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यहाँ निकली शिक्षकों के रिक्त पदों पर बम्पर भर्ती, TET एवं डीएलएड वाले भी कर सकेंगे आवेदन

नई दिल्ली: बिहार में शिक्षक बनने का सपना देख रहे उम्मीदवारों के लिए खुशखबरी है, जी हाँ अब बिहार में शिक्षक भर्ती पर आने वाली सभी रुकावटें दूर ही गयी है, क्योंकि राज्य में प्राइमरी शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने के लिए शिक्षा विभाग ने हरी झंडी देते हुए इसे अगले 10 दिनों में शुरू किये जाने की बात कही है.
प्राइमरी एजुकेशन के डायरेक्टर रणजीत कुमार सिंह ने कहा है कि एनसीटीई (NCTE) से पत्र मिलने के बाद बहाली पर लगी रोक हटा ली गई है और अगले 3 माह के भीतर 90 हजार + शिक्षक पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी.

उल्लेखनीय है कि पूर्व में वैसे उम्मीदवार जिन्होनें अपना आवेदन जमा कर दिया था, उन्हें दोबारा आवेदन जमा नहीं करना होगा. जल्द ही NIOS से डीएलएड पास हुए अभ्यर्थियों के लिए नया शिड्यूल जारी किया जाएगा. पूर्व में एनसीटीई ने एनआईओएस से डीएलएड पास अभ्यर्थियों की बहाली पर रोक लगा रखी थी.
एनसीटीई ने 18 महीने की डीएलएड डिग्री अमान्य बताया था, केवल 24 महीने की डिग्री को ही मान्य मानने की बात कही थी. एनसीटीई के निर्णय के आलोक में उम्मीदवारों ने हाईकोर्ट से गुहार लगाई थी जिसके बाद हाईकोर्ट ने डिग्री को मान्य बताते हुए बहाली में शामिल करने का फैसला सुनाया था.
कोर्ट के फैसले के बाद एनसीटीई ने बिहार शिक्षा विभाग को बहाली फिर से शुरू करने को कह दिया है. इस फैसले के बाद अब बिहार शिक्षक के लिए टीईटी, सीटेट और डीएलएड योग्यता प्राप्त उम्मीदवार शामिल हो सकेंगे.
अब बिहार में 71 हजार प्रारंभिक स्कूलों में 90 हजार से भी अधिक प्रारंभिक शिक्षकों की बहाली तीन माह के अंदर पूरा करने की योजना है.विभाग के आकलन के अनुसार एनआईओएस से 2.17 लाख उत्तीर्ण में डीएलएड के साथ टीईटी उत्तीर्ण लगभग 5 हजार उम्मीदवार होंगे.

अगर वर्त्तमान में रिक्तियों की बात करें तो दरभंगा में सबसे अधिक 8244 पद रिक्त हैं, वहीँ रिक्तियों के हिसाब से मुजफ्फरपुर का नाम दूसरे नंबर पर आता है जहाँ कुल 4806 पद हैं, गया में 2502, पटना में 2272 और भागलपुर में 2012 पद रिक्त हैं. वहीँ शिवहर में सबसे कम 337 पद रिक्त हैं.

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