाल शिक्षामित्रों को जुलाई 2006 में बिहार सरकार अप्रशिक्षित शिक्षक के रूप में नीयत वेतन चार हजार रुपये मासिक देने की घोषणा की थी। शिक्षा विभाग की नियमावली 2006 के अनुसार प्रशिक्षित शिक्षकों को पांच हजार व अप्रशिक्षित शिक्षकों को चार हजार रुपये मासिक वेतन पर बहाल किया गया था। बाद में हर तीन वर्ष पर प्रशिक्षित शिक्षकों को 170 रुपये व अप्रशिक्षित शिक्षकों के लिए सौ रुपये बढ़ोत्तरी की जाती रही। जुलाई 2015 से पहले प्रशिक्षित शिक्षकों को 11 हजार 340 व अप्रशिक्षित को लगभग 10 हजार रुपये मिलते थे। लेकिन जुलाई 2015 के बाद प्रशिक्षित को 17 हजार 337 व अप्रशिक्षित को 17 हजार 850 रुपये मिलने लगा। उसी अनुपात मे शिक्षकों को वेतन वृद्धि का लाभ भी मिल रहा है। इस संबंध मे प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी केके ¨सह का कहना है कि राज्य सरकार द्वारा ही शिक्षकों के वेतन का साफ्टवेयर तैयार किया गया है। उसी के अनुरूप शिक्षकों को वेतन दिया जाता है।

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