Tara Manjhi जी के सवाल पर !
आदरनीय तारा जी ....
चार सवाल बनाम चार बातें ....
2) संगठन को तमाम सदस्यता, ढांचों का गठन , नेतृत्व का विकास, आदि रूपों में सुदृढ करना !
3) नेतृत्व में भी संगठन और लोकतंत्र की भावना का विकास करना !
4) शिक्षक आंदोलन के प्रति संवेदनशील और प्रत्यास्थय रहना !
एक शिक्षक एवं एक टीचर एक्टिविस्ट होने के नाते हमें इन चीजों के प्रति जागरूक रहना चाहिए ! 2014 में स्थापित संगठन Tsunss अत्यंत अल्प समय में इन मसलों पर बात करने लगा है , हमें इसे सकारात्मक अर्थों में लेनी चाहिए !
आपके लोकतंत्र के सवालों पर संगठन का सामुहिक नेतृत्व आलरेडी चिंतनशील है और एक पूर्ण लोकतांत्रिक संविधान का मसविदा तैयार कर उसे प्रदेश सम्मेलन से पारित करने की दिशा में बढ रहा है !
व्यवहार में उपजी जरूरतों के फ्रेम में संगठन के भीतर तमाम ईकाईयों में सामूहिक नेतृत्व को प्रोत्साहन, सघन सदस्यता अभियान व प्रदेशव्यापी शिक्षक संपर्क अभियान उसी कडी का हिस्सा है ! कल तक हमारे संगठन के पास महज दो चार प्रदेश स्तरीय लीडरान थे , काम करनेवाले थे ! आज सांगठनिक अभियानों की वजह से हर जिले से नेतृत्व का उभार हो रहा है ! हर जगह से उर्जा से भरे लोग इस शिक्षक की कडी बन रहे हैं और संगठन व शिक्षक आंदोलन का भविष्य उज्जवल दिख रहा है ! बिहार के दो दर्जन कर्मचारी संघों की तरह Tsunss भी
कर्मचारी महासंघ गोपगूट से संबद्ध होकर शिक्षकों के ट्रेड युनियन हितों को लेकर अपनी लडाई लड रहा है !
स्वतंत्र संस्था के रूप में Tsunss का प्रदेश व्यापी वजूद किसी सोसायटी पंजीयन संख्या को लेकर कत्तई शर्मसार या असहज नही है !
संस्था की प्रस्तावना, उद्देश्य, लक्ष्य , व कार्यक्रम, एवं संविधान बंद कमरे में किसी पेशेवर लौयर के हाथों लिखे जाने को मोहताज नही है ! 2013 से ही अभ्यर्थी आंदोलन से शिक्षक आंदोलन बरास्ते जन्मी Tsunss का एक संघर्षशील गौरवमयी जुझारू इतिहास है ! और दो तीन सालों के संघर्षशील दौर में उपजे बिंदुओं को चिंहित करते हुए Tsunss ने अपना मेनिफेस्टो तैयार किया है ! जोकि जल्द ही सबके सामने होगा !
व्यक्तिगत आलोचना हो या सांगठनिक आलोचना , उद्देश्य निर्माण होना चाहिए !
ना कि व्यक्तिगत आलोचना के समय हम संगठन की आड ले लें और सांगठनिक आलोचना के वक्त हम व्यक्ति की आड ले लें ! एक दूसरे पर आरोप लगाकर अपनी जवाबदेही से पल्ला झाडें या फिर किसी कमेटी द्वारा प्रदत्त जिम्मेवारी के मूल्यांकन के समय किसी दूसरी कमेटी के दायित्व का आड लें ! यह भावना संगठन के सामुहिक नेतृत्व के निर्बाध विकास में बाधा पैदा करती है !
सामुहिक नेतृत्व किसी भी संगठन में लोकतंत्र की कसौटी होती है !
बेगूसराय ने, Tsunss आंदोलन को , अपनी लोकतांत्रिक चट्टानी एकता से, हर दौर में समृद्ध किया है और इस दौर में भी जब शर्मनाक हरकत करते हुए कुछ लोग हमारे इस जुझारू बैनर Tsunss की नकल कर लोगों को दिग्भ्रमित करने की नाकाम कोशिश कर रहे हैं उन्हे मुंहतोड जबाब दिया जायेगा ! और शायद षडयंत्रों से बगैर विचलित हुए शिक्षक आंदोलन की
गतिविधियों को आगे बढाना ही इसका वो जबाब हो सकता है !
हमें इस भावना से बाहर निकलना ही होगा कि हम अकेले ही पहाड ढाह रहे हैं ! तमाम लोगों की सक्रियता से टीम वर्क होता है और टीम वर्क से ही बेगूसराय जैसी सक्रिय ईकाई हमें देखने को मिलती है ! शाहाबाद से लेकर मगध जोन में Tsunss के व्यापक शिक्षक संपर्क अभियान भी उसी टीमवर्क का हिस्सा था ! समान काम समान वेतन, समान सेवाशर्त समेत सहायक शिक्षक का दर्जा, अंट्रेंड को भी ग्रेड पे, एकमुश्त प्रशिक्षण व रिक्त पदों पर बहाली के सवाल पर आगामी आंदोलनों को भी निर्णायक हम टीमवर्क के जरिये ही बनायेंगे !
हर मोड पर , हर स्तर पर अपनी कमी कमजोरियों पर आलोचनाओं का स्वागत करूंगा ! पर उद्देश्य निर्माण रहे यह जरूर कहूंगा !
आदरनीय तारा जी ....
चार सवाल बनाम चार बातें ....
- वेतन से वंचित शिक्षक पैसे के अभाव के कारण होली ठीक से नही मना पायेंगे
- अब एमबीए योग्यताधारी शिक्षक बन सकते हैं प्रधान
- रिटायर्ड शिक्षक जाचेंगे इंटर व मैट्रिक की कॉपियां का मूल्यांकन
- कुछेक प्रश्न पूछना चाहता हूँ पत्रकार से, इस समाज से, इस सरकार से और साथ ही अपने शिक्षक बंधू से
- वहीँ रिक्त crcc का कार्य संकुल विद्यालय के प्रधान या वरीय शिक्षक करेंगे : आचार्य रवि
- 7th पे कमीशन की सिफारिशें मंजूर : Q&A में समझें कब से मिलेगी बढ़ी सैलरी? कैसे और कितना फायदा मिलेगा फायदा ?
2) संगठन को तमाम सदस्यता, ढांचों का गठन , नेतृत्व का विकास, आदि रूपों में सुदृढ करना !
3) नेतृत्व में भी संगठन और लोकतंत्र की भावना का विकास करना !
4) शिक्षक आंदोलन के प्रति संवेदनशील और प्रत्यास्थय रहना !
एक शिक्षक एवं एक टीचर एक्टिविस्ट होने के नाते हमें इन चीजों के प्रति जागरूक रहना चाहिए ! 2014 में स्थापित संगठन Tsunss अत्यंत अल्प समय में इन मसलों पर बात करने लगा है , हमें इसे सकारात्मक अर्थों में लेनी चाहिए !
आपके लोकतंत्र के सवालों पर संगठन का सामुहिक नेतृत्व आलरेडी चिंतनशील है और एक पूर्ण लोकतांत्रिक संविधान का मसविदा तैयार कर उसे प्रदेश सम्मेलन से पारित करने की दिशा में बढ रहा है !
व्यवहार में उपजी जरूरतों के फ्रेम में संगठन के भीतर तमाम ईकाईयों में सामूहिक नेतृत्व को प्रोत्साहन, सघन सदस्यता अभियान व प्रदेशव्यापी शिक्षक संपर्क अभियान उसी कडी का हिस्सा है ! कल तक हमारे संगठन के पास महज दो चार प्रदेश स्तरीय लीडरान थे , काम करनेवाले थे ! आज सांगठनिक अभियानों की वजह से हर जिले से नेतृत्व का उभार हो रहा है ! हर जगह से उर्जा से भरे लोग इस शिक्षक की कडी बन रहे हैं और संगठन व शिक्षक आंदोलन का भविष्य उज्जवल दिख रहा है ! बिहार के दो दर्जन कर्मचारी संघों की तरह Tsunss भी
कर्मचारी महासंघ गोपगूट से संबद्ध होकर शिक्षकों के ट्रेड युनियन हितों को लेकर अपनी लडाई लड रहा है !
स्वतंत्र संस्था के रूप में Tsunss का प्रदेश व्यापी वजूद किसी सोसायटी पंजीयन संख्या को लेकर कत्तई शर्मसार या असहज नही है !
संस्था की प्रस्तावना, उद्देश्य, लक्ष्य , व कार्यक्रम, एवं संविधान बंद कमरे में किसी पेशेवर लौयर के हाथों लिखे जाने को मोहताज नही है ! 2013 से ही अभ्यर्थी आंदोलन से शिक्षक आंदोलन बरास्ते जन्मी Tsunss का एक संघर्षशील गौरवमयी जुझारू इतिहास है ! और दो तीन सालों के संघर्षशील दौर में उपजे बिंदुओं को चिंहित करते हुए Tsunss ने अपना मेनिफेस्टो तैयार किया है ! जोकि जल्द ही सबके सामने होगा !
व्यक्तिगत आलोचना हो या सांगठनिक आलोचना , उद्देश्य निर्माण होना चाहिए !
ना कि व्यक्तिगत आलोचना के समय हम संगठन की आड ले लें और सांगठनिक आलोचना के वक्त हम व्यक्ति की आड ले लें ! एक दूसरे पर आरोप लगाकर अपनी जवाबदेही से पल्ला झाडें या फिर किसी कमेटी द्वारा प्रदत्त जिम्मेवारी के मूल्यांकन के समय किसी दूसरी कमेटी के दायित्व का आड लें ! यह भावना संगठन के सामुहिक नेतृत्व के निर्बाध विकास में बाधा पैदा करती है !
सामुहिक नेतृत्व किसी भी संगठन में लोकतंत्र की कसौटी होती है !
बेगूसराय ने, Tsunss आंदोलन को , अपनी लोकतांत्रिक चट्टानी एकता से, हर दौर में समृद्ध किया है और इस दौर में भी जब शर्मनाक हरकत करते हुए कुछ लोग हमारे इस जुझारू बैनर Tsunss की नकल कर लोगों को दिग्भ्रमित करने की नाकाम कोशिश कर रहे हैं उन्हे मुंहतोड जबाब दिया जायेगा ! और शायद षडयंत्रों से बगैर विचलित हुए शिक्षक आंदोलन की
गतिविधियों को आगे बढाना ही इसका वो जबाब हो सकता है !
हमें इस भावना से बाहर निकलना ही होगा कि हम अकेले ही पहाड ढाह रहे हैं ! तमाम लोगों की सक्रियता से टीम वर्क होता है और टीम वर्क से ही बेगूसराय जैसी सक्रिय ईकाई हमें देखने को मिलती है ! शाहाबाद से लेकर मगध जोन में Tsunss के व्यापक शिक्षक संपर्क अभियान भी उसी टीमवर्क का हिस्सा था ! समान काम समान वेतन, समान सेवाशर्त समेत सहायक शिक्षक का दर्जा, अंट्रेंड को भी ग्रेड पे, एकमुश्त प्रशिक्षण व रिक्त पदों पर बहाली के सवाल पर आगामी आंदोलनों को भी निर्णायक हम टीमवर्क के जरिये ही बनायेंगे !
हर मोड पर , हर स्तर पर अपनी कमी कमजोरियों पर आलोचनाओं का स्वागत करूंगा ! पर उद्देश्य निर्माण रहे यह जरूर कहूंगा !
- CM नीतीश का बड़ा एलान- राज्य में जल्द लागू होगा सातवां वेतन आयोग
- मुख्य विन्दु : बिहार शिक्षक नियोजन एवं सेवाशर्त नियमावली 2016
- 24 मार्च को विधानसभा का घेराव करेंगे नियोजित शिक्षक
- शिक्षकों को समान काम के बदले मिलेगा समान वेतन : नित्यानंद राय
- TET प्रारंभिक परीक्षा बहुत जल्द, 3 दिनों में तिथि होगी घोषित। BSEB अध्यक्ष आनंद किशोर ने दी जानकारी
- होली बाद घोषित होगी टीइटी-एसटीइटी की तिथि।।।।।।
- लो जी चाइनीज वेतनमान के बाद चाइनीज सेवा शर्त नियमावली