रिवाइज्ड सेवेंथ पे के नाम पर फिर झुनझुना थमाने की तैयारी
● चाईनीज़ वेतनमान के बाद आया चाईनीज़ पे मैट्रिक्स..!!!
● केंद्र व राज्य वेतन आयोग की सिफारिशों से अलग शिक्षा विभाग का नया पे मैट्रिक्स
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✍ संजय शर्मा
अपनी नियुक्तिकाल से ही सरकार के हाथों धोखाघड़ी और ठगी का शिकार होते आए सूबे के 3.5 लाख नियोजित शिक्षकों को सातवें वेतनमान के मसले पर एक और बड़े झटके की पटकथा अंतिम रूप ले चुकी है। चाईनीज़ वेतनमान देकर शिक्षकों के आँखों में धूल झोंक चुकी सरकार ने इस बार सातवें वेतनमान के अनुरूप वेतन पुनरीक्षण(बढोत्तरी) के नाम पर चाईनीज़ पे मैट्रिक्स का झुनझुना थमाने की तैयारी पूरी कर ली है।
सूबे के राज्यकर्मियों के वास्ते सातवें वेतनमान की अधिसूचना जारी होने और कैबिनेट से नियोजित शिक्षकों के लिए वेतन पुनरीक्षण की स्वीकृति का नोट सार्वजनिक होने के उपरान्त से अपने अपने ढंग से पे मैट्रिक्स की पड़ताल में जुटे शिक्षक नेताओं व आम नियोजित शिक्षकों को एक बार फिर सरकार औंधे मुँह गिराने की तैयारी में है।
नियोजित शिक्षकों के वेतन पुनरीक्षण के सम्बन्ध में सरकार के स्तर पर अब तक हुए फ्रेमवर्क का जो मसौदा सामने आया है वह केंद्र व राज्य वेतन आयोग के पे मैट्रिक्स के सरासर उलट है।
नियोजित शिक्षकों को 01.01.2016 की तिथि को प्राप्त मूल वेतन के 2.57 का गुणक के जरिए जो एक नए पे मैट्रिक्स का मसौदा शिक्षा विभाग ने स्वयं तैयार किया है वह केंद्र व राज्य वेतन आयोग के पे मैट्रिक्स से सर्वथा भिन्न है।
जाहिर तौर पर पे बैंड 5200 से 20200 में ग्रेड पे 2000,2400 व 2800 के स्लैब के अनुरूप केंद्र व राज्य वेतन आयोग द्वारा सातवां वेतनमान में निर्धारित पे मैट्रिक्स व नियोजित शिक्षकों के लिए शिक्षा विभाग द्वारा तैयार किये गए नये पे मैट्रिक्स के बीच के मूल वेतन की राशि में ही औसतन साढ़े पांच हजार रूपये का बड़ा फर्क है। लब्बोलुआब यह कि प्लस टू स्तर पर 2800 के ग्रेडपे वाले नियोजित शिक्षक के लिए शिक्षा विभाग द्वारा निर्धारित पे मैट्रिक्स केंद्र व राज्य वेतन आयोग के 1800 व 1900 ग्रेडपे वाले न्यूनतम पे मैट्रिक्स के भी समरूप नहीं है। आसमान से गिरकर खजूर में अटकने वाली कहावत के तर्ज पर मतलब साफ है कि चाईनीज वेतनमान से निकलकर चाईनीज़ पे मैट्रिक्स..!!!
गौरतलब है कि राज्य वेतन आयोग के अहम सदस्य राहूल सिंह व शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी के जरिए 'नियोजित शिक्षकों को सातवें वेतनमान का लाभ नहीं' वाली टिप्पणी के बाद सूबे के "नीति" के "ईश" के मुखारविंद से "नियोजित शिक्षकों को भी सातवें वेतनमान के अनुरूप वेतनवृद्धि" विषयक छल-छद्मपूर्ण आश्वासन की बूंदाबांदी के तुरंत बाद नियोजित शिक्षकों के हितों के झदाबारदारों में सरकार के प्रति विशेष आभाराभिव्यक्ति-सदासयता दर्शाने और सदलबल-सपरिवार मानव श्रृंखला का हिस्सा होने की होड़ सी दिखी थी...!!
वहीं "समान काम समान वेतनमान" की एकनिष्ठ मांग के मसले पर मैट्रिक-इंटर की कॉपियों के मूल्यांकन बहिष्कार के दौरान अभूतपूर्व दबाव का शिकार हुई सरकार के साथ नियोजित शिक्षकों के मूल मांग से जुड़ी कोई बेहतर बार्गेनिंग किये बगैर ही मूल्यांकन पर लौटने से जुड़े नेतृत्व के अटपटे फैसलों के बाद स्वाभाविक तौर पर नियोजित शिक्षकों की बाबत कोई अधिक कारगर परिणाम की गुंजाईश भी नहीं थी।
बहरहाल सरकार के सौतेलेपन तथा संघीय मठाधीशों के आपसी खींचतान व श्रेय के होड़ के बीच अपनी कुल बुद्धि का बंटाधार पर मजबूर नियोजित शिक्षकों का चाईनीज वेतनमान से निकलकर चाईनीज़ पे मैट्रिक्स पर आ फंसने की घटना टीस देने वाली है।
Big Breaking :
● चाईनीज़ वेतनमान के बाद आया चाईनीज़ पे मैट्रिक्स..!!!
● केंद्र व राज्य वेतन आयोग की सिफारिशों से अलग शिक्षा विभाग का नया पे मैट्रिक्स
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✍ संजय शर्मा
अपनी नियुक्तिकाल से ही सरकार के हाथों धोखाघड़ी और ठगी का शिकार होते आए सूबे के 3.5 लाख नियोजित शिक्षकों को सातवें वेतनमान के मसले पर एक और बड़े झटके की पटकथा अंतिम रूप ले चुकी है। चाईनीज़ वेतनमान देकर शिक्षकों के आँखों में धूल झोंक चुकी सरकार ने इस बार सातवें वेतनमान के अनुरूप वेतन पुनरीक्षण(बढोत्तरी) के नाम पर चाईनीज़ पे मैट्रिक्स का झुनझुना थमाने की तैयारी पूरी कर ली है।
सूबे के राज्यकर्मियों के वास्ते सातवें वेतनमान की अधिसूचना जारी होने और कैबिनेट से नियोजित शिक्षकों के लिए वेतन पुनरीक्षण की स्वीकृति का नोट सार्वजनिक होने के उपरान्त से अपने अपने ढंग से पे मैट्रिक्स की पड़ताल में जुटे शिक्षक नेताओं व आम नियोजित शिक्षकों को एक बार फिर सरकार औंधे मुँह गिराने की तैयारी में है।
नियोजित शिक्षकों के वेतन पुनरीक्षण के सम्बन्ध में सरकार के स्तर पर अब तक हुए फ्रेमवर्क का जो मसौदा सामने आया है वह केंद्र व राज्य वेतन आयोग के पे मैट्रिक्स के सरासर उलट है।
नियोजित शिक्षकों को 01.01.2016 की तिथि को प्राप्त मूल वेतन के 2.57 का गुणक के जरिए जो एक नए पे मैट्रिक्स का मसौदा शिक्षा विभाग ने स्वयं तैयार किया है वह केंद्र व राज्य वेतन आयोग के पे मैट्रिक्स से सर्वथा भिन्न है।
जाहिर तौर पर पे बैंड 5200 से 20200 में ग्रेड पे 2000,2400 व 2800 के स्लैब के अनुरूप केंद्र व राज्य वेतन आयोग द्वारा सातवां वेतनमान में निर्धारित पे मैट्रिक्स व नियोजित शिक्षकों के लिए शिक्षा विभाग द्वारा तैयार किये गए नये पे मैट्रिक्स के बीच के मूल वेतन की राशि में ही औसतन साढ़े पांच हजार रूपये का बड़ा फर्क है। लब्बोलुआब यह कि प्लस टू स्तर पर 2800 के ग्रेडपे वाले नियोजित शिक्षक के लिए शिक्षा विभाग द्वारा निर्धारित पे मैट्रिक्स केंद्र व राज्य वेतन आयोग के 1800 व 1900 ग्रेडपे वाले न्यूनतम पे मैट्रिक्स के भी समरूप नहीं है। आसमान से गिरकर खजूर में अटकने वाली कहावत के तर्ज पर मतलब साफ है कि चाईनीज वेतनमान से निकलकर चाईनीज़ पे मैट्रिक्स..!!!
गौरतलब है कि राज्य वेतन आयोग के अहम सदस्य राहूल सिंह व शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी के जरिए 'नियोजित शिक्षकों को सातवें वेतनमान का लाभ नहीं' वाली टिप्पणी के बाद सूबे के "नीति" के "ईश" के मुखारविंद से "नियोजित शिक्षकों को भी सातवें वेतनमान के अनुरूप वेतनवृद्धि" विषयक छल-छद्मपूर्ण आश्वासन की बूंदाबांदी के तुरंत बाद नियोजित शिक्षकों के हितों के झदाबारदारों में सरकार के प्रति विशेष आभाराभिव्यक्ति-सदासयता दर्शाने और सदलबल-सपरिवार मानव श्रृंखला का हिस्सा होने की होड़ सी दिखी थी...!!
वहीं "समान काम समान वेतनमान" की एकनिष्ठ मांग के मसले पर मैट्रिक-इंटर की कॉपियों के मूल्यांकन बहिष्कार के दौरान अभूतपूर्व दबाव का शिकार हुई सरकार के साथ नियोजित शिक्षकों के मूल मांग से जुड़ी कोई बेहतर बार्गेनिंग किये बगैर ही मूल्यांकन पर लौटने से जुड़े नेतृत्व के अटपटे फैसलों के बाद स्वाभाविक तौर पर नियोजित शिक्षकों की बाबत कोई अधिक कारगर परिणाम की गुंजाईश भी नहीं थी।
बहरहाल सरकार के सौतेलेपन तथा संघीय मठाधीशों के आपसी खींचतान व श्रेय के होड़ के बीच अपनी कुल बुद्धि का बंटाधार पर मजबूर नियोजित शिक्षकों का चाईनीज वेतनमान से निकलकर चाईनीज़ पे मैट्रिक्स पर आ फंसने की घटना टीस देने वाली है।
Big Breaking :
- सातवें वेतनमान में सरकार 15 महीने की वेतन वृद्धि खा जाना चाहती है
- हमारी मुख्य मांगें.................मार्कण्डेय पाठक प्रदेश अध्यक्ष TSUNSS बिहार (गोपगुट)
- बिहार TET की परीक्षा तिथि में दूसरी बार बदलाव, अब 01 जुलाई को होगी परीक्षा
- सातवां वेतनमान देने से संबंधित अधिसूचना , नये वेतनमान का लाभ 1 अप्रैल 2017 से ही : बिहार सरकार
- राज्य के सभी कर्मचारियों और पेंशनधारियों को मई महीने से मिलेगा बढा हुआ वेतन /पेंशन ।।।
- TSUNSS द्वारा शिक्षकों के विभिन्न मांगों से सम्बंधित मुख्यमंत्री को सौंपा गया ज्ञापन : राजू सिंह प्रदेश उपाध्यक्ष Tsunss, बिहार
- अप्रशिक्षित नियोजित शिक्षकों के लिए बुरी खबर , सातवें वेतनमान में 2000/- की मामुली बढोतरी
- नया पे मैट्रिक्स : रिवाइज्ड 7th पे के नाम पर फिर झुनझुना थमाने की तैयारी
- 50 वर्ष से ऊपर की महिला शिक्षिकाओ को विशेषअवकाश देय नही !
- प्रशिक्षण संस्थानों में फर्ज़ीवडा के खिलाफ TSS का अभियान
- 6th पे के 5200-20200 ग्रेड पे 2000 के संगत वेतनमान 21700-69100 देने का मतलब ?
- 7 वां वेतनमान 1/1/2016 से लागु होगा . यानि जो मूल वेतन 1/1/2016 को था उसी से 2.57 से गुना करना है
- सरकार के विरुद्ध लड़ाई का ऐलान , 1974 से भी बड़ा आंदोलन करने की चेताबनी : BPNPSS
- एक आम शिक्षक : विभाग में कार्य करते हुए 11 वर्ष हो चुके है किंतु आज तक कभी भी समय पर वेतन नहीं मिला
- अनट्रेंड शिक्षको का वेतन निर्धारण
- शिक्षा का हाल बेहाल, कमरे के अभाव में पेड़ के नीचे पढ़ने को विवश बच्चे
- 391 बुनियादी विद्यालय में शिक्षकों की होगी बहाली : बुनियादी विद्यालय के लिए नया सिलेबस
- कंप्यूटर शिक्षक को मात्र तीन माह 21 दिन का ही मिला भुगतान
- 3.57 लाख नियोजित शिक्षकों को जून में तीन माह का वेतन
- शिक्षक पात्रता परीक्षा उम्मीदवारों को प्रमाण-पत्र भी अभी तक नहीं दिया गया
- 550 शिक्षक वर्षों से स्कूल से नदारद, डीएम बोले- 15 दिन में करें कार्रवाई
- अब शिक्षकों के लिए होगी CAT-SAT जैसी परीक्षा!
- बिहार में परिवर्तन की सुगबुगाहट प्रारंभ : नित्यानंद
- तूल पकड़ रहा शिक्षक नियोजन का मामला, धरना कल
- सिर्फ एक चौथाई शिक्षकों के भरोसे चल रहा है पटना विश्वविद्यालय
- शिक्षक समय पर आएं, 5 घंटे रहें, यह इंतजाम भी नहीं
- नीतीश कुमार के फैसले से चीख पड़ा बिहार का नियोजित शिक्षक
- फर्जी वेतन निकासी मामले को लेकर कटघरे में हैं लिपिक
- गांधी के सपनों के आधार पर फिर बनेगा बुनियादी विद्यालय
- बेंच चोर मैडम, रोमियो हेड मास्टर, दबंग पंचायत!