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स्कूल में छात्रों से शिक्षक भी पूछेंगे कि किसके घर में शौचालय है और किसके घर में नहीं

पटना: प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ) आम लोगों से मिलने पर अब यह नहीं पूछेंगे कि बताइए, क्या काम है? जैसे ही आप बीडीओ से उनके चैंबर में मिलेंगे, तो वे पहला सवाल शौचालय को लेकर पूछेंगे. बीडीओ पूछेंगे कि अापके घर में शौचालय  है या नहीं? अगर शौचालय नहीं बना है, तो इसका निर्माण क्यों नहीं करा रहे हैं? फिर बीडीओ साहब परामर्श देंगे कि आप पंचायत में इसके लिए संपर्क कर शौचालय का जल्द निर्माण करा लें. इसके बाद ही वे आपके काम की बात सुनेंगे. ग्रामीण विकास विभाग सभी बीडीओ को ऐसा निर्देश भेजने की तैयारी में जुटा है. इसी तरह का सवाल हर दिन सरकारी स्कूलों में पढ़नेवाले बच्चों से भी पूछा जायेगा.

 ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि  इस प्रकार का निर्देश विभाग द्वारा सभी पदाधिकारियों को जारी किया जायेगा.  प्रखंड में जनप्रतिनिधियों के साथ आम लोग बीडीओ से सड़क, पानी, कृषि,  राजस्व, लगान, मुख्यमंत्री योजना के तहत चलाये जाने वाले कार्यों, सामाजिक  सुरक्षा योजना सहित अन्य कार्यों के लिए मिलते हैं. अब अधिकारियों को यह  जिम्मेवारी दी जायेगी कि वे आम लोगों के बीच इस तरह का जागरूकता अभियान  चलाये. 
 
ग्रामीण विकास मंत्री ने बताया कि वह खुद अपनी हर सभा में शौचालय को  लेकर सवाल पूछते हैं. उनलोगों को हाथ उठाने को कहते हैं, जिन्होंने अपने घर  में शौचालय निर्माण करा लिया है. साथ ही किसी भी सड़क, पुल-पुलिया के  उद्घाटन समारोह में भी पहली चर्चा शौचालय को लेकर की जाती है. उन्होंने  बताया कि सरकार स्कूलों को भी निर्देश देनेवाली है कि कक्षा में बच्चों से  यह पूछा जायेगा कि किनके घर में शौचालय है या नहीं? यह एक बड़ा अभियान  चलाने की तैयारी की जा रही है.

इसके बाद सरकार हर घर तक स्वच्छता का संदेश  पहुंचाने का अभियान चलाने जा रही है.  राज्य को 2019 तक खुले में शौच से मुक्त कराने के लिए स्वच्छ भारत अभियान और लोहिया स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है. इन अभियानों को सफल बनाने के लिए जन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. अब तक यह काम विभिन्न संगठनों द्वारा करने से पहले सरकार अपने पदाधिकारियों को ही निर्देश दे रही है कि वे हर व्यक्ति को शौचालय निर्माण के लिए प्रेरित करें. बीडीओ, एसडीओ व डीडीसी से मिलने के लिए हर दिन लोग जाते हैं. अब इन पदाधिकारियों से मिलनेवालों को पहले यह बताना होगा कि उनके घर में शौचालय का निर्माण हुआ है या नहीं. मिलते ही पदाधिकारी यह सवाल पूछेंगे. श्रवण कुमार ने बताया कि विभाग की ओर से पंचायत स्तर तक के सभी निर्वाचित जनप्रतिनिधियों, जिनमें मुखिया, वार्ड सदस्य, सरपंच, पंच, पंचायत समिति सदस्य, जिला पार्षद को भी शौचालय निर्माण कराने को कहा गया है. 

दो अक्तूबर, 2019 तक पूरे राज्य को ओडीएफ घोषित करने का लक्ष्य  

पूरे बिहार को दो अक्तूबर, 2019 तक खुले में शौच से मुक्त करने का लक्ष्य तय है. राज्य में अब तक सीतामढ़ी जिले का बेलसंड अनुमंडल को ओडीएफ घोषित किया गया है. इसी तरह से खुले में शौच से मुक्त प्रखंडों में पश्चिम चंपारण का पिपरासी, रोहतास के संझौली, सूर्यपुरा, नोखा व तिलौथू,  सीतामढ़ी के बेलसंड, परसौनी व नानपुर, नालंदा का राजगीर, खगड़िया का मानसी, गोपालगंज का थावे, बक्सर का केसठ, कैमूर का भगवानपुर, मुंगेर का असरगंज शामिल हैं.

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