गड़बड़ी. प्रखंड के दो शिक्षकों ने महीने में 27 दिन तक
कार्य किया। विभागीय लापरवाही के चलते सोलह दिनों का ही वेतन दिया गया।
इसकी शिकायत डीपीओ (स्थापना ) से आवेदन देकर किया है।
पीड़ित दोनों शिक्षकों का कहना है कि एक तो अल्प वेतन और दूसरे मात्र सोलह दिन के वेतन भुगतान से उनका परिवार भारी आर्थिक संकट में है। दोनों शिक्षक करोना योद्धा के रूप में बलथरी चेक पोस्ट और जलालपुर रेलवे स्टेशन पर लगातार अपने कर्तव्यों का निर्वहन भी कर रहे हैं पर वेतन निर्गत करने में विभागीय गड़बड़ी को लेकर दोनों परेशान हैं ।
मध्य विद्यालय कैथवलिया में स्नातक प्रशिक्षित प्रखंड शिक्षक के रूप में कार्यरत विवेक प्रताप राव और दिनकर प्रसाद सिन्हा ने कहा है कि वह 16 फरवरी तक विद्यालय में अपनी सेवा देने के बाद विभागीय निर्देश और निर्गत पत्र के आधार पर सत्रह फरवरी से बिहार परीक्षा समिति द्वारा आयोजित परीक्षा में शिक्षण कार्य के लिए अपना योगदान दीये। 17से लेकर 26 फरवरी तक उन्होंने परीक्षा का वीक्षण कार्य किया। जिसके बाद परीक्षा केंद्र से विरमित होने के बाद 27 फरवरी को दोनों शिक्षकों ने योगदान किया । विद्यालय में योगदान करने के बाद वह पूर्व से बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समिति द्वारा चलाए जा रहे आंदोलन में 28 फरवरी से शामिल हुए। जिसकी सूचना उन्होंने प्रखंड संसाधन केंद्र कुचायकोट को दिया।
पीड़ित दोनों शिक्षकों का कहना है कि एक तो अल्प वेतन और दूसरे मात्र सोलह दिन के वेतन भुगतान से उनका परिवार भारी आर्थिक संकट में है। दोनों शिक्षक करोना योद्धा के रूप में बलथरी चेक पोस्ट और जलालपुर रेलवे स्टेशन पर लगातार अपने कर्तव्यों का निर्वहन भी कर रहे हैं पर वेतन निर्गत करने में विभागीय गड़बड़ी को लेकर दोनों परेशान हैं ।
मध्य विद्यालय कैथवलिया में स्नातक प्रशिक्षित प्रखंड शिक्षक के रूप में कार्यरत विवेक प्रताप राव और दिनकर प्रसाद सिन्हा ने कहा है कि वह 16 फरवरी तक विद्यालय में अपनी सेवा देने के बाद विभागीय निर्देश और निर्गत पत्र के आधार पर सत्रह फरवरी से बिहार परीक्षा समिति द्वारा आयोजित परीक्षा में शिक्षण कार्य के लिए अपना योगदान दीये। 17से लेकर 26 फरवरी तक उन्होंने परीक्षा का वीक्षण कार्य किया। जिसके बाद परीक्षा केंद्र से विरमित होने के बाद 27 फरवरी को दोनों शिक्षकों ने योगदान किया । विद्यालय में योगदान करने के बाद वह पूर्व से बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समिति द्वारा चलाए जा रहे आंदोलन में 28 फरवरी से शामिल हुए। जिसकी सूचना उन्होंने प्रखंड संसाधन केंद्र कुचायकोट को दिया।