ये अंधी, गूँगी, बहरी बहार सरकार एक तो माननीय सर्वोच्च न्यायालय (SC) के आदेश की अवहेलना बाज़ नहीं आती है ऊपर से समान काम समान वेतन देने से मुकर जाती है। और उल्टा शिक्षकों को धमकाने का प्रयास करती है। इतना नाइंसाफी सिर्फ और सिर्फ बिहार में ही हो सकता है।
और इसके दोषी हमारे शिक्षक संघों के नेता हैं। आज अगर सभी संघ एक मंच पर आ जाये तो इस बहार सरकार का ईंट से ईंट बजाने में तनिक भी देर नहीं लगेगा।
अब वो दिन दूर नहीं जब आम शिक्षक एक मंच पर आएंगे और आपको बाहर का रास्ता दिखाएंगे। आप कितने आम शिक्षकों पर FIR करेंगे। अगर 4 लाख में से मात्र 40 हज़ार भी अगर जेल भरो अभियान में शामिल हो जायेंगे तो आपकी खटिया यूँ ही खड़ी हो जायेगी।
इसलिये सोच समझ कर बयानबाजी किया कीजिये! ये एक आम शिक्षक की चेतावनी है।

और इसके दोषी हमारे शिक्षक संघों के नेता हैं। आज अगर सभी संघ एक मंच पर आ जाये तो इस बहार सरकार का ईंट से ईंट बजाने में तनिक भी देर नहीं लगेगा।
अब वो दिन दूर नहीं जब आम शिक्षक एक मंच पर आएंगे और आपको बाहर का रास्ता दिखाएंगे। आप कितने आम शिक्षकों पर FIR करेंगे। अगर 4 लाख में से मात्र 40 हज़ार भी अगर जेल भरो अभियान में शामिल हो जायेंगे तो आपकी खटिया यूँ ही खड़ी हो जायेगी।
इसलिये सोच समझ कर बयानबाजी किया कीजिये! ये एक आम शिक्षक की चेतावनी है।
