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दो जन्मतिथि के चक्कर में फंसे हजारों बच्चे , किसे माना जाये सही

मुजफ्फरपुर। मुजफ्फरपुर में स्कूल के रजिस्टर पर जन्मतिथि 15 अक्टूबर 2002 और आधार कार्ड पर 20 मार्च 2004। जिले में एक-दो नहीं बल्कि हजारों बच्चे की इसी तरह से दो जन्मतिथि का मामला सामने आया है। आधार पंजीयन से बैंक खाता को जोड़ने की शुरू हुई प्रक्रिया से यह मामला सामने आया है।
इससे स्कूल प्रभारी से लेकर अधिकारियों तक की परेशानी बढ़ गई है। स्कूल रजिस्टर और आधार कार्ड में अलग-अलग जन्मतिथि मिलने से खाता खुलने से लेकर यू डायस फॉर्म भरने तक का मामला फंस गया है।

दो अलग-अलग आईडी, किसे माना जाये सही :
कुढ़नी के मिडिल स्कूल में नामांकित 750 बच्चे में 400 बच्चे ऐसे हैं जिनकी दो जन्मतिथि मिली है। इन बच्चों के बैंक खाता खोलने में भी परेशानी हो रही है। स्कूल के एक शिक्षक ने बताया कि आधार कार्ड से बैंक खाता जोड़ना है। कई बच्चों का खाता भी खुलवाया जा रहा है। खाता खोलने में दो आईडी जरूरी है। स्कूल से मिले आईडी पर कुछ और जन्मतिथि है जबकि आधार कार्ड पर कुछ और। अलग-अलग आईडी के कारण बैंक खाता खोलने में भी परेशानी आ रही है। यह स्थिति सैकड़ों बच्चों की है।

विभागीय कार्रवाई की लटकी तलवार :
शिक्षा विभाग ने सभी बच्चों का डाटा बेस बनाने के लिए यू डायस फॉर्म भरने को दिया है। इसमें बच्चे का नाम, जन्मतिथि, पता, अभिभावक का नाम, पिछले साल बच्चा कौन कक्षा में था, सभी भरना है। कई स्कूल प्रभारी बताते हैं कि हम यू डायस में वही जन्मतिथि देंगे जो रजिस्टर में है। इसमें अगर छेड़छाड़ हुआ तो विभागीय कार्रवाई हो सकती है। इस संबंध में डीपीओ सर्व शिक्षा अभियान नीता पांडेय ने बताया कि हमारे सामने अभी यह मामला आया है। विभाग से मार्गदर्शन मांगा जा रहा है।

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