मधुपुर : पथलचपटी स्थित अंची देवी बालिका प्लस टू विद्यालय में
अध्ययनरत छात्राओं के भविष्य के साथ शिक्षा विभाग खिलवाड़ कर रहा है.
विद्यालय में शिक्षक और संसाधनों की भारी कमी है. विद्यालय में 16 सौ
छात्राएं अध्ययनरत हैं. इन्हें पढ़ाने के लिए प्रभारी प्रधानाध्यापक समेत
सिर्फ तीन शिक्षक व शिक्षिकाएं पदस्थापित हैं. एक-एक शिक्षक के जिम्मे
औसतन 400 छात्राएं हैं, जबकि सरकारी अनुपात के अनुसार 40 छात्राओं पर एक
शिक्षक अनिवार्य है.
नहीं हैं कई विषयों के शिक्षक
विद्यालय में हिंदी, भूगोल, अर्थशास्त्र व अंग्रेजी समेत कई अन्य
विषयों के शिक्षक नहीं हैं. रात्रि प्रहरी विद्यालय में नहीं है. चार की
जगह मात्र एक चपरासी है. विद्यालय में 11 शिक्षक के पद स्वीकृत हैं, लेकिन
छात्राओं को तीन ही शिक्षक पढ़ा रहे हैं. विद्यालय में कुल आठ कमरे हैं,
इनमें छह माध्यमिक शिक्षा के लिए व दो कमरे प्लस टू की छात्राओं के लिए
हैं. एक -एक कमरे में 300 से अधिक छात्राएं बैठ कर अध्ययन करती हैं.
प्लस टू के लिए नहीं है भवन
विद्यालय को वर्षों पूर्व प्लस टू का दर्जा मिल चुका है, लेकिन प्लस
टू के लिए एक भी कमरा विद्यालय में नहीं बना. प्लस टू में 300 छात्राएं
हैं. प्लस टू के लिए 13 शिक्षक पदस्थापित हैं. बेंच व डेस्क की भी भारी कमी
है. एक बेंच पर किसी तरह चार छात्राएं बैठती हैं.
करोड़ों खर्च कर बने छात्रावास हैं बेकार पड़े
विद्यालय में एक ओर जहां कमरों व संसाधनों की घोर कमी है, वहीं
विद्यालय परिसर के पिछले हिस्से में तकरीबन दो करोड़ की लागत से तीन-तीन
छात्रावास बनाये जा रहे हैं. इनमें दो साल पूर्व ही एक छात्रावास बन कर
तैयार हो गया था, जो बेकार पड़ा हुआ है. एक भी छात्रा इसमें रहने के लिए
नहीं आयी. इसके बाद भी दो नये छात्रावास बन कर करीब तैयार हैं. अल्पसंख्यक,
दलित और आदिवासी के नाम पर छात्रावास बनाये जा रहे हैं.
कहते हैं विद्यालय के प्रधानाध्यापक
प्रभारी प्रधानाध्यापक कुलदीप चौधरी ने कहा कि विद्यालय में भवन व
शिक्षक की कमी है. संसाधन की भी कमी है. सभी विषयों की जानकारी वरीय
अधिकारियों को दी गयी है.