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फर्जी सर्टिफिकेट्सवाले शिक्षकों के वेतन रुके

गया: निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की जांच में जिले के पांच शिक्षकों के सर्टिफिकेट्स फर्जी पाये जाने का मामला सामने आया है. इस संबंध में ब्यूरो के जांचकर्ता सह पुलिस निरीक्षक विनोद कुमार ने सभी पांच शिक्षकों के विरुद्ध सिविल लाइंस थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी है. 
 साथ ही, जिला शिक्षा पदाधिकारी को पत्र लिख कर शिक्षकों के विरुद्ध कार्रवाई करने का अनुरोध किया. जिला शिक्षा पदाधिकारी के निर्देश पर जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) डॉ प्रियनंदन प्रसाद ने तत्काल प्रभाव से चिह्नित सभी पांच शिक्षकों के वेतन भुगतान पर रोक लगा दिया है. उन्हें उपस्थिति बनाने पर भी प्रतिबंध लगा दिया है. इधर, शिक्षकों का दावा है कि उनका सर्टिफिकेट फर्जी नहीं है. इस बाबत दो-तीन शिक्षक डॉ प्रसाद से मिल कर अपनी बात भी रख चुके हैं.
 
निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के जांचकर्ता सह पुलिस निरीक्षक विनोद कुमार के अनुसार, प्लस टू जनता हाइस्कूल, डुमरिया के शिक्षक प्रवीण कुमार नयन के बीएड का सर्टिफिकेट फर्जी पाया गया है, जबकि शिक्षक श्री नयन का नियोजन अप्रशिक्षित शिक्षक के रूप में हुआ है.

फिलवक्त, वह इंदिरा गांधी ओपेन यूनिवर्सिटी से डीएड कर रहे हैं. इसी प्रकार अन्य शिक्षकों ने भी अपना पक्ष रखा है. अन्य शिक्षकों में उत्क्रमित हाइस्कूल पतेड़, वजीरगंज का शिक्षक प्रदीप कुमार, उत्क्रमित मिडिल स्कूल, सोनास, खिजरसराय का शिक्षक सुधीर कुमार, एएनएस हाइस्कूल की शिक्षक सुनीता कुमारी व गांधी इंटर स्कूल, कोंच के शिक्षक अरुणेश्वर प्रसाद सिंह शामिल हैं.

जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) डॉ प्रियनंदन प्रसाद ने बताया कि किस शिक्षक का कौन-सा सर्टिफिकेट फर्जी पाया गया है, यह जानकारी निगरानी अन्वेषण ब्यूरो द्वारा उन्हें नहीं दी गयी है. ऐसे में कुछ भी बताना मुश्किल है. लेकिन, आरोपित कुछ शिक्षक मिल कर सर्टिफिकेट फर्जी नहीं होने का दावा कर चुके हैं. इस संबंध में फैसला आने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जा सकती है. फिलहाल वेतन भुगतान व उपस्थिति बनाने पर रोक लगा दी गयी है. इसकी सूचना विभाग को भी दी गयी है.
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