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स्कूलों में शिक्षकों की कमी दूर करने के लिए नीतीश सरकार का नया हथकंडा

बिहार सरकार ने वर्षों से खाली पड़े शिक्षकों के पदों को भरने के लिए नया हथकंडा अपनाया है. सरकार ने प्लस 2 स्कूलों में अतिथि शिक्षकों की बहाली के लिए विज्ञापन निकाला है. इसके साथ ही सभी डीईओ से विषयवार शिक्षकों के खाली पदों की रिक्तियां मांगी हैं.
दरअसल सरकार नियोजित शिक्षकों के वेतनमान के लिए राजी नहीं है. इसके साथ ही गेंद सुप्रीम कोर्ट के पाले में होने से नए शिक्षकों की बहाली की प्रक्रिया भी पूरी तरह ठप्प है. कोर्ट के फैसले में देरी की वजह से सरकार ने शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए नया प्रयोग किया है.

13 जून तक अतिथि शिक्षकों को बहाल करने की प्रक्रिया पूर्ण हो जाएगी. अतिथि शिक्षक 15 जून से स्कूलों में योगदान देना आरम्भ कर देंगे. तकरीबन 4500 अतिथि शिक्षकों की बहाली की जाएगी जिन्हें पारिश्रमिक के तौर 25 हजार रूपये प्रति माह दिए जाएंगे. सबसे बड़ी बात है कि इन अतिथि शिक्षकों को विषयवार दक्षता के आधार पर बहाल किया जाएगा.  खासकर साइंस स्ट्रीम में बीटेक और एमटेक डिग्रीधारकों को मौका दिया जाएगा.

शिक्षामंत्री कृष्णनंदन वर्मा का कहना है कि अभी सरकार शिक्षकों की सामान्य नियुक्ति नहीं कर सकती है इसलिए ये वैकल्पिक व्यवस्था निकाली गई है. इस प्रयोग से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलेगी.

शिक्षक संघ ने जताई नाराजगी

बिहार सरकार के इस फैसले से लाखों बीएड और एसटीईटी-टीईटी अभ्यर्थियों के मंसूबों पर पानी फिर गया है. फैसले से पहले से आर पार की लडाई लड़ रहे शिक्षक संघ का आक्रोश और बढ गया है. शिक्षक संघ अतिथि शिक्षकों की बहाली को बेतुका फरमान बता रहे हैं. उनका आरोप है कि सरकार घर के शिक्षकों को प्रताड़ित करती है और अतिथि शिक्षकों को बहाल कर रही है. यह फैसला ना सिर्फ छात्रहित के लिए नुकसानदायक है बल्कि जनता की आंखों में धूल झोंकने के बराबर है. शिक्षक संघ यह भी मानते हैं कि अतिथि शिक्षक से कभी गुणवत्तायुक्त शिक्षा नहीं आएगी इसके लिए बीएड, एमएड और शिक्षक पात्रता परीक्षा पास शिक्षक की योग्य हैं.

सरकार पर बीजेपी का निशाना

सरकार के इस फैसले से सहयोगी पार्टियां भी खुश नजर नहीं आ रही हैं. बीजेपी एमएलसी नवल किशोर यादव ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि शिक्षा विभाग गरीब बच्चों के साथ मजाक कर रहा है. उन्होंने कहा कि इस प्रयोग से शिक्षा विभाग और रसातल में जाएगा. नवल किशोर ने निशाना साधते हुए कहा कि सरकार सहयोग के नाम पर प्रयोग और प्रयोग के नाम पर पावर का दुरुपयोग करती है. उन्होंने कहा कि बीटेक और एमटेक के टैलेंटेड छात्र अतिथि शिक्षक बनने कभी नहीं आएंगे. जो हर जगह से रिजेक्टेड होंगे वहीं अप्लाई करेंगे. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग को न्यायपालिका चलाती है न कि सरकार.

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