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निगरानी ने जांच को मांगे अभिलेख, पंचायत सचिव बताया गायब

 वैशाली। जिले के देसरी प्रखंड में वर्ष 2003 में नियोजित शिक्षा मित्रों की नियुक्ति व मेधा सूची के अभिलेख को गायब कर देने का मामला प्रकाश में आया है। यह खुलासा तब हुआ जब उनकी नियुक्ति से संबंधित कागजातों की जांच के लिए निगरानी अन्वेषण विभाग ने प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी से कागजातों की मांग की। उसके बाद शुरू हुई लंबी कागजी प्रक्रिया खत्म होने का नाम नहीं ले रही है।
नियोजन से संबंधित मेधा सूची और कागजों को उपलब्ध नहीं कराये जाने को ले बात अब प्राथमिकी दर्ज करने तक पहुंच चुकी है।
मिली जानकारी के मुताबिक प्रखंड के भीखनपुरा पंचायत के पंचायत सचिव अमरनाथ शुक्ल वर्ष 2003 में बहाल हुए शिक्षा मित्रों अवधेश कुमार, रामबाबू पासवान, राजा रामनाथ की नियुक्ति संबंधी मेधा सूची अन्वेषण विभाग को जांच हेतु उपलब्ध कराए जाने में पहले ही अपनी असमर्थता प्रकट कर चुके हैं। बीईओ ने इस संबंध में पंचायत सचिव अमरनाथ शुक्ल को पत्रांक-11-2016 के माध्यम से दिए गए आदेश में कहा है कि वर्ष-2003 के शिक्षक नियोजन से संबंधित सभी अभिलेख अन्वेषण विभाग को अविलंब उपलब्ध कराएं। अगर पूर्व पंचायत सचिव ने उनको सौंपे गए प्रभार में इन शिक्षकों के नियोजन से संबंधित अभिलेख उपलब्ध नहीं कराया है तो वर्ष-2003 में कार्यरत तत्कालीन पंचायत प्रतिनिधियों पर अभिलेख गायब करने की प्राथमिकी दर्ज कराएं। साथ ही इसकी छाया प्रति प्रखंड मुख्यालय को भी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। शिक्षा मित्रों के अभिलेख गायब होने के मामले में वर्ष-2003 व उसके बाद कार्यरत तत्कालीन पंचायत सचिवों वीरेंद्र राय, विनोद राजेश व राजा रामनाथ आदि पंचायत सचिवों पर प्राथमिकी दर्ज हो सकती है।

इस पूरे प्रकरण ने प्रखंड क्षेत्र में पूर्व में हुए शिक्षक नियोजन की प्रक्रिया को ही कटघरे में खड़ा कर दिया है। शिक्षक नियोजन से संबंधित अभिलेख कैसे गायब हो गयी, इसमें भी संबंधित कर्मियों व अधिकारियों की लापरवाही उजागर हो रही है।

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