नई दिल्ली, जेएनएन। Sarkari naukri & Result 2019 Live Update: सरकारी नौकरी तैयारी करने वाले उम्मीदवारों के लिए कई महत्वपूर्ण सूचानाएं हैं। एक ओर जहां सीआईएसएफ ने 300 पदों पर भर्ती के लिए आवेदन मांगा है। वहीं, अशासकीय सहायताप्राप्त माध्यमिक कॉलेजों में भर्ती के लिए जो उम्मीदवार उम्मीद लगाएं बैठे हैं, उनको झटका लग सकता हैं। पदों की संख्या कम की जा सकती है।
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MPPSC भर्ती 2019 नोटिफिकेशन जारी – MPPSC Recruitment 2019 Apply Online Form
MPPSC Recruitment 2019 ( MPPSC Bharti 2019 ) मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग ने राज्य पात्रता परीक्षा के विभिन्न पदों के लिए भर्ती ( MPPSC Notification 2019 ) निकाली हैं ! यह बेरोजगार उम्मीदवारो के लिए सुनहरा मौका है | सभी आवेदकों को सूचित किया जाता हैं कि इस MPPSC Recruitment 2019 सरकारी भर्ती के लिए आवेदन करने से पहले आवश्यक जानकारी और नोटिफिकेशन पड़ ले , फिर आवेदन करे क्योकि हम जानते हे कि एक छोटी सी गलती बहुत बड़ी परेशानी बन जाती हैं !
OPSC Recruitment 2019, उड़ीशा लोक सेवा आयोग भर्ती 2019
OPSC Recruitment 2019 ओड़िसा लोक सेवा आयोग ने न्यायिक सेवा परीक्षा ( Judicial Services Examination) Notification 2019 के 51 पदों के लिए भर्ती हैं | यह बेरोजगार उम्मीदवारो के लिए सुनहरा मौका है, भर्ती के लिए योग्य उम्मीद्वार आवेदन 18 दिसम्बर 2019 के पहले तक आवेदन कर सकता है |
शिक्षा विभाग ने शिक्षक नियोजन का नया शेड्यूल किया जारी, देखिए नियोजन प्रक्रिया का पूरा शेड्यूल
PATNA: राज्य के अंदर चल रही शिक्षक नियोजन प्रक्रिया
को एक बार फिर से रिशेड्यूल किया गया है. बाढ़ और आपदा के कारण नियोजन
प्रक्रिया में आई परेशानियों को देखते हुए शिक्षा विभाग में माध्यमिक और
उच्चतर माध्यमिक स्कूलों में शिक्षक नियोजन का नया शेड्यूल जारी किया है.
71 हजार स्कूलों में 1 लाख प्रारंभिक शिक्षकों के नियोजन आवदेन की तिथि 23 नवंबर तक बढ़ी
पटना. राज्य के 71 हजार प्रारंभिक स्कूलों में लगभग एक
लाख शिक्षकों के नियोजन के लिए के लिए आवेदन की अंतिम तिथि 9 नवंबर से
बढ़ाकर 23 नवंबर कर दिया गया है।
बिहार शिक्षक भर्ती : प्रारंभिक शिक्षकों के लिए अब 23 तक आवेदन
राज्य में एक लाख प्रारंभिक शिक्षकों के रिक्त पदों पर नियुक्ति के लिए
अब 23 नवम्बर तक आवेदन किए जा सकेंगे। प्राथमिक शिक्षा निदेशक डॉ. रंजीत
कुमार सिंह ने शुक्रवार को तिथि विस्तार की जानकारी सभी जिला शिक्षा
पदाधिकारियों को दी है।
फर्जी प्रमाण पत्र पर नियुक्त हुए शिक्षक के विरुद्ध प्राथमिकी
संवाद सूत्र, चैनपुर: प्रखंड क्षेत्र के पंचायत स्तरीय एवं प्रखंड
स्तरीय शिक्षक नियोजन में जमकर हुई धांधली की पोल लगातार खुल रही है। इसके
चलते फर्जी प्रमाण पत्रों पर नियुक्त हुए शिक्षकों की संख्या धीरे-धीरे
बढ़ती जा रही है। इस मामले में फिर एक शिक्षक पर प्राथमिकी दर्ज कराई गई
है। जो शिक्षक नियोजन इकाई ग्राम पंचायत बढ़ौना के रवींद्र राम बताए जाते
हैं।
क्या नियोजित शिक्षकों के 'गुस्से' से डर रहे हैं CM नीतीश?
पटना. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar)
ने रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाने की वकालत की है. शिक्षा दिवस (Education Day)
पर राजधानी के ज्ञान भवन में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए
मुख्यमंत्री ने किसी खास सेवा क्षेत्र का नाम तो नहीं लिया, लेकिन माना जा
रहा है कि ऐसा कहकर उन्होंने नियोजित शिक्षकों (Contract Teachers) की
नाराजगी कम करने की एक कोशिश की है.
दरअसल, सीएम नीतीश ने यह बात तब कही जब शिक्षा दिवस के मौक़े पर सम्मानित शिक्षाविद प्रेम वर्मा ने कहा कि रिटायरमेंट के बाद भी लोगों में काम करने की ताक़त और हसरत दोनों होती है. बता दें कि प्रेम वर्मा मुम्बई के Income Tax कमिश्नर रह चुके हैं और रिटायरमेंट के बाद बिहार में शिक्षा के क्षेत्र में काम कर रहे हैं.
निकाले जा रहे सियासी मायने
सीएम नीतीश ने खुद के केंद्र में मंत्री रहने के दौरान एक वाकये का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) की सरकार से मांग की थी कि सेवानिवृत्ति की उम्र सीमा 58 से बढ़ाकर 60 कर दी जाए, जिसके बाद उनकी यह मांग मान ली गई. चुनावी साल में एक बार फिर सीएम नीतीश की इस मांग को सियासी नजरिये से इसलिए भी देखा जा रहा है, क्योंकि देश के पहले शिक्षा मंत्री अबुल कलाम आजाद के जयंती समारोह के मौके पर उन्होंने शिक्षकों के बीच ये बयान दिया है.
हाई कोर्ट ने पक्ष में सुनाया था फैसला
इस मामले में 31 अक्टूबर 2017 को पटना हाई कोर्ट ने सुनवाई करते हुए नियोजित शिक्षकों के पक्ष में आदेश दिया था. कोर्ट ने कहा था कि नियोजित शिक्षकों को भी नियमित शिक्षकों के बराबर वेतन दिया जाए. फिर राज्य सरकार की ओर से इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका लगाई गई.
सरकार का तर्क था कि समान कार्य के लिए समान वेतन के कैटेगरी में ये नियोजित शिक्षक नहीं आते. यदि इन्हें इस श्रेणी में लाया गया तो सरकार पर प्रति वर्ष करीब 36998 करोड़ का अतिरिक्त भार आएगा. फिर ये भी कहा जा रहा था कि अगर इनकी मांग मानी गई तो दूसरे राज्यों से भी ऐसे मामले आएंगे.
गौरतलब है कि बिहार में तकरीबन 3.7 लाख नियोजित शिक्षक कार्यरत हैं. शिक्षकों के वेतन का 70 प्रतिशत पैसा केंद्र सरकार और 30 फीसदी पैसा राज्य सरकार देती है. वर्तमान में नियोजित शिक्षकों (ट्रेंड) को 20 से 25 हजार रुपए तक वेतन मिलता है. शिक्षक समान कार्य के बदले समान वेतन की मांग कर रहे थे. अगर ये मांग पूरी होती तो शिक्षकों का वेतन 35 से 44 हजार रुपए हो सकता था.
दरअसल, सीएम नीतीश ने यह बात तब कही जब शिक्षा दिवस के मौक़े पर सम्मानित शिक्षाविद प्रेम वर्मा ने कहा कि रिटायरमेंट के बाद भी लोगों में काम करने की ताक़त और हसरत दोनों होती है. बता दें कि प्रेम वर्मा मुम्बई के Income Tax कमिश्नर रह चुके हैं और रिटायरमेंट के बाद बिहार में शिक्षा के क्षेत्र में काम कर रहे हैं.
निकाले जा रहे सियासी मायने
सीएम नीतीश ने खुद के केंद्र में मंत्री रहने के दौरान एक वाकये का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) की सरकार से मांग की थी कि सेवानिवृत्ति की उम्र सीमा 58 से बढ़ाकर 60 कर दी जाए, जिसके बाद उनकी यह मांग मान ली गई. चुनावी साल में एक बार फिर सीएम नीतीश की इस मांग को सियासी नजरिये से इसलिए भी देखा जा रहा है, क्योंकि देश के पहले शिक्षा मंत्री अबुल कलाम आजाद के जयंती समारोह के मौके पर उन्होंने शिक्षकों के बीच ये बयान दिया है.
दरअसल 'समान काम-समान वेतन' के मुद्दे पर बिहार सरकार के रुख से
प्रदेश के शिक्षक नाराज हैं. इसको लेकर शिक्षकों ने कई बार अपने गुस्से का
इजहार भी किया है. कई बार वे सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन भी कर चुके हैं.
बीते मई में शिक्षकों की याचिका सुप्रीम कोर्ट में खारिज होने के बाद
शिक्षकों को उम्मीद थी कि बिहार सरकार उनके लिए कुछ जरूर करेगी, लेकिन
उन्हें निराशा हाथ लगी थी. इसी के विरोध में सितंबर के पहले सप्ताह में
बिहार भर के 72 हजार स्कूलों के नियोजित शिक्षकों ने राजधानी पटना में धरना
भी दिया था. माना जा रहा है कि नीतीश कुमार को शिक्षकों की नाराजगी का
अच्छे तरीके से अहसास है. ऐसे में उनकी भावना को देखते हुए नीतीश कुमार ने
ये बयान दिया है. हालांकि, उन्होंने फिलहाल गेंद केंद्र के पाले में डालने
की कोशिश जरूर की है.
गौरतलब है कि बिहार के शिक्षक अपनी विभिन्न मांगों को लेकर एक बार फिर से आंदोलन के मूड में हैं. इस कड़ी में बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ की ओर से विधानमंडल सत्र के दौरान 26 से 28 नववंबर के बीच विरोध-प्रदर्शन का निर्णिय लिया गया है.

बिहार के शिक्षकों का ये आंदोलन पटना में होगा
बता दें कि इसी साल 10 मई को सुप्रीम कोर्ट ने नियोजित शिक्षकों को नियमित शिक्षकों के समान वेतन देने का आदेश देने से इनकार किया था. कोर्ट ने बिहार सरकार याचिका मंजूर करते हुए पटना हाई कोर्ट का आदेश भी रद्द कर दिया था. इसके बाद अगस्त में नियोजित शिक्षकों की रिव्यू पिटिशन को भी सर्वोच्च न्यायलय ने खारिज कर दिया था.
गौरतलब है कि बिहार के शिक्षक अपनी विभिन्न मांगों को लेकर एक बार फिर से आंदोलन के मूड में हैं. इस कड़ी में बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ की ओर से विधानमंडल सत्र के दौरान 26 से 28 नववंबर के बीच विरोध-प्रदर्शन का निर्णिय लिया गया है.

बिहार के शिक्षकों का ये आंदोलन पटना में होगा
(फाइल फोटो)
बता दें कि इसी साल 10 मई को सुप्रीम कोर्ट ने नियोजित शिक्षकों को नियमित शिक्षकों के समान वेतन देने का आदेश देने से इनकार किया था. कोर्ट ने बिहार सरकार याचिका मंजूर करते हुए पटना हाई कोर्ट का आदेश भी रद्द कर दिया था. इसके बाद अगस्त में नियोजित शिक्षकों की रिव्यू पिटिशन को भी सर्वोच्च न्यायलय ने खारिज कर दिया था.
हाई कोर्ट ने पक्ष में सुनाया था फैसला
इस मामले में 31 अक्टूबर 2017 को पटना हाई कोर्ट ने सुनवाई करते हुए नियोजित शिक्षकों के पक्ष में आदेश दिया था. कोर्ट ने कहा था कि नियोजित शिक्षकों को भी नियमित शिक्षकों के बराबर वेतन दिया जाए. फिर राज्य सरकार की ओर से इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका लगाई गई.
सरकार का तर्क था कि समान कार्य के लिए समान वेतन के कैटेगरी में ये नियोजित शिक्षक नहीं आते. यदि इन्हें इस श्रेणी में लाया गया तो सरकार पर प्रति वर्ष करीब 36998 करोड़ का अतिरिक्त भार आएगा. फिर ये भी कहा जा रहा था कि अगर इनकी मांग मानी गई तो दूसरे राज्यों से भी ऐसे मामले आएंगे.
गौरतलब है कि बिहार में तकरीबन 3.7 लाख नियोजित शिक्षक कार्यरत हैं. शिक्षकों के वेतन का 70 प्रतिशत पैसा केंद्र सरकार और 30 फीसदी पैसा राज्य सरकार देती है. वर्तमान में नियोजित शिक्षकों (ट्रेंड) को 20 से 25 हजार रुपए तक वेतन मिलता है. शिक्षक समान कार्य के बदले समान वेतन की मांग कर रहे थे. अगर ये मांग पूरी होती तो शिक्षकों का वेतन 35 से 44 हजार रुपए हो सकता था.
CTET Admit Card 2019: केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा सीटीईटी 2019 एडमिट कार्ड जल्द होगा जारी, ctet.nic.in पर करें चेक
नई दिल्ली. CTET Admit Card 2019: केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा 2019 सीटीईटी एडमिट कार्ड जारी होने का इंतजार कर रहे उम्मीदवारों के लिए खुशखबरी है. दरअसल केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) जल्द ही केंद्रीय पात्रता शिक्षक परीक्षा सीटीईटी (CTET) 2019 का ए़डमिट कार्ड जारी कर सकता है.
ये 6 टीचर भरी क्लास में बच्चियों के अंगों को छूते और कहते - बात मान लो वरना... फिर जो हुआ...
बलौदा बाजार. छत्तीसगढ़ के बलौदा बाजार से ऐसी सनसनीखेज खबर सामने आई है जिसे पढ़ने के बाद शिक्षकों पर से भरोसा उठ जाएगा। यहां शासकीय स्कूल के 6 टीचर बच्चियों के पढ़ाने के साथ-साथ उसके अंगों को छूते और अश्लील हरकत करते थे।
कार्रवाई की जद से बाहर शिक्षक भी होंगे बर्खास्त
जमुई। शिक्षा विभाग ने मंगलवार को बरहट प्रखंड में अब तक कार्रवाई की जद
से बाहर अप्रशिक्षित शिक्षकों पर बर्खास्तगी की कार्रवाई का निर्देश
संबंधित नियोजन इकाई दे दिया है। कार्रवाई में भेदभाव संबंधित खबर जागरण
में मंगलवार को ही प्रमुखता से प्रकाशित होने के बाद विभाग ने संज्ञान लेते
हुए उक्त निर्देश जारी किया है।
फर्जी प्रमाणपत्र पर नौकरी करने वाले चार शिक्षकों पर एफआइआर
खगडि़या। जिले के गोगरी प्रखंड में फर्जी प्रमाणपत्र पर कार्य कर रहे
चार शिक्षकों पर आखिर गाज गिर ही गई। निगरानी विभाग की जांच में फर्जी
प्रमाणपत्र पाए जाने के बाद निगरानी ने गोगरी के चार शिक्षकों पर एफआइआर
दर्ज कराई है। यह एफआइआर निगरानी अन्वेषण ब्यूरो मुजफ्फरपुर प्रक्षेत्र के
पुलिस उपाधीक्षक कन्हैयालाल ने गोगरी थाना में दर्ज कराई है।
निगरानी ने पांच फर्जी शिक्षकों पर दर्ज कराई प्राथमिकी
भोजपुर। बड़हरा प्रखंड के विभिन्न पंचायतों में कार्यरत पांच फर्जी शिक्षकों
पर निगरानी विभाग ने बड़हरा थाना में गुरुवार को प्राथमिकी दर्ज कराई है।
निगरानी ने पांच फर्जी शिक्षकों पर दर्ज कराई प्राथमिकी
भोजपुर। बड़हरा प्रखंड के विभिन्न पंचायतों में कार्यरत पांच फर्जी शिक्षकों
पर निगरानी विभाग ने बड़हरा थाना में गुरुवार को प्राथमिकी दर्ज कराई है।
जुगाड़ व मैनेज सिस्टम से चल रहा है शिक्षा विभाग
विभागीय आदेश का अनुपालन कराना भी चुनौती, डीईओ और डीपीओ के आदेश का भी नहीं होता पालन
चानन प्रखंड में फर्जी शिक्षक नियोजन और वेतन घोटाला मामले में फिर से बंद हो गई कार्रवाई की फाइल संवाद सहयोगी, लखीसराय : शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव का आदेश हो या जिला स्तर पर डीईओ और
चानन प्रखंड में फर्जी शिक्षक नियोजन और वेतन घोटाला मामले में फिर से बंद हो गई कार्रवाई की फाइल संवाद सहयोगी, लखीसराय : शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव का आदेश हो या जिला स्तर पर डीईओ और
केंद्रीय विद्यालय को अब तक नहीं मिला जमीन
औरंगाबाद। केंद्रीय विद्यालय बभंडीह को अबतक सरकार से जमीन नहीं मिली है।
विद्यालय खुले करीब नौ वर्ष बीत गया पर जमीन नहीं मिली है। जब विद्यालय
खुला था तो बभंडीह मध्य विद्यालय के भवनों में संचालित होता था। बाद में इस
विद्यालय को शिक्षा विभाग के मॉडल स्कूल के भवन में स्थानांतरित किया गया
जो आजतक इसी भवन में चल रहा है।
अवैध शिक्षिका के वेतन भुगतान मामले में एक और लिपिक नपे
जमुई। चकाई प्रखंड के पेटर पहड़ी पंचायत द्वारा अवैध रूप से नियोजित
शिक्षिका ममता सिन्हा को वेतन भुगतान किए जाने के मामले में एक और लिपिक
कृष्ण कुमार यादव पर निलंबन की गाज गिर गई है।
बिहार के विश्वविद्यालयों में 6000 अध्यापकों की होगी भर्ती, यहां जानें पूरी डिटेल
बिहार में सरकारी नौकरी की राह देख रहे युवाओं के लिए खुशखबरी है. यहां
बड़े पैमाने पर टीचर्स की नियुक्तियां होने वाली हैं. दरअसल बिहार के
विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू होने वाली है.
इस संबंध में शिक्षा विभाग ने सभी यूनिवर्सिटी से खाली पदों का ब्योरा
मांगा है. विभाग ने कहा है कि सभी विश्वविद्यालय अपने यहां विषयवार टीचर्स
के खाली पदों की संख्या भेज दें. इसके लिए यूनिवर्सिटी को 15 नवंबर तक का
वक्त दिया गया है.
करियर पोर्टल देखने में विद्यार्थी नहीं ले रहे रूचि
जागरण संवाददाता, छपरा : मैट्रिक और इंटर पास छात्रों को करियर की
जानकारी देने के लिए शिक्षा विभाग ने करियर पोर्टल बनाया है। इसपर बस एक
बार रजिस्टर्ड होकर महत्वपूर्ण जानकारी ली जा सकती है। बिहार शिक्षा
परियोजना के इस पोर्टल में मैट्रिक और इंटर के बाद करियर के लगभग सारे
विकल्पों की जानकारी दी जा रही है। इस पोर्टल में 450 करियर की जानकारी के
साथ ही 930 राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय छात्रवृत्ति की जानकारी मिलेगी।
2012 में एसटीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी में शिक्षक नियोजन में इन्हें 2021 तक उम्रसीमा में छूट
पटना | 2012 में एसटीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी भी नृत्य, शारीरिक शिक्षा,
ललितकला और कंप्यूटर शिक्षक बन सकेंगे। छठे चरण के बाद हाईस्कूलों में
शिक्षक नियोजन में इन्हें 2021 तक उम्रसीमा में छूट मिलेगी।
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