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बिहार के नियोजित (Contract) शिक्षकों ने प्रमोशन और तबादले की मांग तेज की

 जमुई (झाझा) से बड़ी खबर है कि स्थानीय नियोजित शिक्षकों ने प्रमोशन और स्थानांतरण का मामला उठाया है, जिसमें वे समान अधिकार पाने की बात कह रहे हैं। ये मांग हाई कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए की गई है, ताकि इन्हें भी नियमित शिक्षकों के समान लाभ मिल सके। 

🧑‍🏫 क्या है शिक्षकों की मुख्य मांग?

  • प्रमोशन (Promotion):
    शिक्षकों का कहना है कि सख़्षमता उत्तीर्ण (eligibility पास) करने वाले विशिष्ट शिक्षकों को नियमित नियम के मुताबिक स्नातक ग्रेड तक प्रोन्नति मिलनी चाहिए। फिलहाल कुछ शिक्षकों को इससे वंचित रखा गया है। तबादला (Transfer):

  • वे यह भी चाहते हैं कि उन्हें स्थानांतरण का वही लाभ मिले जो नियमित शिक्षकों को मिलता है। उन्होंने प्रशासन से समान अधिकार सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है। 

📜 हाई कोर्ट के आदेश का हवाला

शिक्षकों ने हाई कोर्ट के एक आदेश का भी ज़िक्र किया है जिसमें कहा गया था कि वर्ष 2006 से 2012 के बीच स्थानीय निकायों द्वारा नियुक्त सभी बेसिक ग्रेड शिक्षकों को स्नातक ग्रेड देकर सर्व सुविधाएँ प्रदान की जानी चाहिए। इस आदेश के बाद भी कई शिक्षकों को अभी तक लाभ नहीं मिला है। 

🗣️ प्रशासन और राजनीतिक समर्थन

इस मुद्दे को लेकर बिहार विधान परिषद सदस्य वंशीधर ब्रजवासी ने भी शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव को एक पत्र लिखा और शिक्षकों की मांगों का समर्थन किया है। उन्होंने विभाग से इस मामले में तत्काल निर्णय लेने का आग्रह किया है। 


🔎 क्यों है ये मामला महत्वपूर्ण?

यह विवाद उस बड़े ढांचे से जुड़ा है जिसमें स्थायी (regular) और नियोजित (contract) शिक्षकों के अधिकारों में संतुलन लाने का प्रयास हो रहा है। इन मांगों से शिक्षक कल्याण, रोजगार सुरक्षा और पारदर्शिता जैसे मुद्दों पर भी ध्यान जाता है।

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