मोतिहारी । आज लोग अपने बच्चों को सरकारी विद्यालयों में भेजने से
कतराते हैं, कहीं न कहीं वहां की कुव्यवस्था व शिक्षा के गिरते स्तर को वजह
माना जा सकता है। दैनिक जागरण के ऑपरेशन ब्लैकबोर्ड में जो स्थिति सामने आ
रही है, वह शिक्षा से जुड़े सरकारी तंत्र को कटघरे में खड़ा करती है।
मंगलवार को जागरण की टीम ने पूर्वाह्न 11:30 बजे मोतिहारी के राजकीय प्राथमिक विद्यालय बरियारपुर का जायजा लिया। शिक्षा का जो स्तर सामने आया वह ¨चताजनक है। एमडीएम के इर्द-गिर्द घूमती शिक्षा व्यवस्था रस्म अदायगी मात्र ही दिखाई दी। पढ़ाई का तो सिर्फ उपक्रम हो रहा है।
डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को नहीं जानते बच्चे
विद्यालय में विषय से जुड़ी गंभीर बातों को तो छोड़एि बच्चों को बुनियादी जानकारी तक नहीं है। कक्षा 4 व 5 के बच्चे एक ही कमरे बैठक थे। वे देश व प्रदेश का नाम नहीं बता पा रहे थे। राजधानी का नाम तो बिल्कुल नहीं। जब देश के प्रथम राष्ट्रपति का नाम पूछा गया तो वे खामोश हो गए। किसी को नहीं मालूम था। एक ने हिम्मत कर जवाब दिया- प्रणब मुखर्जी। तभी दूसरे ने उत्तर में संशोधन करते हुए कहा- पं. जवाहर लाल नेहरू। कक्षा 5 के बच्चों से जब देश की चौहद्दी के बारे में पूछा गया, तो फिर वे खामोश हो गए। कहा गया कि बच्चों आपको इसकी जानकारी आपके शिक्षक महोदय देंगे। शिक्षक सिर झुकाए खड़े रहे। धीरे से कहा- सर, मुझे याद नहीं है। एक बच्चे के पास विज्ञान की किताब दिखी। पूछा गया हम कौन सी गैस से सांस लेते हैं। कुछ बच्चों ने सही उत्तर दिया। जब अंग्रेजी में उन्हें ऑक्सीजन लिखने को कहा गया तो फिर खामोशी। शिक्षक महोदय ने बोर्ड पर अंग्रेजी में ऑक्सीजन लिख कर उन्हें बताया। वह भी ऑक्सीजन की स्पे¨लग सही नहीं लिख सके।
बच्चे अपना नाम भी अंग्रेजी में नहीं लिख सके
कक्षा 1, 2 व 3 के बच्चे भी एक साथ एक ही कमरे में बैठे थे। कक्षा का संचालन प्रधानाध्यापक कर रहे थे। छोटे कक्षा के बच्चें हैं। बहुत ज्यादा की उम्मीद नहीं थी। चलो इनसे इनका नाम ही पूछते हैँ। कुछ बच्चों को अंग्रेजी में नाम लिखने को कहा गया तो नहीं लिख सके। हां, उनके पास अंग्रेजी की पुस्तक जरूर नजर आई। पुस्तक में क्या छपा है। उन्हें नहीं पता। कुछ शब्द के मायने बच्चों ने जरूर सही बताए। मगर कुल मिलाकर स्थिति संतोषनजक नहीं दिखी।
कक्षा 5 तक के बच्चों के लिए मात्र चार शिक्षक
विद्यालय चूंकि प्राथमिक है। लिहाजा वर्ग 1 से 5 तक की पढ़ाई की व्यवस्था है। इसके लिए कुल 4 शिक्षक तैनात हैं। मंगलवार को मात्र दो ही शिक्षक मौजूद थे। एक कमरे में कक्षा 1, 2 व 3 की पढ़ाई हो रही थी, तो दूसरे में 4 व 5 की। बगल में एमडीएम की तैयारी भी चल रही थी। इस तरह से जोड़-तोड़ कर पढ़ाई अब तक कई विद्यालयों में नजर आई। शिक्षा के स्तर में गुणात्मक सुधार का दावा खोखला ही तो है। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की उम्म द कितनी और कैसे की जाए, इसका उत्तर विभागीय पदाधिकारी ही बेहतर दे सकेंगे।
वर्जन :
विद्यालय को स चारु रूप से चलाने की हर संभव कोशिश की जाती है। सीमित संसाधनों के बीच हम बेहतर करने का प्रयास कर रहे हैं। जो थोड़ी-बहुत कमी है, उसे ठीक कर लिया जाएगा।
- मो. फिरोज आजम प्रधानाध्यापक, राजकीय प्राथमिक विद्यालय बरियारपुर
अभियान से आएगी शिक्षा के क्षेत्र में जागरुकता
- दैनिक जागरण के ऑपरेशन ब्लैकबोर्ड अभियान की हो रही सराहना
जासं., मोतिहारी : दैनिक जागरण के ऑपरेशन ब्लैक बोर्ड अभियान को शहरी इलाकों में ही नहीं ग्रामीण क्षेत्रों में भी शुरू किया जाए। ग्रामीण क्षेत्रों में अभियान चलाने से शिक्षा के स्तर की जानकारी सामने आएगी। दैनिक जागरण द्वारा चलाए जा रहे अभियान की सराहना की जा रही है। लोग फोन के माध्यम से अपनी बात दर्ज करा रहे हैं। प्रस्तुत हैं लोगों के विचार
:-
रक्सौल के शीतलपुर निवासी परमेश ने कहा कि जागरण का यह सराहनीय कदम है। शिक्षा की व्यवस्था का जब यह हाल है तो बच्चों को शिक्षा कैसे मिलेगी।
- मोतिहारी के छोटा बरियारपुर निवासी अजय कुमार ने कहा कि सरकारी विद्यालयों में पढ़ाई सही से नहीं होती है।
- ढाका के फुलवरिया बरेवा गांव निवासी मोतीलाल ने कहा कि उनके गांव के विद्यालयों में भी अभियान चलाया जाए। जागरण के इस अभियान से एक अच्छी बात यह है कि शिक्षा के प्रति जागरुकता आएगी।
- कल्याणपुर के देवपुर निवासी मो. असलम ने कहा कि इस अभियान को ग्रामीण इलाकों में चलाया जाए। इससे
विद्यालयों में पढ़ाई होने लगी है।
- केसरिया के रामपुर खजुरिया निवासी राजन कुमार ने कहा कि अभियान सराहनीय है। शिक्षा के स्तर की जानकारी नहीं होना अफसोसजनक है।
- तेतरिया के रामाशंकर गुप्ता ने कहा कि शिक्षक अपने कर्तव्यों का निर्वहन सही से करें, तभी शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव आएगा।
- फेनहारा निवासी हेना कौसर ने कहा कि अभियान सराहनीय है।
- पदुमकेर निवासी प्रज्जवल कुमार ने कहा कि इस अभियान को देहात में भी चलाया जाए। ऐसी शिक्षा व्यवस्था के कारण बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।
कैसा लगा यह कॉलम
दैनिक जागरण द्वारा शुरू किया गया यह कॉलम कैसा लगा। इसपर अपनी प्रतिक्रिया मोबाइल
नंबर- 9470044442 पर सुबह 8 से 9 बजे तक दे सकते हैं।
Sponsored link : सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
मंगलवार को जागरण की टीम ने पूर्वाह्न 11:30 बजे मोतिहारी के राजकीय प्राथमिक विद्यालय बरियारपुर का जायजा लिया। शिक्षा का जो स्तर सामने आया वह ¨चताजनक है। एमडीएम के इर्द-गिर्द घूमती शिक्षा व्यवस्था रस्म अदायगी मात्र ही दिखाई दी। पढ़ाई का तो सिर्फ उपक्रम हो रहा है।
डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को नहीं जानते बच्चे
विद्यालय में विषय से जुड़ी गंभीर बातों को तो छोड़एि बच्चों को बुनियादी जानकारी तक नहीं है। कक्षा 4 व 5 के बच्चे एक ही कमरे बैठक थे। वे देश व प्रदेश का नाम नहीं बता पा रहे थे। राजधानी का नाम तो बिल्कुल नहीं। जब देश के प्रथम राष्ट्रपति का नाम पूछा गया तो वे खामोश हो गए। किसी को नहीं मालूम था। एक ने हिम्मत कर जवाब दिया- प्रणब मुखर्जी। तभी दूसरे ने उत्तर में संशोधन करते हुए कहा- पं. जवाहर लाल नेहरू। कक्षा 5 के बच्चों से जब देश की चौहद्दी के बारे में पूछा गया, तो फिर वे खामोश हो गए। कहा गया कि बच्चों आपको इसकी जानकारी आपके शिक्षक महोदय देंगे। शिक्षक सिर झुकाए खड़े रहे। धीरे से कहा- सर, मुझे याद नहीं है। एक बच्चे के पास विज्ञान की किताब दिखी। पूछा गया हम कौन सी गैस से सांस लेते हैं। कुछ बच्चों ने सही उत्तर दिया। जब अंग्रेजी में उन्हें ऑक्सीजन लिखने को कहा गया तो फिर खामोशी। शिक्षक महोदय ने बोर्ड पर अंग्रेजी में ऑक्सीजन लिख कर उन्हें बताया। वह भी ऑक्सीजन की स्पे¨लग सही नहीं लिख सके।
बच्चे अपना नाम भी अंग्रेजी में नहीं लिख सके
कक्षा 1, 2 व 3 के बच्चे भी एक साथ एक ही कमरे में बैठे थे। कक्षा का संचालन प्रधानाध्यापक कर रहे थे। छोटे कक्षा के बच्चें हैं। बहुत ज्यादा की उम्मीद नहीं थी। चलो इनसे इनका नाम ही पूछते हैँ। कुछ बच्चों को अंग्रेजी में नाम लिखने को कहा गया तो नहीं लिख सके। हां, उनके पास अंग्रेजी की पुस्तक जरूर नजर आई। पुस्तक में क्या छपा है। उन्हें नहीं पता। कुछ शब्द के मायने बच्चों ने जरूर सही बताए। मगर कुल मिलाकर स्थिति संतोषनजक नहीं दिखी।
कक्षा 5 तक के बच्चों के लिए मात्र चार शिक्षक
विद्यालय चूंकि प्राथमिक है। लिहाजा वर्ग 1 से 5 तक की पढ़ाई की व्यवस्था है। इसके लिए कुल 4 शिक्षक तैनात हैं। मंगलवार को मात्र दो ही शिक्षक मौजूद थे। एक कमरे में कक्षा 1, 2 व 3 की पढ़ाई हो रही थी, तो दूसरे में 4 व 5 की। बगल में एमडीएम की तैयारी भी चल रही थी। इस तरह से जोड़-तोड़ कर पढ़ाई अब तक कई विद्यालयों में नजर आई। शिक्षा के स्तर में गुणात्मक सुधार का दावा खोखला ही तो है। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की उम्म द कितनी और कैसे की जाए, इसका उत्तर विभागीय पदाधिकारी ही बेहतर दे सकेंगे।
वर्जन :
विद्यालय को स चारु रूप से चलाने की हर संभव कोशिश की जाती है। सीमित संसाधनों के बीच हम बेहतर करने का प्रयास कर रहे हैं। जो थोड़ी-बहुत कमी है, उसे ठीक कर लिया जाएगा।
- मो. फिरोज आजम प्रधानाध्यापक, राजकीय प्राथमिक विद्यालय बरियारपुर
अभियान से आएगी शिक्षा के क्षेत्र में जागरुकता
- दैनिक जागरण के ऑपरेशन ब्लैकबोर्ड अभियान की हो रही सराहना
जासं., मोतिहारी : दैनिक जागरण के ऑपरेशन ब्लैक बोर्ड अभियान को शहरी इलाकों में ही नहीं ग्रामीण क्षेत्रों में भी शुरू किया जाए। ग्रामीण क्षेत्रों में अभियान चलाने से शिक्षा के स्तर की जानकारी सामने आएगी। दैनिक जागरण द्वारा चलाए जा रहे अभियान की सराहना की जा रही है। लोग फोन के माध्यम से अपनी बात दर्ज करा रहे हैं। प्रस्तुत हैं लोगों के विचार
:-
रक्सौल के शीतलपुर निवासी परमेश ने कहा कि जागरण का यह सराहनीय कदम है। शिक्षा की व्यवस्था का जब यह हाल है तो बच्चों को शिक्षा कैसे मिलेगी।
- मोतिहारी के छोटा बरियारपुर निवासी अजय कुमार ने कहा कि सरकारी विद्यालयों में पढ़ाई सही से नहीं होती है।
- ढाका के फुलवरिया बरेवा गांव निवासी मोतीलाल ने कहा कि उनके गांव के विद्यालयों में भी अभियान चलाया जाए। जागरण के इस अभियान से एक अच्छी बात यह है कि शिक्षा के प्रति जागरुकता आएगी।
- कल्याणपुर के देवपुर निवासी मो. असलम ने कहा कि इस अभियान को ग्रामीण इलाकों में चलाया जाए। इससे
विद्यालयों में पढ़ाई होने लगी है।
- केसरिया के रामपुर खजुरिया निवासी राजन कुमार ने कहा कि अभियान सराहनीय है। शिक्षा के स्तर की जानकारी नहीं होना अफसोसजनक है।
- तेतरिया के रामाशंकर गुप्ता ने कहा कि शिक्षक अपने कर्तव्यों का निर्वहन सही से करें, तभी शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव आएगा।
- फेनहारा निवासी हेना कौसर ने कहा कि अभियान सराहनीय है।
- पदुमकेर निवासी प्रज्जवल कुमार ने कहा कि इस अभियान को देहात में भी चलाया जाए। ऐसी शिक्षा व्यवस्था के कारण बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।
कैसा लगा यह कॉलम
दैनिक जागरण द्वारा शुरू किया गया यह कॉलम कैसा लगा। इसपर अपनी प्रतिक्रिया मोबाइल
नंबर- 9470044442 पर सुबह 8 से 9 बजे तक दे सकते हैं।
Sponsored link : सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC