पूर्णिया : शिक्षकों के बहिष्कार को देखते हुए बिहार विद्यालय परीक्षा
समिति ने मूल्यांकन कार्य को जिलों के भरोसे छोड़ दिया है. इससे इंटर के
साथ-साथ मैट्रिक की उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन को लेकर भी ऊहापोह का
माहौल पैदा हो गया है. पूर्णिया में बीबीएम हाइस्कूल व राजकीय कन्या उच्च
विद्यालय को मैट्रिक मूल्यांकन केंद्र बनाया गया है. बोर्ड ने 22 मार्च से
दोनों केंद्रों पर मूल्यांकन शुरू कराने का आदेश दिया था.
हालांकि आंदोलन को देखते हुए मूल्यांकन स्थगित कर दिया गया है. इसके
बाद बोर्ड ने एक अप्रैल से मूल्यांकन शुरू कराने का हुक्म दिया है.
हालांकि बोर्ड के ताजा आदेश से मैट्रिक के मूल्यांकन को लेकर संशय की
स्थिति पैदा हो गयी है. दरअसल बोर्ड ने इस बार गेंद जिले के पाले में डाल
दिया है. बोर्ड का कहना है कि अगर जिले में कोई असुविधा है, तो वह
मूल्यांकन कार्य एक अप्रैल के बाद भी अपने हिसाब से शुरू करा सकता है.
बोर्ड के इस आदेश से जिले के अधिकारी असमंजस की स्थिति में फंस गये हैं.
इधर, बीबीएम हाइस्कूल की प्रधानाध्यापिका ममता कुमारी ने बताया कि
मूल्यांकन कार्य में फेरबदल की कोई खबर नहीं है. एक अप्रैल से जो शिक्षक
योगदान करने आयेंगे उनका योगदान लिया जायेगा.
धरनास्थल से उखड़े तंबू
पूर्णिया कॉलेज इंटर मूल्यांकन केंद्र के बाहर शुक्रवार को धरनास्थल
से तंबू उखड़ गये. पिछले 15 दिनों से लगातार धरना दे रहे शिक्षकों की तादाद
आज गायब थी. हालांकि पास के ही भवन की सीढ़ियों पर कुछ शिक्षक बैठे नजर
आये. माना जा रहा है कि मैट्रिक का मूल्यांकन शुरू हो रहा है. इसलिए
माध्यमिक शिक्षकों का फोकस अब मैट्रिक के मूल्यांकन को ठप करने पर चला गया
है. हालांकि इंटर शिक्षक संघ पूर्णिया कॉलेज के बाहर डटे रहने का दावा कर
रहा है.
सत्याग्रह आंदोलन करेंगे शिक्षक
माध्यमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष डॉ अमरेंद्र प्रसाद यादव ने बताया
कि मैट्रिक के मूल्यांकन केंद्रों के बाहर शिक्षक सत्याग्रह आंदोलन करेंगे.
उन्होंने बताया कि शिक्षक मूल्यांकन कार्य के लिए योगदान नहीं करेंगे.
समान काम समान वेतन आदि मांगों को लेकर आंदोलन जारी रखा जायेगा.
अंतिम दिन भी नहीं हुआ इंटर का मूल्यांकन
31 मार्च को इंटर की उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन का आखिरी दिन था.
हालांकि अंतिम दिन भी मूल्यांकन का काम नहीं हो पाया. पूर्णिया कॉलेज के
परीक्षा नियंत्रक प्रो विनय कुमार सिंह ने बताया कि बोर्ड की ओर से
मूल्यांकन की न तो तारीख बढ़ायी गयी है और न ही कोई मार्गदर्शन दिया गया
है. इसलिए मार्गदर्शन मिलने के बाद ही इस बारे में कुछ कहना ठीक होगा.
उन्होंने बताया कि अभी परीक्षकों को विरमित नहीं किया जा रहा है.