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हम शिक्षकों के तारणहार कहाने वाले नेताओं को आम शिक्षक से कितनी घृणा है, धीरे-धीरे सामने आ रहा है...

सम्मानित शिक्षक साथियों, सादर अभिनंदन|
हम शिक्षकों के तारणहार कहाने वाले नेताओं को आम शिक्षक से कितनी घृणा है, धीरे-धीरे सामने आ रहा है...
- उनके पास आम शिक्षकों की बात सुनने का क्या, मिलने का भी समय नहीं है....
या फिर जरूरत ही नहीं समझते..
- उनकी इच्छा है कि आम शिक्षक उनके आदेश का अक्षरश: पालन करें, लेकिन उन्हें कोई सलाह नहीं चाहिए और न ही कोई सवाल करे... बस उनके पीछे लगकर जिंदाबाद करता रहे ...
- क्या आम शिक्षकों का यह निवेदन ग़लत है कि एक माँग, 'समान काम के लिए समान वेतनमान' के लिए एकजुटता दिखाते हुए एक मंच पर आएँ, जिससे दबाव और प्रभाव असरदार हो..?
- क्या किसी संघ की औकात है कि अकेले अपने बल पर पूरे बिहार में एक साथ तालाबंदी कर सरकार पर अपेक्षित दवाब बना सके...?
आश्चर्य है कि इतनी मोटी बात इन सक्षम और सर्वसमर्थ नेताओं को समझ में नहीं आती...
या फिर वे सरकार के इशारे पर शिक्षकों को बाँटकर अपनी राजनीति कर रहे हैं...?
- आनन फानन में कई संघों ने आंदोलन का मुहूर्त निकाल दिया..
- बड़े नेताओं की बोलती बंद है..
- कुछ चाटुकार नेता सोशल साइट पर अपने नेता के चारण गीत गा रहे हैं..
- कुछ आम शिक्षक चौपाल के पीछे के दिमाग खोज रहे हैं, मानो दिमाग का कॉपीराइट नेताओं के पास ही है..
- कुछ नए संघ की संभावना तलाश रहे हैं, तो कुछ नए नेताओं के उभरने से सशंकित हैं...
- कुछ तो अपनी दुकानदारी बंद होने के डर से ऊटपटांग हरकत कर रहे हैं.
- कोई पटना नहीं आने के लिए बेशर्मी से कोस रहे हैं,...
- कोई आम शिक्षक को फेसबुकिया की उपाधि (फेसबुक पर ही) दे रहे हैं..
- कोई आम शिक्षक के लिए एक वफादार जीव की उपाधि का प्रयोग कर रहे हैं, हालाँकि उनका खुद का आचरण उन्हें उस खास जीव से भी नीचे ले जाता है..
- कुछ तो गुंडागर्दी पर उतर आए हैं,
आम शिक्षक के मौत की भविष्यवाणी कर रहे है,...
मोबाइल नंबर और घर का पता पूछ रहे हैं....
क्या ऐसे नेता हमारे तारणहार हैं..?
क्या इनकी अगुआई में हमें हमारा अधिकार मिलेगा, जो अपने निजी स्वार्थ में हमारे हितों की बलि दे रहे हैं.
- जो शिक्षक एकता का नारा उन्हें बाँटकर लगाते हैं...
तो साथियों
समय आ गया है...
इन टटपूँजियों को इनकी औकात दिखानी है...
इन्हे बताना है कि जब तक ये एक साथ नहीं आएँगे....
आम शिक्षक प्रत्येक संघ और नेता का बहिष्कार करेगा....
करते रहें, अपने पदधारकों के साथ प्रखंड से लेकर प्रदेश तक नौटंकी..
(पदधारकों की तो मज़बूरी है)
.... संदेश दे दें इन्हें....
"अगर तुम सब साथ नहीं,
तो, शिक्षक तेरे साथ नहीं"
- क्षमा याचना सहित..
ओम प्रकाश 'ओम'
एक आम शिक्षक

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