पटना। बिहार सरकार ने सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की लगातार अनुपस्थिति की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए शिक्षक उपस्थिति (Attendance) को लेकर नए और सख्त नियम लागू कर दिए हैं। इन नियमों का मुख्य उद्देश्य स्कूलों में शिक्षकों की नियमित मौजूदगी सुनिश्चित करना और शिक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाना है।
✦ डिजिटल उपस्थिति प्रणाली को किया गया अनिवार्य
राज्य के सरकारी विद्यालयों में अब डिजिटल माध्यम से उपस्थिति दर्ज करना अनिवार्य कर दिया गया है। शिक्षक टैबलेट या ऑनलाइन सिस्टम के जरिए हाजिरी लगाएंगे। इससे कागजी रजिस्टर की व्यवस्था लगभग खत्म हो जाएगी और उपस्थिति में पारदर्शिता आएगी।
✦ केवल हाजिरी लगाकर स्कूल छोड़ने पर कार्रवाई
शिक्षा विभाग को यह शिकायत मिल रही थी कि कई शिक्षक केवल उपस्थिति दर्ज कराकर स्कूल से चले जाते हैं। नए नियमों के तहत अब पूरे कार्यकाल के दौरान स्कूल में मौजूद रहना अनिवार्य होगा। निरीक्षण के दौरान यदि शिक्षक अनुपस्थित पाए गए तो उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
✦ अवकाश नियमों में भी सख्ती
शिक्षकों के लिए कैजुअल लीव (CL) और अन्य छुट्टियों को लेकर भी सख्त दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। बिना पूर्व अनुमति के छुट्टी लेने पर वेतन कटौती और अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है।
✦ फोटो और साक्ष्य आधारित उपस्थिति
फर्जी उपस्थिति रोकने के लिए कई जिलों में फोटो या स्कूल गतिविधियों के प्रमाण के साथ हाजिरी दर्ज करने की व्यवस्था की गई है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि शिक्षक वास्तव में स्कूल में उपस्थित हैं।
✦ स्कूलों में न्यूनतम शिक्षक उपस्थिति जरूरी
सरकार ने यह भी निर्देश दिया है कि हर स्कूल में न्यूनतम संख्या में शिक्षकों की दैनिक उपस्थिति अनिवार्य होगी। यदि किसी विद्यालय में निर्धारित संख्या से कम शिक्षक मौजूद पाए गए, तो संबंधित प्रधानाध्यापक और शिक्षकों से जवाब मांगा जाएगा।
✦ शिक्षा व्यवस्था सुधारने की दिशा में बड़ा कदम
शिक्षा विभाग का मानना है कि इन नए नियमों से
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शिक्षक अनुपस्थिति पर रोक लगेगी
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छात्रों को नियमित पढ़ाई का लाभ मिलेगा
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सरकारी स्कूलों की शिक्षा गुणवत्ता में सुधार होगा
✦ शिक्षकों की प्रतिक्रिया
कुछ शिक्षक संगठनों ने इन नियमों को अनुशासन के लिए आवश्यक बताया है, वहीं कुछ ने तकनीकी समस्याओं और कार्यभार बढ़ने को लेकर चिंता जताई है। हालांकि सरकार का कहना है कि सिस्टम को और सरल बनाया जाएगा।