पटना। शिक्षकों के प्रमाणपत्र फोल्डर निगरानी को न देने के मामले में
गाज गिरी है। सरकार के निर्देश पर जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय ने सौ से
अधिक नियोजन इकाइयों पर प्राथमिकी दर्ज करा दी है। इस बात का खुलासा
मंगलवार को शिक्षा विभाग द्वारा विभिन्न जिलों के जिला कार्यक्रम
पदाधिकारियों
की आहूत बैठक में हुआ। बैठक में शिक्षकों के प्रमाणपत्र सत्यापन के साथ ही उर्दू-बांग्ला शिक्षकों के नियोजन की अद्यतन स्थिति पर भी विमर्श हुआ।
शिक्षा विभाग द्वारा आधिकारिक रूप से बताया गया कि नियोजन इकाइयों को पिछले महीने ही निर्देश दिया गया था कि 15 फरवरी तक सभी जिले अपने-अपने क्षेत्र की नियोजन इकाइयों से शिक्षकों के प्रमाणपत्र फोल्डर प्राप्त कर निगरानी ब्यूरो को सौंप देंगे। आदेश की अवहेलना पर प्राथमिकी दर्ज करने के निर्देश दिए गए थे। आज हुई बैठक में डीपीओ ने सरकार को सूचना दी कि तय मियाद बीतने के बाद भी निगरानी को फोल्डर न देने वाली सौ से अधिक नियोजन इकाइयों पर प्राथमिकी दर्ज करा दी गई है। निदेशक प्राथमिक शिक्षा एम रामचंद्रुडु ने बैठक में निर्देश दिया कि वर्ष 2006 से 2015 के दौरान जितने भी शिक्षकों का नियोजन हुआ है उन सभी के प्रमाणपत्रों की जांच की जाए।
उर्दू-बांग्ला शिक्षक नियोजन की अद्यतन स्थिति के क्रम में शिक्षा विभाग को जानकारी दी गई कि प्रत्येक जिलों में कैंप लगाकर नियोजन का कार्य लगभग पूरा किया जा चुका है। महज पांच जिलों यथा बक्सर, कटिहार, किशरगंज, मधुबनी और शेखपुरा ने अब तक नियोजन से संबंधित रिपोर्ट सरकार को नहीं सौंपी है। सरकार ने इसे गंभीरता से लेते हुए जिलों को तत्काल रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है। शिक्षकों को गैर शिक्षक कार्य में न लगाए जाने से संबंधित रिपोर्ट भी जिलों से प्राप्त कर ली गई है। अब इसका अध्ययन किया जाएगा कि कितने शिक्षक जो गैर शैक्षणिक कार्य में लगाए गए थे वे वापस गृह विभाग में आ गए हैं। बैठक में निदेशक प्राथमिक शिक्षा, एसपी विजिलेंस के साथ ही सभी जिलों के कार्यक्रम पदाधिकारी मौजूद रहे।
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की आहूत बैठक में हुआ। बैठक में शिक्षकों के प्रमाणपत्र सत्यापन के साथ ही उर्दू-बांग्ला शिक्षकों के नियोजन की अद्यतन स्थिति पर भी विमर्श हुआ।
शिक्षा विभाग द्वारा आधिकारिक रूप से बताया गया कि नियोजन इकाइयों को पिछले महीने ही निर्देश दिया गया था कि 15 फरवरी तक सभी जिले अपने-अपने क्षेत्र की नियोजन इकाइयों से शिक्षकों के प्रमाणपत्र फोल्डर प्राप्त कर निगरानी ब्यूरो को सौंप देंगे। आदेश की अवहेलना पर प्राथमिकी दर्ज करने के निर्देश दिए गए थे। आज हुई बैठक में डीपीओ ने सरकार को सूचना दी कि तय मियाद बीतने के बाद भी निगरानी को फोल्डर न देने वाली सौ से अधिक नियोजन इकाइयों पर प्राथमिकी दर्ज करा दी गई है। निदेशक प्राथमिक शिक्षा एम रामचंद्रुडु ने बैठक में निर्देश दिया कि वर्ष 2006 से 2015 के दौरान जितने भी शिक्षकों का नियोजन हुआ है उन सभी के प्रमाणपत्रों की जांच की जाए।
उर्दू-बांग्ला शिक्षक नियोजन की अद्यतन स्थिति के क्रम में शिक्षा विभाग को जानकारी दी गई कि प्रत्येक जिलों में कैंप लगाकर नियोजन का कार्य लगभग पूरा किया जा चुका है। महज पांच जिलों यथा बक्सर, कटिहार, किशरगंज, मधुबनी और शेखपुरा ने अब तक नियोजन से संबंधित रिपोर्ट सरकार को नहीं सौंपी है। सरकार ने इसे गंभीरता से लेते हुए जिलों को तत्काल रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है। शिक्षकों को गैर शिक्षक कार्य में न लगाए जाने से संबंधित रिपोर्ट भी जिलों से प्राप्त कर ली गई है। अब इसका अध्ययन किया जाएगा कि कितने शिक्षक जो गैर शैक्षणिक कार्य में लगाए गए थे वे वापस गृह विभाग में आ गए हैं। बैठक में निदेशक प्राथमिक शिक्षा, एसपी विजिलेंस के साथ ही सभी जिलों के कार्यक्रम पदाधिकारी मौजूद रहे।
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