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बिहार: फर्जी प्रमाण पत्र पर बहाल हुए शिक्षकों पर लटकी निलंबन की तलवार

बिहार के शिक्षा में गुणात्मक परिवर्तन लाने के उद्देश्य से संविदा के आधार पर बड़े पैमाने पर शिक्षकों की बहाली हुई थी। इसके लिए एक अनिवार्य शर्त थी शिक्षक उत्तीर्णता प्रमाण पत्र।
इसी कड़ी में नवादा जिला में 253 शिक्षकों का नियोजन हो गया। दरअसल नवादा में टीईटी के एक ही प्रमाणपत्र पर 14 से अधिक व्यक्ति नौकरी करते मिले थे। हालात ऐसे एक महिला के प्रमाण पत्र पर तीन महिला शिक्षक बना दिये गये।मामले का तब पता चला जब दो महिलाओं को टीईटी के सब्जेक्ट तक पता नहीं था।

भांडा फूटने ही जिलाधिकारी नवादा ने शिक्षा सचिव को 16 फरवरी को एक पत्र लिखा था। अब सरकार ने बड़ा निर्णय लेते हुए राज्य में विभिन्न चरणों में शिक्षक पात्रता परीक्षा में उत्तीर्णता प्रमाण पत्र के आधार पर नियोजित शिक्षकों की वैधता की जाँच के आदेश दे दिया है। शिक्षा सचिव आरएल चौंग्थू ने राज्य के सभी जिलाधिकारी, डीईओ और डीपीओ को नियोजित शिक्षकों की प्रमाण पत्र के जाँच का आदेश दिये है।
इधर नवादा वाले मामले में इतना बड़ा फर्जीवाडा कैसे और किस परिस्थिति में किया गया इसकी गहन जाँच के आदेश भी जारी कर दिये गये हैं। अब इस मामले में दोषी पदाधिकारियों और कर्मचारियों को चिह्नत करते हुए उनके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।

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