वैशाली। विगत चार माह से शिक्षकों को वेतन का भुगतान नहीं किया जा रहा
है। यहां तक कि दशहरा एवं मुहर्रम जैसे महत्वपूर्ण त्योहार बीत जाने के
बावजूद आज तक वेतन का भुगतान नहीं किया गया है। अब दीपावली एवं छठ जैसे
महापर्व भी गिनती के महज दस से पंद्रह दिन के बाद है। लेकिन आज तक वेतन का
भुगतान नहीं किया गया है जिसके कारण शिक्षकों में रोष व आक्रोश देखा जा रहा
है।
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वेतन निर्धारण में देरी पर अनशन आज से
मुजफ्फरपुर : परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ तीन नवंबर से आमरण अनशन
करेगा। क्योंकि शिक्षा विभाग के अधिकारी जान-बूझकर वेतन निर्धारण में देरी
कर रहे हैं। इसी वजह से दुर्गा पूजा में शिक्षकों के वेतन का भुगतान नहीं
हो सका। जबकि सरकार ने इसके लिए निर्देश दिया था। संघ के प्रमंडलीय संगठन
प्रभारी ने बताया कि वेतन भुगतान होने तक अनशन जारी रहेगा।
नियोजित शिक्षकों को नए वेतन का भुगतान शुरू
दरभंगा। नियोजित शिक्षकों को नए वेतनमान के तहत राशि का भुगतान शुरू हो
गया है। अब तक 5 हजार से अधिक पंचायत और प्रखंड शिक्षकों का वेतन निर्धारण
उनके प्रपत्र के अनुसार कर दिया गया है। डीईओ दीप नारायण यादव ने अब वेतन
निर्धारण के लिए सेवा पुस्तिका की शर्त भी हटा ली है और कहा है कि जिनकी
सेवा पुस्तिका का संधारण नहीं हो सका है वे केवल वेतन निर्धारण प्रपत्र ही
सर्मिपत कर दें।
दीपावली पूर्व मिलेगा नियोजित शिक्षकों को वेतन
वैशाली। शिक्षक संघ के प्रतिनिधिमंडल के साथ जिला शिक्षा पदाधिकारी एवं
जिला कार्यक्रम पदाधिकारी की हुई वार्ता के दौरान जिला शिक्षा पदाधिकारी ने
शिक्षकों के बकाये वेतन का भुगतान दीपावली के पूर्व हो जाने का आश्वासन
दिया। वार्ता के दौरान जिला शिक्षा पदाधिकारी ने भी यह माना कि संबंधित
पदाधिकारियों की शिथिलता के कारण ही वेतन भुगतान में विलंब हुआ है।
बिहार में शिक्षकों की रिक्तियां डेढ़ लाख से ज्यादा, बहाली हजार में
राज्य में माध्यमिक व उच्च माध्यमिक स्कूलों में लाखों शिक्षकों के पद रिक्त हैं, लेकिन इनके हिसाब से रिक्तियां नहीं निकाली जा रही हैं। एक तरफ सरकार ने खुद राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) को वर्ष 2013 में एक प्रस्ताव भेज कर सूचित किया था कि राज्य में माध्यमिक व उच्च माध्यमिक में लगभग एक लाख 65 हजार शिक्षकों के पद रिक्त हैं। सरकार ने एनसीटीई को छह वर्षों में रिक्तियों की सूची भेजी थी, पर इसके हिसाब से शिक्षकों का नियोजन नहीं किया गया।
शिक्षकों के अभाव में पढ़ाई बाधित
अरवल। सदर प्रखंड स्थित +2 उच्च विद्यालय उमैराबाद में शिक्षकों की कमी
के कारण पठन-पाठन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। अक्सर पढ़ाई बाधित रहने के
कारण छात्र-छात्राओं को ट़्यूशन व कोचिंग का सहारा लेना पड़ता है। विद्यालय
में माध्यमिक शिक्षकों 19 पद सृजित है। वर्तमान में प्रधानाध्यापक सहित
मात्र आठ ही शिक्षक पदस्थापित हैं।
शिक्षक वेतन निर्धारण को लेकर दरभंगा डीईओ को नोटिस
पटना. शिक्षा
विभाग ने नियोजित शिक्षकों के वेतन निर्धारण को लेकर दरभंगा के डीईओ दीप
नारायण सिंह को नोटिस जारि किया है। विभाग ने कहा है कि शिक्षकों के द्वारा
यह लगातार शिकायत आ रही है कि उनके वेतन निर्धिरण में उनसे पैसे की मांग
की जा रही है।शिक्षकों की इस आरोप पर आप अपना पक्ष रखें। विभाग ने सभी जिलों को कहा
है कि नये वेतनमान के आधार पर नियोजित शिक्षकों का वेतन निर्धारण की कार्य
जल्द पूरा करें। ताकि दिवाली के पहले सभी नियोजित शिक्षकों को नया वेतन
निश्चित रूप से मिल जाय।
प्लस टू और उच्चतर शिक्षकों के सर्टिफिकेट की जांच पूरी
नालंदा। बिहारशरीफ के प्लस टू, उच्चतर शिक्षकों के सर्टिफिकेट जांच पूरी
हो चुकी है। इसमें 40 से 45 प्रतिशत तक शिक्षकों के प्रमाण पत्र फर्जी
पाये गये हैं। मामले का खुलासा करते हुए डीईओ योगेश चन्द्र ने बताया कि
निगरानी द्वारा जानकारी मिली है कि प्लस टू और उच्चतर शिक्षकों के
सर्टिफिकेट जांच पूरी कर ली गयी है। इसमें 40 से 45 प्रतिशत शिक्षकों के
प्रमाण पत्र फर्जी पाये गये हैं। चुनाव के बाद निगरानी द्वारा सूची मिलने
के बाद फर्जी शिक्षकों पर कार्रवाई की जाएगी।
बिहार में शिक्षकों की रिक्तियां डेढ़ लाख से ज्यादा, बहाली हजार में
पटना। युवा रिपोर्टर राज्य में माध्यमिक व उच्च माध्यमिक स्कूलों में लाखों शिक्षकों के पद
रिक्त हैं, लेकिन इनके हिसाब से रिक्तियां नहीं निकाली जा रही हैं। एक तरफ
सरकार ने खुद राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) को वर्ष 2013 में
एक प्रस्ताव भेज कर सूचित किया था कि राज्य में माध्यमिक व उच्च माध्यमिक
में लगभग एक लाख 65 हजार शिक्षकों के पद रिक्त हैं।
फर्जी प्रमाणपत्रों की जांच , बीस के बाद बीईओ पर एफआईआर
बक्सर । फर्जी प्रमाणपत्रों की जांच कर रही निगरानी को नियोजन इकाइयों
द्वारा शिक्षकों का फोल्डर उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है। जबकि, इसके लिए
विभाग ने सभी बीईओ को बीस अक्टूबर तक का समय दिया है। ऐसे में बीस के बाद
उन पर कार्रवाई होना तय है। जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना विनायक
पांडेय ने बताया कि अभी तक किसी नियोजन इकाई से फोल्डर उपलब्ध नहीं हुआ है।
वर्ष 2006 से अबतक नियोजित हुए 15 हजार 400 शिक्षक
वर्ष 2006 से अबतक नियोजित हुए 15 हजार 400 शिक्षक
जिले में वर्ष 2006 से अबतक प्रारंभिक स्तरीय 15 हजार 400 शिक्षकों का नियोजन हुआ है। इनमें से करीब एक हजार शिक्षकों ने अबतक अपना त्याग पत्र सौंप दिया है। हालांकि विभागीय स्तर पर त्याग पत्र सौंपन वाले प्रारंभिक स्तरीय शिक्षकों की संख्या अलग करने में विभाग जुटा हुआ है। जानकारी के अनुसार, वर्तमान समय में प्रारंभिक स्तरीय करीब 14 हजार शिक्षक अपनी सेवा दे रहे हैं।
जिले में वर्ष 2006 से अबतक प्रारंभिक स्तरीय 15 हजार 400 शिक्षकों का नियोजन हुआ है। इनमें से करीब एक हजार शिक्षकों ने अबतक अपना त्याग पत्र सौंप दिया है। हालांकि विभागीय स्तर पर त्याग पत्र सौंपन वाले प्रारंभिक स्तरीय शिक्षकों की संख्या अलग करने में विभाग जुटा हुआ है। जानकारी के अनुसार, वर्तमान समय में प्रारंभिक स्तरीय करीब 14 हजार शिक्षक अपनी सेवा दे रहे हैं।
दस प्रखंडों ने उपलब्ध कराए प्रारंभिक शिक्षकों के प्रमाणपत्र
मोतिहारी । नियोजित प्रारंभिक शिक्षकों के प्रमाणपत्रों को जमा करने की
प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसके तहत शनिवार तक जिले के कुल 27 में से दस
प्रखंडों से शिक्षकों के प्रमाणपत्रों को जिला मुख्यालय में जमा करा दिया
गया है। इन प्रखंडों में मोतिहारी, सुगौली, छौड़ादानों, पहाड़पुर, फेनहारा,
पीपराकोठी, हरसिद्धि, केसरिया, चकिया व रामगढ़वा शामिल है।
विभाग के खजाने में रखा रहा पैसा, शक्षिकों की जेब खाली
मुजफ्फरपुर: बिहार शिक्षा परियोजना राज्य कार्यालय से शिक्षकों के वेतन के लिए जिले को आवंटित 34 करोड़ रुपये शिक्षा विभाग के खजाने की शोभा बढ़ा रहे हैं, दशहरा जैसे प्रमुख पर्व पर भी शिक्षकों की जेब खाली ही है. महीनों से वेतन भुगतान की आस में बैठे शिक्षकों को दुर्गा पूजा में वेतन मिलने की उम्मीद थी, लेकिन विभागीय पेच में पूरा मामला ही उलझ कर रह गया है.
डीएम व निगरानी को शिक्षक से घूस लेनेवाला वीडियो देगा संघ
जमुई। प्रखंड मुख्यालय में अवस्थित बीआरसी भवन, गिद्धौर में जिला शिक्षा
पदाधिकारी के आदेशानुसार आयोजित वेतन निर्धारण शिविर में शिक्षकों से पाच-पाच सौ
रुपये घूस लेने के कथित आरोप से विभागीय कार्यकलाप पर सवालिया निशान लगना शुरू हो
गया है। वेतन निर्धारण के नाम पर शिक्षकों का प्रखंड पदाधिकारियों द्वारा शोषण किया जाना
शिक्षा विभाग की छवि को धूमिल कर रहा है।
वेतन निर्धारण के नाम पर उगाही
मधुबनी। वेतन निर्धारण हेतु सर्विस बुक जमा करने के एवज वरीय साधन सेवी पर लाखों
का अवैध उगाही करने का आरोप लगाते हुए प्रखंड के दर्जनों नियोजित शिक्षकों ने
शनिवार को बीआरसी अवस्थित उनके कमरे में तालाबन्दी कर बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक
शिक्षक संघ के प्रखंड अध्यक्ष जयप्रकाश की अध्यक्षता में प्रखंड संसाधन केन्द्र
प्रांगन में धरना पर बैठ गए।
शिक्षकों की कमी से पठन-पाठन प्रभावित
खगड़िया। विभागीय स्तर पर विद्यालयों में लगातार गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा के दावे
किए जाते रहे हैं। परंतु गोगरी में सरकारी उदासीनता व अधिकारियों की लापरवाही के
कारण सरकारी विद्यालयों में बच्चों को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा नहीं मिल पा रही है।
इसी का एक उदाहरण मध्य विद्यालय राटन भी है, जहा गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा में
शिक्षकों की कमी रोड़ा बना हुआ है।
डीईओ की फटकार बाद भी नहीं आया प्रतिवेदन
सहरसा। जहां जिले का शिक्षा विभाग प्रारंभिक विद्यालयों में कार्यरत नियोजित
शिक्षकों को पर्व से पूर्व नए वेतनमान देने के प्रयास में जुटा है। वहीं कई प्रखंड
के बीईओ इस कार्य में पलीता लगाने का कार्य कर रहे हैं। ताज्जुब तो यह है कि डीईओ
द्वारा बीईओ को इस मामले में कड़ी फटकार लगाए जाने के बावजूद शनिवार तक नवहट्टा,
सत्तरकटैया, महिषी सहित कई प्रखंडों के बीईओ ने नियोजित शिक्षकों के नए वेतनमान से
संबंधित कोई दस्तावेज जिला शिक्षा कार्यालय को उपलब्ध ही नहीं करवाया है।
बिहार चुनावः आधी आबादी ने उड़ाए दिग्गजों के होश
नवीन कुमार मिश्र, पटना। पहले और दूसरे चरण के
मतदान में महिलाओं की बढ़ी भागीदारी ने दिग्गज सियासतदांओं के होश उड़ा दिए हैं।
महिलाओं की मतदान के प्रति जागरूकता ने सियासी समीकरणों को गड़बड़ा दिया है। मतदान
के बाद अब सियासी पंडित ये गुणा-भाग करने में लगे हैं कि महिलाओं के वोट से किसे हो
रहा फायदा और किसे नुकसान।
मतदान का मोर्चा : डरा रही हैं महिलाएं
पटना [नवीन कुमार मिश्र]। महिलाओं यानी आधी आबादी का जिक्र छिड़ते ही अनायास
अबला की प्रतिमूर्ति उभरती है, मगर ये अबला महाबलियों को डरा रही हैं। महाबली वे जो
सत्ता पर काबिज हैं, सत्ता की दौड़ में हैं। वोटरों को घरों से निकाल कर बूथों तक
पहुंचाना राजनीतिक दलों के लिए चुनौती रही है, मगर महिलाएं जब बूथों पर पहुंचीं तो लोगों
का गणित गड़बड़ा रहा है। अब ये फोर्स हो गई हैं।
वेतनमान की लूट है लूट सके सो लूट
चारो तरफ लूटपाट का माहौल व्याप्त
है ।brc से लेकर जिला कार्यालय तक अधिकारी मुँह बाये देख रहे हैं ।प्रखण्ड
स्तरीय नेतृत्वकर्ताओं की नियुक्ति वसूली भाई के रूप में हो चुकी है
।एजेंट बनकर लोग गर्व महसूस कर रहे हैं । शिक्षकों के मसीहाओं का असली रूप
अब देखने को मिल रहा है ।
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