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बिहार स्कूलों में शिक्षकों की छुट्टी पर सख्ती, एक दिन में सीमित संख्या को ही मिलेगा अवकाश

 पटना। बिहार के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की मनमानी छुट्टियों पर अब लगाम लगने वाली है। बिहार शिक्षा विभाग ने स्कूलों में एक साथ कई शिक्षकों के अवकाश पर जाने की समस्या को गंभीरता से लेते हुए नए और सख्त नियम लागू कर दिए हैं। विभागीय निरीक्षण में सामने आया था कि कई स्कूलों में एक ही दिन आधे से अधिक शिक्षक छुट्टी पर थे, जिससे कक्षाएं प्रभावित हो रही थीं और सिलेबस समय पर पूरा नहीं हो पा रहा था।


अब बिना अनुमति छुट्टी लेना होगा मुश्किल

शिक्षा विभाग के नए आदेश के तहत अब शिक्षक अपनी सुविधा से छुट्टी नहीं ले सकेंगे।

नए नियम क्या कहते हैं?

  • प्राथमिक विद्यालय: एक दिन में केवल एक शिक्षक को ही छुट्टी मिलेगी

  • मध्य एवं उच्च माध्यमिक विद्यालय: अधिकतम 10 प्रतिशत शिक्षक ही एक दिन में अवकाश पर जा सकेंगे

  • तय सीमा से अधिक छुट्टी देने के लिए नियंत्रक पदाधिकारी की पूर्व अनुमति अनिवार्य होगी

इन नियमों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि पढ़ाई बाधित न हो और छात्रों को नुकसान न पहुंचे।


अचानक छुट्टी पर भी सख्त प्रावधान

सामान्य परिस्थितियों में बिना पूर्व अनुमति अवकाश पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया है।

  • केवल आकस्मिक स्थिति में मोबाइल या व्हाट्सऐप के माध्यम से सूचना देकर छुट्टी मिल सकेगी

  • लेकिन इसका आवेदन एक दिन पहले देना अनिवार्य होगा

नई बिहार स्कूल लीव पॉलिसी के तहत अब छुट्टी प्रक्रिया को पूरी तरह नियंत्रित कर दिया गया है।


साल में सिर्फ 16 दिन की आकस्मिक छुट्टी

शिक्षकों को मिलने वाले आकस्मिक अवकाश (CL) को लेकर भी स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।

  • एक शिक्षक को साल में अधिकतम 16 दिन CL मिलेगा

  • बीच सत्र में नियुक्त शिक्षकों को 1.33 दिन प्रति माह के हिसाब से अवकाश मिलेगा

  • विशेष आकस्मिक अवकाश महीने में अधिकतम दो लगातार दिन, वह भी सिर्फ एक बार

  • रविवार और सार्वजनिक छुट्टियों को जोड़कर भी अधिकतम 12 दिन की ही छुट्टी संभव

अब गर्मी की छुट्टी, दुर्गा पूजा, दिवाली या छठ के साथ CL जोड़ने की अनुमति नहीं होगी।


प्रधान शिक्षक की जिम्मेदारी बढ़ी

  • हर शिक्षक की छुट्टी का अलग-अलग रिकॉर्ड रखा जाएगा

  • नियम उल्लंघन की स्थिति में विभागीय कार्रवाई तय होगी

शिक्षा विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि अनुशासन से समझौता नहीं किया जाएगा।


नए नियमों से क्या बदलेगा?

इन सख्त प्रावधानों से स्कूलों में कई सकारात्मक बदलाव आने की उम्मीद है:

  • शिक्षकों की उपस्थिति में बढ़ोतरी

  • कक्षाएं नियमित रूप से संचालित होंगी

  • बच्चों की पढ़ाई बिना रुकावट पूरी होगी

  • स्कूलों में अनुशासन मजबूत होगा

  • सिलेबस समय पर पूरा किया जा सकेगा


शिक्षा व्यवस्था में सुधार की उम्मीद

शिक्षा विभाग का मानना है कि ये नए नियम स्कूलों की कार्यप्रणाली को बेहतर बनाएंगे। पढ़ाई को नुकसान पहुंचाने वाली ढील अब खत्म होगी। अब यह देखना होगा कि शिक्षक इस नई व्यवस्था को कितनी गंभीरता से लागू करते हैं।

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