राज्यसरकार विश्वविद्यालयों के शिक्षकों और शिक्षकेतर कर्मचारियों के वेतन
आदि की राशि देती है। इस हिसाब से स्वाभाविक तौर पर उस पर अपना अधिकार
समझती है। लेकिन ऐसे ढेर सारे नमूने हैं कि विश्वविद्यालय, सरकार की बात
नहीं मानते। ऐसे मामलों या मौकों पर उनको अपनी स्वायत्तता याद जाती है।
सरकार और विश्वविद्यालय, स्वायत्तता को लेकर खूब टकराए हैं।
2009 के पहले विश्वविद्यालय प्रशासन, शिक्षा विभाग के आदेशों को बहुत तरजीह नहीं देता था। तत्कालीन शिक्षा सचिव के. के. पाठक ने विश्वविद्यालय शिक्षकों की रोजाना हाजिरी, शिक्षा विभाग में लेने की व्यवस्था की। विश्वविद्यालय, कॉलेजों से हाजिरी लेकर विभाग को उपलब्ध कराने लगा। के.के. पाठक के हटने के साथ यह व्यवस्था खत्म हो गई। हालांकि इसके बाद शिक्षकों की उपस्थिति और कॉलेजों में उनका ठहराव बढ़ा। लेकिन अब भी यह बड़ी चुनौती है। कुलपतियों की हाल की बैठक का यह भी एजेंडा रहा। शिक्षा मंत्री ने कहा-शिक्षक कम से कम पांच घंटा रहें और छात्रों को पढ़ाएं।
रुपये मिलने में देरी : सरकार, विश्वविद्यालय दोनों जिम्मेदार
यहबड़ा संकट है। विश्वविद्यालयों को रुपये मिलने में देरी होती है। कई बार सरकार आवंटन में देर करती है। विश्वविद्यालय, उपयोगिता प्रमाणपत्र भेजने में देरी करते हैं, इसके चलते भी समय पर रुपये नहीं मिलते। पिछले वर्ष दुर्गापूजा में विश्वविद्यालय कर्मियों को वेतन की राशि नहीं मिला। समय पर उपयोगिता प्रमाणपत्र, बड़ा एजेंडा है, जो शैक्षिक माहौल का बाधक है।
सरकारकी किरकिरी
विविके कारनामों के चलते सरकार की कोर्ट में किरकिरी होती रहती है। मुकदमे ऐसे मामूली कारणों से होते हैं, जिसकी नौबत नहीं आने देना, विश्वविद्यालय प्रशासन की बुनियादी जिम्मेदारी है। विश्वविद्यालयों में सी-डब्ल्यूजेसी के 210 केस लंबित हैं। एम-जेसी के 20 केस लंबित हैं। सरकार ने विश्वविद्यालय प्रशासन से कहा है-केस दायर होने के पर तुरंत काउंटर एफिडेविट केस दर्ज कराएं। एम-जेसी या एल पीए मामले में स्टे ऑर्डर लें।
विश्वविद्यालय वेतन मद गैर वेतन मद कुल (राशि रुपए में)
पटना विवि 209491650 180007800 389499450
मगध विवि 957557796 395404672 1352962468
बीआरए बिहार विवि 452493093 332443479 784936572
जेपी विवि 1 94990226 111740256 306730482
वीर कुंवर सिंह विवि 258057636 121109907 379167543
बीएन मंडल विवि 338475165 118155261 456630426
तिलका मांझी विवि 425472123 391201870 816673993
एलएन मिथिला विवि 4761686610 305767269 781935879
केएसडीएस विवि 131668011 37664184 169332195
एमएम हक अरबी फारसी विवि 4860471 00 4860471
कुलराशि 344, 92, 34,781 199, 34, 94, 698 544, 27, 29, 479
मार्च से मई 2017 तक तीन महीने के लिए विश्वविद्यालयों के शिक्षक, शिक्षकेतर कर्मचारियों के वेतन एवं गैर वेतन मद में राज्य सरकार ने 544 करोड़ 27 लाख 29 हजार रुपए का प्रावधान किया है।
2009 के पहले विश्वविद्यालय प्रशासन, शिक्षा विभाग के आदेशों को बहुत तरजीह नहीं देता था। तत्कालीन शिक्षा सचिव के. के. पाठक ने विश्वविद्यालय शिक्षकों की रोजाना हाजिरी, शिक्षा विभाग में लेने की व्यवस्था की। विश्वविद्यालय, कॉलेजों से हाजिरी लेकर विभाग को उपलब्ध कराने लगा। के.के. पाठक के हटने के साथ यह व्यवस्था खत्म हो गई। हालांकि इसके बाद शिक्षकों की उपस्थिति और कॉलेजों में उनका ठहराव बढ़ा। लेकिन अब भी यह बड़ी चुनौती है। कुलपतियों की हाल की बैठक का यह भी एजेंडा रहा। शिक्षा मंत्री ने कहा-शिक्षक कम से कम पांच घंटा रहें और छात्रों को पढ़ाएं।
रुपये मिलने में देरी : सरकार, विश्वविद्यालय दोनों जिम्मेदार
यहबड़ा संकट है। विश्वविद्यालयों को रुपये मिलने में देरी होती है। कई बार सरकार आवंटन में देर करती है। विश्वविद्यालय, उपयोगिता प्रमाणपत्र भेजने में देरी करते हैं, इसके चलते भी समय पर रुपये नहीं मिलते। पिछले वर्ष दुर्गापूजा में विश्वविद्यालय कर्मियों को वेतन की राशि नहीं मिला। समय पर उपयोगिता प्रमाणपत्र, बड़ा एजेंडा है, जो शैक्षिक माहौल का बाधक है।
सरकारकी किरकिरी
विविके कारनामों के चलते सरकार की कोर्ट में किरकिरी होती रहती है। मुकदमे ऐसे मामूली कारणों से होते हैं, जिसकी नौबत नहीं आने देना, विश्वविद्यालय प्रशासन की बुनियादी जिम्मेदारी है। विश्वविद्यालयों में सी-डब्ल्यूजेसी के 210 केस लंबित हैं। एम-जेसी के 20 केस लंबित हैं। सरकार ने विश्वविद्यालय प्रशासन से कहा है-केस दायर होने के पर तुरंत काउंटर एफिडेविट केस दर्ज कराएं। एम-जेसी या एल पीए मामले में स्टे ऑर्डर लें।
विश्वविद्यालय वेतन मद गैर वेतन मद कुल (राशि रुपए में)
पटना विवि 209491650 180007800 389499450
मगध विवि 957557796 395404672 1352962468
बीआरए बिहार विवि 452493093 332443479 784936572
जेपी विवि 1 94990226 111740256 306730482
वीर कुंवर सिंह विवि 258057636 121109907 379167543
बीएन मंडल विवि 338475165 118155261 456630426
तिलका मांझी विवि 425472123 391201870 816673993
एलएन मिथिला विवि 4761686610 305767269 781935879
केएसडीएस विवि 131668011 37664184 169332195
एमएम हक अरबी फारसी विवि 4860471 00 4860471
कुलराशि 344, 92, 34,781 199, 34, 94, 698 544, 27, 29, 479
मार्च से मई 2017 तक तीन महीने के लिए विश्वविद्यालयों के शिक्षक, शिक्षकेतर कर्मचारियों के वेतन एवं गैर वेतन मद में राज्य सरकार ने 544 करोड़ 27 लाख 29 हजार रुपए का प्रावधान किया है।