इस वर्ष बीएसएससी पर्चा लीक का मामला उजागर हुआ है. पर्चा लीक मामले में बीएसएससी के अध्यक्ष सुधीर कुमार सहित अन्य पांच आरोपी प्रो. अवधेश कुमार, उनकी पत्नी मंजू देवी (अध्यक्ष की भाभी), अध्यक्ष के भांजे
1995 में ही पड़ी थी शिक्षा की नींव में दरार...
बिहार में शिक्षा घोटालों का इतिहास नया नहीं है. 1995 के बीएड डिग्री घोटाले के बाद तो इसका सिलसिला चल पड़ा है. बीएसएससी पेपर लीक कांड उसी की ताजा कड़ी है. करीब दो दशक से बिहार में एक के बाद एक शिक्षा घोटाले हुए. बीएड डिग्री घोटाला, कैट पेपर लीक, टीईटी पेपर लीक, इंटर टॉपर घोटाला और अब बीएसएससी पेपर लीक कांड सुर्खियों में है. इन घोटालों की नींव 1995 में बीएड डिग्री घोटाले से पड़ी.
नजर डालते हैं बिहार के कुछ बहु चर्चित शिक्षा घोटालों पर:
बीएड डिग्री घोटाला : मगध और दरभंगा विश्वविद्यालय के माध्यम से 1995 में उत्तर प्रदेश, राजस्थान सहित अन्य राज्यों के बीएड कॉलेजों को मान्यता दी गई. वहां दो से ढाई लाख में बीएड की डिग्री बाटीं जाती थीं. मामले में बिहार निगरानी ब्यूरो ने 1999 में छह अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज की थी. इस मामले में तत्कालीन शिक्षा मंत्री जयप्रकाश नारायण यादव को 2000 में जेल जाना पड़ा था, जबकि शिक्षा राज्य मंत्री रहे जीतनराम मांझी को अग्रिम जमानत मिल गई थी.
मेडिकल प्रवेश परीक्षा पेपर लीक : 2002 में मेडिकल प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा पेपर लीक मामले में 22 नवंबर 2003 को दिल्ली से डॉ. रंजीत को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था. रंजीत डॉन नाम से प्रसिद्ध यह शिक्षा माफिया नालंदा जिले का निवासी है. इस मामले में नालंदा निवासी राजीव की गिरफ्तारी हुई थी. राजीव मुंबई में प्रिंटिंग प्रेस से पेपर लीक करता था. सीबीआई ने मामले में 162 गवाह बनाए, जिसमें 103 की गवाही हो सकी है. यह मामला अंडर ट्रायल है.
शिक्षकों की बहाली : बिहार में शिक्षकों की बहाली में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की जांच का आदेश पटना हाईकोर्ट ने 29 अप्रैल 2015 को दिया था. 2011 से 2013 के बीच 94 हजार शिक्षकों की बहाली के लिए वैकेंसी निकाली गई थी, जिसमें 40 हजार फर्जी सर्टिफिकेट जांच के दायरे में हैं. 3000 शिक्षकों से इस्तीफा लिया जा चुका है. हालांकि अभी कार्रवाई बाकी है.
टॉपर घोटाले : पिछले वर्ष 2016 सामने आए टॉपर घोटाले ने राज्य में शिक्षा व्यवस्था की बदहाली को एक बार फिर उजागर कर दिया. इस मामले ने खूब तूल पकड़ा. बाद में कई वरिष्ठ शिक्षा अधिकारी और उस कॉलेज के प्रिंसिपल समेत करीब 30 लोग गिरफ्तार कर लिए गए. री-टेस्ट और इंटरव्यू में रूबी एक भी सवाल का जवाब नहीं दे पाई थी. 12वीं के नतीजों में टॉप करने वाले कुछ छात्रों की पोल खुलने पर हड़कम्प मच गया. टॉपर घोटाले में विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद अभी तक जेल से बाहर नहीं निकल सके हैं. इस मामले में आरोपी उनकी पत्नी और पूर्व विधायक डॉ. ऊषा सिन्हा जेल से बाहर आ चुकी हैं और मास्टरमाइंड बच्चा राय पर आरोप गठन की प्रक्रिया चल रही है.
इसके बाद जून 2016 में बिहार के शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी ने संवाददाताओं से कहा, 'शिक्षा विभाग राज्य में शिक्षा का स्तर बनाए रखने के लिए 'ऑपरेशन क्लीन अप' शुरू करेगा.
बीएसएससी पर्चा लीक, बिहार के नाम एक और कलंक है, क्या बिहार अपने दामन पर लगे इस कलंक को जल्द धो पायेगा? ये तो आने वाला समय ही बताएगा.
- बिहार के शिक्षकों के लिए जारी हुआ फरमान, कर ले यह काम नहीं तो रुक जायेगा वेतन
- संघो का स्याह चेहरा: पहले दावे किये गए कि 'समान काम समान वेतन' लागु नही होगा तो बहिस्कार होगा इंटर परीक्षा का। लो अब ...
- नितीश बाबु,ये सही है कि कफ़न में जेब नहीं होती,पर यहाँ शिक्षक वर्ग के तो जेब में ही कफ़न होता है
- Jio 4G: जियो का 303 रुपये में नया ऑफर, अंबानी ने कहा कि 31 मार्च को प्रमोशनल ऑफर समाप्त
- आमरण अनशन 20-20 मैच की तरह एक दिन में समाप्त हो जाती है या टेस्ट मैचों की तरह लम्बा चलेगा
- मार्च तक रिक्तियों के आधार पर बहाली शुरू करे सरकार
- आम शिक्षकहित में महासंघ के साथ TSS भरेगा जिलावार हुँकार
1995 में ही पड़ी थी शिक्षा की नींव में दरार...
बिहार में शिक्षा घोटालों का इतिहास नया नहीं है. 1995 के बीएड डिग्री घोटाले के बाद तो इसका सिलसिला चल पड़ा है. बीएसएससी पेपर लीक कांड उसी की ताजा कड़ी है. करीब दो दशक से बिहार में एक के बाद एक शिक्षा घोटाले हुए. बीएड डिग्री घोटाला, कैट पेपर लीक, टीईटी पेपर लीक, इंटर टॉपर घोटाला और अब बीएसएससी पेपर लीक कांड सुर्खियों में है. इन घोटालों की नींव 1995 में बीएड डिग्री घोटाले से पड़ी.
नजर डालते हैं बिहार के कुछ बहु चर्चित शिक्षा घोटालों पर:
बीएड डिग्री घोटाला : मगध और दरभंगा विश्वविद्यालय के माध्यम से 1995 में उत्तर प्रदेश, राजस्थान सहित अन्य राज्यों के बीएड कॉलेजों को मान्यता दी गई. वहां दो से ढाई लाख में बीएड की डिग्री बाटीं जाती थीं. मामले में बिहार निगरानी ब्यूरो ने 1999 में छह अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज की थी. इस मामले में तत्कालीन शिक्षा मंत्री जयप्रकाश नारायण यादव को 2000 में जेल जाना पड़ा था, जबकि शिक्षा राज्य मंत्री रहे जीतनराम मांझी को अग्रिम जमानत मिल गई थी.
मेडिकल प्रवेश परीक्षा पेपर लीक : 2002 में मेडिकल प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा पेपर लीक मामले में 22 नवंबर 2003 को दिल्ली से डॉ. रंजीत को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था. रंजीत डॉन नाम से प्रसिद्ध यह शिक्षा माफिया नालंदा जिले का निवासी है. इस मामले में नालंदा निवासी राजीव की गिरफ्तारी हुई थी. राजीव मुंबई में प्रिंटिंग प्रेस से पेपर लीक करता था. सीबीआई ने मामले में 162 गवाह बनाए, जिसमें 103 की गवाही हो सकी है. यह मामला अंडर ट्रायल है.
शिक्षकों की बहाली : बिहार में शिक्षकों की बहाली में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की जांच का आदेश पटना हाईकोर्ट ने 29 अप्रैल 2015 को दिया था. 2011 से 2013 के बीच 94 हजार शिक्षकों की बहाली के लिए वैकेंसी निकाली गई थी, जिसमें 40 हजार फर्जी सर्टिफिकेट जांच के दायरे में हैं. 3000 शिक्षकों से इस्तीफा लिया जा चुका है. हालांकि अभी कार्रवाई बाकी है.
टॉपर घोटाले : पिछले वर्ष 2016 सामने आए टॉपर घोटाले ने राज्य में शिक्षा व्यवस्था की बदहाली को एक बार फिर उजागर कर दिया. इस मामले ने खूब तूल पकड़ा. बाद में कई वरिष्ठ शिक्षा अधिकारी और उस कॉलेज के प्रिंसिपल समेत करीब 30 लोग गिरफ्तार कर लिए गए. री-टेस्ट और इंटरव्यू में रूबी एक भी सवाल का जवाब नहीं दे पाई थी. 12वीं के नतीजों में टॉप करने वाले कुछ छात्रों की पोल खुलने पर हड़कम्प मच गया. टॉपर घोटाले में विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद अभी तक जेल से बाहर नहीं निकल सके हैं. इस मामले में आरोपी उनकी पत्नी और पूर्व विधायक डॉ. ऊषा सिन्हा जेल से बाहर आ चुकी हैं और मास्टरमाइंड बच्चा राय पर आरोप गठन की प्रक्रिया चल रही है.
इसके बाद जून 2016 में बिहार के शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी ने संवाददाताओं से कहा, 'शिक्षा विभाग राज्य में शिक्षा का स्तर बनाए रखने के लिए 'ऑपरेशन क्लीन अप' शुरू करेगा.
- Good News: शिक्षकों को पांच माह का वेतन तीन दिनों में मिलेगा , एरियर भी देने की तैयारी
- समान काम समान वेतन सहित अन्य मांगों के समर्थन में 27 मार्च से पटना में अनिश्चितकालीन आंदोलन
- बिहार मे शिक्षा की गिरती व्यवस्था के असली जिम्मेदार बिहार सरकार
- एक मित्र द्वारा पूछा गया प्रश्न:-शिक्षक संघर्ष और शिक्षक राजनीति में क्या अंतर है ??
- शिक्षक साथियो से अनुरोध : आप आपना आधार संख्या आपने खाते से लिंक जरुर कर ले
- TSUNSS गया के द्वारा Tss गया का TSUNSS गया में विलय होने के बाद सौंपा गया ज्ञापन
- अरे काका, पहले अपना घर (बिहार) के हालात भी देखिये , लगभग २ लाख शिक्षको के पद ख़ाली पड़े
- मार्च तक रिक्तियों के आधार पर बहाली शुरू करे सरकार
बीएसएससी पर्चा लीक, बिहार के नाम एक और कलंक है, क्या बिहार अपने दामन पर लगे इस कलंक को जल्द धो पायेगा? ये तो आने वाला समय ही बताएगा.