जमुई। कोविड-19 संक्रमण के रोकथाम के लिए ड्यूटी कर रहे सभी शिक्षकों
सहित अन्य संविदा कर्मी के प्राण की सुरक्षा के लिए बिहार पंचायत-नगर
प्रारंभिक शिक्षक संघ ने गुरुवार को पटना उच्च न्यायालय में जनहित याचिका
दायर किया है। यह याचिका प्रदेश अध्यक्ष आनंद कौशल सिंह की ओर से अधिवक्ता
मृत्युंजय कुमार ने ई-फाइलिग द्वारा गुरुवार को दायर की गई।
आनंद कौशल ने बताया कि सूबे में क्वारंटाइन व आइसोलेशन सेंटर पर बिना सुरक्षात्मक पीपीई किट, बीमा व अल्पहार-भोजन के ही 12-12 घंटे तक दिन-रात कोविड-19 संक्रमण के रोकथाम हेतु ड्यूटी कर रहे हैं। इस कार्य में शिक्षकों सहित अन्य संविदा कर्मी किसान सलाहकार, पंचायत रोजगार सेवक, विकास मित्र, आंगनवाड़ी सेविका-सहायिका अपने प्राण की सुरक्षा को लेकर भयभीत है। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग, भारत सरकार द्वारा कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम में लगे सभी कर्मियों को 50 लाख रुपये का सुरक्षा बीमा देने का निर्णय लिया गया है, जबकि बिहार सरकार द्वारा सिर्फ स्वास्थ्य विभाग के कर्मी को इस योजना का लाभ दिया जा रहा है। वहीं दिल्ली की सरकार के द्वारा कोविड- 19 में काम कर रहे सभी कोरोना योद्धाओं यथा स्वास्थ्य कर्मी, पुलिस, शिक्षक सहित अन्य सभी संविदा कर्मी को 01 करोड़ रुपये का बीमा सम्मान राशि दिया जा रहा है। बिहार सरकार द्वारा कोरोना योद्धा के रूप में काम कर रहे शिक्षकों का मनोबल तोड़ा जा रहा है। सरकार के इसी रवैए के विरुद्ध उन्हें हाईकोर्ट की शरण लेनी पड़ी है। अधिवक्ता मृत्युंजय कुमार ने बताया कि जनहित याचिका दायर कर सभी शिक्षकों सहित अन्य सभी कोरोना योद्धाओं के प्राण की रक्षा के लिए न्याय निर्णय पारित करने की गुहार लगाई गई है।
आनंद कौशल ने बताया कि सूबे में क्वारंटाइन व आइसोलेशन सेंटर पर बिना सुरक्षात्मक पीपीई किट, बीमा व अल्पहार-भोजन के ही 12-12 घंटे तक दिन-रात कोविड-19 संक्रमण के रोकथाम हेतु ड्यूटी कर रहे हैं। इस कार्य में शिक्षकों सहित अन्य संविदा कर्मी किसान सलाहकार, पंचायत रोजगार सेवक, विकास मित्र, आंगनवाड़ी सेविका-सहायिका अपने प्राण की सुरक्षा को लेकर भयभीत है। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग, भारत सरकार द्वारा कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम में लगे सभी कर्मियों को 50 लाख रुपये का सुरक्षा बीमा देने का निर्णय लिया गया है, जबकि बिहार सरकार द्वारा सिर्फ स्वास्थ्य विभाग के कर्मी को इस योजना का लाभ दिया जा रहा है। वहीं दिल्ली की सरकार के द्वारा कोविड- 19 में काम कर रहे सभी कोरोना योद्धाओं यथा स्वास्थ्य कर्मी, पुलिस, शिक्षक सहित अन्य सभी संविदा कर्मी को 01 करोड़ रुपये का बीमा सम्मान राशि दिया जा रहा है। बिहार सरकार द्वारा कोरोना योद्धा के रूप में काम कर रहे शिक्षकों का मनोबल तोड़ा जा रहा है। सरकार के इसी रवैए के विरुद्ध उन्हें हाईकोर्ट की शरण लेनी पड़ी है। अधिवक्ता मृत्युंजय कुमार ने बताया कि जनहित याचिका दायर कर सभी शिक्षकों सहित अन्य सभी कोरोना योद्धाओं के प्राण की रक्षा के लिए न्याय निर्णय पारित करने की गुहार लगाई गई है।