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दफ्तरों की शोभा बढ़ा रहे प्रतिनियोजित शिक्षक

रोहतास। सदन बड़ा या साहब। न तो आदेश का असर न निर्देश का पालन और न कार्रवाई का भय। यह हाल है शिक्षा विभाग का। विभागीय अधिकारी के आदेश व निर्देश ढाक के तीन पात साबित हो रहे हैं। इस दिशा में ग्रामीणों की गुहार भी नक्कारखाने में तूती की आवाज बनकर रह गई है। अधिकारी के निर्देश को ठेंगा दिखा जिले में दो सौ से अधिक शिक्षक प्रखंड से लेकर जिला तक के विभिन्न दफ्तरों में महीनों से प्रतिनियोजन पर हैं। उन्हें न तो छात्रों के भविष्य की ¨चता है न अनुशासनिक कार्रवाई का भय।

प्राथमिक शिक्षा निदेशक द्वारा गैर शिक्षण कार्य में लगे प्रारंभिक विद्यालयों के शिक्षकों का प्रतिनियोजन रद्द करने के आदेश से अभिभावकों की अपनी लड़ाई को और बल मिला है। स्कूल छोड़ दूसरे कार्यालयों की शोभा बढ़ा रहे शिक्षकों को मूल स्कूल वापस भेजने के लिए ग्रामीण एक बार फिर गोलबंद होने लगे हैं।
सूत्रों की मानें तो सबसे अधिक शिक्षक नियोजन व चुनाव प्रक्रिया को पूरा कराने के नाम प्रखंड, नगर परिषद, नगर पंचायत, जिला परिषद, अनुमंडल कार्यालय सहित अन्य दफ्तर में जमे हैं। जिससे छात्रों की पढ़ाई कमोबेश अक्सर बाधित रहती है।
प्रतिनियोजित शिक्षक भी अधीनस्थ अधिकारियों द्वारा उन्हें विरमित नहीं करने का बहाना बनाने में पीछे नहीं दिखते हैं। सबसे बड़ी बात तो यह कि जिला परिषद की सामान्य बैठक में एक मुश्त शिक्षकों का प्रतिनियोजन रद करने के बाद भी जिला परिषद माध्यमिक शिक्षक नियोजन इकाई में डेढ़ दर्जन से अधिक शिक्षक डेपुटेशन पर आज भी हैं। इकाई के पदाधिकारी अब तक उन्हें विरमित नहीं कर पाए हैं। चाहे इसके पीछे कारण जो भी हो। इसी तरह अनुमंडल के तिलौथू, नौहट्टा, अकोढ़ीगोला सहित सभी प्रखंड कार्यालय में भी दर्जनों शिक्षक प्रतिनियोजन पर हैं।
इधर शिक्षा विभाग ने ऐसे शिक्षकों पर डंडा चलाना शुरू कर दिया है। डीएम के निर्देश पर दो दिन पूर्व डीइओ डा. अशोक कुमार ¨सह ने डेपुटेशन पर रहे मध्य विद्यालय तोरनी के दो शिक्षकों को निलंबित कर इस मामले में सख्ती बरतने की मंशा जाहिर कर दी है । साथ ही आगे भी ऐसे शिक्षकों पर कार्रवाई का संकेत दिया है।
जिला परिषद के उपाध्यक्ष सह जिला माध्यमिक शिक्षक नियोजन इकाई के सदस्य संतोष पटेल की मानें तो अधिकारियों को भी छात्रों के भविष्य की ¨चता नहीं है। जिला परिषद ने दो माह पहले ही सभी शिक्षकों का प्रतिनियोजन रद्द कर दिया है। बावजूद अफसरों की कृपा से सभी शिक्षक अपने डेपुटेशन पर बरकरार है। जिससे विद्यालयों में पढ़ाई बाधित हो रही है।
कहते हैं अधिकारी :
आदेश के बाद भी प्रतिनियोजन पर रहने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई शुरू कर दी गई है। जिस स्कूल के शिक्षकों को डेपुटेशन पर बने रहने की शिकायत मिल रही, उसे प्रथम ²ष्ट्या दोषी मानते हुए निलंबित करने की कार्रवाई की जा रही है। ग्रामीण इसकी सूचना दें तो अवश्य कार्रवाई की जाएगी।

डा. अशोक कुमार ¨सह, डीइओ
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