पटना, (हि.स.)।
राज्य के शिक्षा मंत्री डा. अशोक चौधरी ने बुधवार को राज्य सदन में
केन्द्र सरकार पर बिहार के साथ असहयोग करने का आरोप किया। उन्होंने कहा कि
इसका एक वाकया शिक्षा मद में बिहार को केंद्र से आबंटित 5799 करोड़ की
तुलना में मात्र 2706 करोड़ रुपये मिलने से साबित हुई है।
- बिहार में शिक्षकों को वेतन मिलने में हुई देर के लिए केंद्र जिम्मेवार : शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी
- शिक्षा विभाग ने 25 जिलों के डीईओ और डीपीओ से मांगा स्पष्टीकरण
- 47 शिक्षकों को बरखास्त करने का निर्देश जारी
- ओएमआर शीट पर अब शिक्षकों को भरना होगा डिटेल
- गुड न्यूज : एमए, एमएससी व पीएचडी डिग्रीधारियों को दी जायेगी वरीयता, ट्रेनिंग कॉलेजों में पढ़ायेंगे प्राइमरी टीचर
- समान काम समान वेतन, समान सेवाशर्त समेत सहायक शिक्षक का दर्जा, अंट्रेंड को भी ग्रेड पे, एकमुश्त प्रशिक्षण व रिक्त पदों पर बहाली के सवाल पर आगामी आंदोलनों को भी निर्णायक हम टीमवर्क के जरिये ही बनायेंगे
अपने विभाग की अनुदान मांग पर सदन में हुई
दो घंटे की चर्चा में सरकार की ओर से जवाब देते डा. चौधरी ने कहा कि
महागठबंधन सरकार शिक्षा को सर्वाच्च प्राथमिकता दे रही है। शिक्षा के
क्षेत्र में सुधार के कई उपाय किए जा रहे हैं। विपक्ष की टोकाटोकी के बीच
उन्होंने सरकार की उपलब्धियां भी गिनाई। उन्होंने कहा कि स्कूल
एक्जामिनेशन बोर्ड का नौ प्रमंडलीय मुख्यालयों में क्षेत्रीय कार्यालय खोले
जा रहे हैं। अब अंक पत्रों और प्रमाण पत्रों के सत्यापन आदि को लेकर
बच्चों को पटना नहीं आना पड़ेगा। 2005 से मैटिक और इंटर के सभी सभी अंक
पत्र एवं प्रमाण पत्र आॅनलाइन कर दिये गये हैं। पढाई और परीक्षा में
बालिकाओं की भागीदारी बढने का ही यह नतीजा है कि इस वर्ष मैट्रिक में 49 और
इंटर की परीक्षा में 44 प्रतिशत लड़कियां शामिल हुईं।
- शिक्षकों का वेतन तिमाही या छमाही दिया जाता है जबकि चपरासियों का समय से
- ट्रेनिंग काॅलेज में पढाएंगे उच्च योग्यताधारी प्राइमरी टीचर
- दिसम्बर 2016 के इस मांगपत्र के आधार पर जो की बिहार के मुख्यमंत्री को ज्ञापित है
- टीईटी एसटीईटी संघ को फिर से तोड़ने की साजिश , आखिर ऐसा क्यों है ?
- शिक्षकों की माँगों के लिए करेगा देशव्यापी आंदोलन!!! 2004 के बाद नियुक्त कर्मचारियों को भी मिले पेंशन!
- बिहार एकलौता ऐसा प्रदेश , जहाँ के शिक्षकों की सैलरी मिलने पर सभी अखबारों की Headline