हाइकोर्ट के आदेश पर चल रही निगरानी जांच
2006 से अब तक प्राथमिक, मध्य, हाइ व प्लस टू स्कूलों में बहाल नियोजित
शिक्षकों के शैक्षणिक व प्रशिक्षण संबंधी प्रमाणपत्रों की
जांच के लिए पटना हाइकोर्ट ने निगरानी जांच का आदेश दिया है. 2006
से अब तक प्रदेश में 3.50 लाख नियोजित शिक्षक बहाल हुए हैं. पटना
हाइकोर्ट में रंजीत पंडित द्वारा दायर की गयी
याचिका पर हाइकोर्ट ने 17 मई को ही निगरानी विभाग को
जांच का आदेश दिया और चार सप्ताह में रिपोर्ट सौंपने को कहा. इस पर
निगरानी की टीम में मुख्यालय से लेकर जिला
स्तर पर अपने अधिकारियों को तैनात कर दिया है. इसमें शिक्षा विभाग
निगरानी विभाग को मुख्यालय, जिला व प्रखंड स्तर पर मदद कर रहा
है. सभी जगहों से एक निश्चित तारीख तय
की जा रही है और सभी नियोजित शिक्षकों के
सर्टिफिकेट के अलावा आवेदन व मेधा सूची की
भी जांच चल रही है.
पटना हाइकोर्ट के आदेश के आलोक में निगरानी विभाग शिक्षकों के
नियोजन से संबंधित जो भी दस्तावेज मांगेगा, शिक्षा विभाग उसे उपलब्ध
करायेगा. प्रमाणपत्रों के अलावा अगर निगरानी को जांच के लिए नियोजन
इकाइयों में लिये गये आवेदन पत्र, रोस्टर पंजी या फिर मेधा
सूची की आवश्यकता होगी, तो शिक्षा विभाग
नियोजन इकाइयों से समन्वय कर उसे देगा.
अमित कुमार, प्रवक्ता, शिक्षा विभाग
पटना हाइकोर्ट ने सिर्फ नियोजित शिक्षकों के शैक्षणिक प्रमाण पत्र और ट्रेनिंग के
सर्टिफिकेट की जांच का आदेश दिया है. इसके बावजूद जिलों में नियोजन
के समय लिये गये आवेदन पत्र और मेधा सूची की मांग
की जा रही है. अगर नियोजन इकाई उसे उपलब्ध
नहीं कराता है, तो संबंधित नियोजन इकाई के शिक्षक शक के घेरे में
आ सकते हैं और नियोजन इकाई की इस गलती का
खामियाजा नियोजित शिक्षकों को उठाना पड़ सकता है.
पूरण कुमार, अध्यक्ष, पंचायत-नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ
सरकारी नौकरी - Government Jobs - Current Opening All Exams Preparations , Strategy , Books , Witten test , Interview , How to Prepare & other details
2006 से अब तक प्राथमिक, मध्य, हाइ व प्लस टू स्कूलों में बहाल नियोजित
शिक्षकों के शैक्षणिक व प्रशिक्षण संबंधी प्रमाणपत्रों की
जांच के लिए पटना हाइकोर्ट ने निगरानी जांच का आदेश दिया है. 2006
से अब तक प्रदेश में 3.50 लाख नियोजित शिक्षक बहाल हुए हैं. पटना
हाइकोर्ट में रंजीत पंडित द्वारा दायर की गयी
याचिका पर हाइकोर्ट ने 17 मई को ही निगरानी विभाग को
जांच का आदेश दिया और चार सप्ताह में रिपोर्ट सौंपने को कहा. इस पर
निगरानी की टीम में मुख्यालय से लेकर जिला
स्तर पर अपने अधिकारियों को तैनात कर दिया है. इसमें शिक्षा विभाग
निगरानी विभाग को मुख्यालय, जिला व प्रखंड स्तर पर मदद कर रहा
है. सभी जगहों से एक निश्चित तारीख तय
की जा रही है और सभी नियोजित शिक्षकों के
सर्टिफिकेट के अलावा आवेदन व मेधा सूची की
भी जांच चल रही है.
पटना हाइकोर्ट के आदेश के आलोक में निगरानी विभाग शिक्षकों के
नियोजन से संबंधित जो भी दस्तावेज मांगेगा, शिक्षा विभाग उसे उपलब्ध
करायेगा. प्रमाणपत्रों के अलावा अगर निगरानी को जांच के लिए नियोजन
इकाइयों में लिये गये आवेदन पत्र, रोस्टर पंजी या फिर मेधा
सूची की आवश्यकता होगी, तो शिक्षा विभाग
नियोजन इकाइयों से समन्वय कर उसे देगा.
अमित कुमार, प्रवक्ता, शिक्षा विभाग
पटना हाइकोर्ट ने सिर्फ नियोजित शिक्षकों के शैक्षणिक प्रमाण पत्र और ट्रेनिंग के
सर्टिफिकेट की जांच का आदेश दिया है. इसके बावजूद जिलों में नियोजन
के समय लिये गये आवेदन पत्र और मेधा सूची की मांग
की जा रही है. अगर नियोजन इकाई उसे उपलब्ध
नहीं कराता है, तो संबंधित नियोजन इकाई के शिक्षक शक के घेरे में
आ सकते हैं और नियोजन इकाई की इस गलती का
खामियाजा नियोजित शिक्षकों को उठाना पड़ सकता है.
पूरण कुमार, अध्यक्ष, पंचायत-नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ
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