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जान हथेली पर रख शिक्षा ग्रहण करने को विवश हैं लगमा के बच्चे

मुंगेर। धरहरा प्रखंड के एनएच 80 स्थित हेमजापुर पंचायत के प्राथमिक विद्यालय छोटी लगमा में सैकड़ों बच्चे जान हथेली पर रख शिक्षा ग्रहण करने को विवश हैं। यह विद्यालय कभी भी धाराशायी हो सकता है। इस बात के संकेत आज से तीन साल पहले ही लोगों को महसूस हो चुका है।
जब इस विद्यालय की उपरी छत अचानक गिरने लगी थी। जिसमें कई बच्चे जख्मी भी हो गए थे। लेकिन, आज इतने सालों बाद भी विद्यालय की जर्जरता व नया भवन निर्माण के लिए शिक्षा विभाग सकारात्मक प्रयास करता नहीं दिख रहा है। स्थिति जस की तस बनी हुई है। विद्यालय में सैकड़ों बच्चे नामांकित हैं। इनको पढ़ाने के लिए चार शिक्षक मौजूद हैं। परंतु विद्यालय की जर्जरता को देख विद्यालय के बच्चों के साथ शिक्षक भी हमेशा खौफ के साए में रहकर अध्यापन कार्य कराते नजर आते हैं। स्थानीय शिक्षक चंद्रहास गुप्ता ने कहा कि विद्यालय में मात्र दो कमरे हैं। कक्षा एक से पांच तक पढ़ाई होती है। एक कमरे में बच्चों को तो दूसरे कमरे में विद्यालय की उपष्कर सामग्री के साथ मध्याह्न भोजन भी रखने की विवशता है। वहीं कुछ ग्रामीणों ने कहा कि विद्यालय भवन निर्माण न हो पाने से बच्चों की कष्टप्रद स्थिति बनी हुई है। पूर्व जानकारी की बाते करें तो जमीन समस्या के चलते कई बार निर्माण राशि लौट चुकी है। विद्यालय के शिक्षकों ने कहा कि भवन की जर्जरता के संबंध में कई बार विभाग को पत्र लिखा जा चुका है। परंतु कोई सकारात्मक प्रयास नजर नहीं आ रहा है। ग्रामीणों ने विद्यालय की समस्या पर ¨चता जताते हुए नया भवन निर्माण कराने की मांग की है।

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