पटना। बिहार शिक्षा विभाग ने अंतर-जिला स्थानांतरण प्राप्त करने वाले शिक्षकों को बड़ी राहत दी है। विभाग ने कुल 27,171 शिक्षकों को उनके नए जिलों में प्रखंड (ब्लॉक) आवंटित कर दिया है। तय शेड्यूल के अनुसार, इन शिक्षकों का संबंधित प्रखंडों के स्कूलों में तबादला 16 दिसंबर से 31 दिसंबर 2025 के बीच पूरा किया जाएगा।
शिक्षा विभाग का कहना है कि यह पूरी प्रक्रिया पारदर्शी, समयबद्ध और मेरिट आधारित तरीके से की गई है, ताकि नए शैक्षणिक सत्र से पहले सभी शिक्षक अपनी नई पोस्टिंग पर योगदान दे सकें।
ई-शिक्षाकोष पोर्टल से मांगे गए थे पांच प्रखंडों के विकल्प
अंतर-जिला ट्रांसफर पाने वाले शिक्षकों से ई-शिक्षाकोष पोर्टल के माध्यम से नए जिले में पसंदीदा पांच प्रखंडों का विकल्प मांगा गया था। इसके लिए 24 नवंबर से 5 दिसंबर 2025 तक का समय निर्धारित किया गया था।
10 से 15 दिसंबर के बीच प्रखंड आवंटन की प्रक्रिया पूरी की गई
जिन शिक्षकों ने समय पर विकल्प नहीं भरे, उनका जिला आवंटन रद्द कर दिया गया
प्राथमिकता का स्पष्ट क्राइटेरिया किया गया लागू
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. बी. राजेंद्र के निर्देश पर प्रखंड एवं स्कूल आवंटन में स्पष्ट वरीयता क्रम अपनाया गया।
वरीयता क्रम इस प्रकार रहा:
दिव्यांग महिला शिक्षक
दिव्यांग पुरुष शिक्षक
सामान्य महिला शिक्षक
सामान्य पुरुष शिक्षक
इसके अलावा, अधिक आयु वाले शिक्षकों को भी वरीयता दी गई।
यदि किसी प्रखंड में विषयवार सीटें सीमित रहीं, तो प्राथमिकता इस क्रम में दी गई:
नियमित शिक्षक
विशिष्ट शिक्षक
विद्यालय अध्यापक
स्कूल आवंटन विषय, कक्षा और उपलब्ध रिक्तियों के आधार पर किया गया है।
विधानसभा चुनाव से पहले शुरू हुई थी प्रक्रिया
अंतर-जिला स्थानांतरण की यह पूरी प्रक्रिया विधानसभा चुनाव से पहले शुरू की गई थी। प्राथमिक से उच्च माध्यमिक स्तर तक के शिक्षकों से आवेदन मांगे गए थे।
कुल 41,684 शिक्षकों ने तीन-तीन जिलों का विकल्प दिया
पहली काउंसलिंग में 24,732 शिक्षकों को पसंदीदा जिला मिला
शेष शिक्षकों से दोबारा विकल्प मांगे गए
दूसरी प्रक्रिया में 9,849 शिक्षकों ने आवेदन किया
इनमें से 2,439 शिक्षकों को जिला आवंटित हुआ
अब सभी चरण पूरे होने के बाद 27,171 शिक्षकों का प्रखंड आवंटन फाइनल कर दिया गया है।
शिक्षा विभाग की अपील
शिक्षा विभाग ने सभी स्थानांतरित शिक्षकों से अपील की है कि वे निर्धारित समय सीमा के भीतर अपने नए विद्यालय में योगदान सुनिश्चित करें। विभाग का दावा है कि यह प्रक्रिया पूरी तरह नियमसम्मत और पारदर्शी रही है।