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नियोजित शिक्षकों के सपनों पर लग सकता है ग्रहण!

राज्य के नियोजित शिक्षकों को हाईकोर्ट से समान काम के बदले समान वेतन के फैसले से खुशखबरी जरूर मिली है लेकिन राज्य सरकार फिलहाल शिक्षकों को समान वेतन देने के मूड में नहीं है. हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से कहा है कि नियोजित शिक्षकों को 8 दिसंबर 2009 से स्थायी शिक्षक की तर्ज पर वेतन दिया जाएं.
फैसले के बाद बिहार सरकार के शिक्षा मंत्री ने साफ कहा है कि नियोजित शिक्षकों की बहाली प्रक्रिया अलग है और नियोजन ईकाई भी अलग है. उन्होंने समान वेतन के फैसले को लेकर कहा है कि राज्य सरकार पहले फैसले का अध्ययन करेगी फिर जरूरत पड़ी तो फैसले के विरूद्ध सु्प्रीम कोर्ट में अपील में जाएगी.


आखिर राज्य सरकार समान वेतन देने से क्यों पीछे हट रही है. अगर समान वेतन दिया जाएगा तो राज्य सरकार पर कितना बोझ बढ़ेगा. यदि राज्य सरकार प्रारंभिक से लेकर माध्यमिक और उच्च माध्यमिक के नियोजित शिक्षकों और पुस्तकालयाध्यक्षों को समान वेतन देती है तो शिक्षा विभाग पर 15 हजार करोड़ का अतिरिक्त बोझ बढ़ेगा और मौजूदा बजट इसी में खप जाएगा.

शिक्षक नियोजन नियमावली 2006 के लागू होने के बाद नियोजित शिक्षकों के वेतन पर फिलहाल 10 हजार करोड़ खर्च होता है.अगर समान वेतन लागू होता है तो 15 हजार करो़ड़ और बढ़ जाएंगे यानि शिक्षकों के वतन पर कुल 25 हजार करोड़ का खर्च होगा. शिक्षा विभाग के बजट की बात करें तो कुल बजट 25 करोड़ का है और अगर समान वेतन लागू होता है तो शिक्षा विभाग का बजट 40 हजार करोड़ करना होगा.

वर्तमान में 10 हजार करोड़ खर्च होने वाली राशि में 7200 करोड़ सर्वशिक्षा अभियान के तहत नियोजित शिक्षकों के वेतन में खर्च होता है. राज्य में करीब 3 लाख 59 हजार नियोजित शिक्षक और पुस्तकालयाध्यक्ष हैं.जिसमें कुल 3 लाख 19 हजार प्रारंभिक कक्षाओं में जबकि करीब 50 हजार हाईस्कूल ,प्लस टू और पुस्तकालयाध्यक्ष के रूप में नियोजित हैं. 3 लाख 19 हजार में से 2 लाख 53 हजार सर्वशिक्षा अभियान के तहत कार्यरत हैं.

नियोजित शिक्षकों के वेतन भुगतान में 60 फीसदी राशि केंद्र सरकार और 40 फीसदी राशि राज्य सरकार देती है. समान वेतन के बाद सातवां वेतनमान लागू होने के बाद ऐसा होगा

नियोजित शिक्षकों का वेतनमान कक्षा 1 से 5वीं तक के ट्रेंड शिक्षकों का वर्तमान वेतन 18 हजार अब होगा 42 से 45 हजार.
अनट्रेंड शिक्षकों का वर्तमान वेतन 13 हजार अब होगा 38 से 40 हजार
कक्षा 6ठीं से 8वीं तक ट्रेंड शिक्षकों का अब तक का वेतन था 18 हजार अब होगा 45 से 50 हजार
अनट्रेंड शिक्षकों का वर्तमान वेतन 13.50 हजार अब होगा 40 से 42 हजार
कक्षा 9वीं से लेकर 10वीं तक ट्रेंड शिक्षक का वर्तमान वेतन18.50 हजार अब वेतन होगा 52 हजार
कक्षा 11वीं से 12वीं तक ट्रेंड शिक्षक का वर्तमान वेतन 19.50 हजार अब होगा 55 से 58 हजार

यानि समान वेतन मिलने के बाद नियोजित शिक्षकों का वेतन ढाई से 3 गुणा तक बढ़ेगा. आरटीई के मुताबिक प्राइमरी स्कूल में 40 बच्चों पर 1 शिक्षक है.

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