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दर्पण तोड़ने से नहीं छिपती सच्चाई

 वैशाली। अखबार समाज का दर्पण है। इस आईना को तोड़ देने से सच छिपता नहीं बल्कि और स्पष्ट होकर उभर जाता है। सीवान में हिन्दुस्तान के ब्यूराचीफ राजदेव रंजन की जघन्य हत्या ने न केवल मीडिया जगत बल्कि देश के तमाम प्रबुद्ध जनों को स्तब्ध कर दिया है।
जब सरकार तक जनता की पीड़ा और समाज की आवाज उठाने वालों को ही मार गिराया जायेगा तब लोकतंत्र की रक्षा कौन करेगा यह एक अहम सवाल है। अभिव्यक्ति की आजादी को हत्या की राजनीति से कभी पराजित नहीं किया जा सकता।
ये बातें पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या पर सोनपुर में रविवार को बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ तथा प्रखंड भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा आयोजित श्रद्धाजंलि सभा में वक्ताओं ने कही। शिक्षक संघ ने एसपीएस सेमिनरी में जबकि भारतीय जनता पार्टी ने बाकरपुर हाट परिसर में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया। इस मौके पर भाजपा मानवाधिकार मंच के प्रदेश मंत्री लाल बाबू ¨सह कुशवाहा ने कहा कि बिहार में जंगल राज की पुन: वापसी हो चुकी है। दिवंगत रंजन कि हत्या लोकतंत्र पर सीधा प्रहार है। जब पत्रकार ही मारे जा रहें हैं तब आजनों का क्या होगा? उन्होंने आश्रित को नौकरी तथा 25 लाख मुआवजा दिये जाने कि मांग की।

इस क्रम में प्रखंड पैक्स संघ के अध्यक्ष शिवबच्चन ¨सह, रामविनोद ¨सह, सत्येंद्र ¨सह, घन्श्याम ¨सह, राजेश्वर ¨सह, धनंजय ¨सह, रामेश्वर दूबे, विनय कुमार ¨सह, विजय कुमार मन्नु आदि ने पत्रकार के हत्यारों की अविलंब गिरफ्तारी की मांग की। दूसरी ओर शिक्षक संघ के तत्वावधान में आयोजित श्रद्धाजंलि सभा की अध्यक्षता करते हुए शिक्षक संघ के प्रखंड अध्यक्ष रणविजय कुमार ने कहा कि यह घटना बिहार की कानून व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह है।
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