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उम्मीदों से भरा होगा बीएनएमयू के लिए नया साल, आठ करोड़ से बनेबा स्‍टेडियम

 मधेपुरा,[ रवि कुमार संत ] । भूपेंद्र नारायण मंडल विश्‍वविदयालय (बीएनएमयू) मधेपुरा को 22 वर्षों बाद स्थानीय कुलपति का सौभाग्य मिला है। मधेपुरा में शिक्षा ग्रहण कर यहीं से शिक्षक बन कुलपति के पद पर आसीन होने वाले कुलपति प्रो.( डॉ) आरकेपी रमण से छात्रों को काफी उम्मीदें हैं।

1982 में शिक्षक बन लगातार 30 वर्षों से कोसी व सीमांचल में शिक्षा दान कर रहे डॉ. रमण कुलपति का दायित्व बखूबी संभाल रहे हैं। इनके पाठशाला से आइएएस और आइपीएस निकल रहे हैं। ऐसा माना जा रहा है कि इनके सफल नेतृत्व में नया वर्ष बीएनएमयू के लिए उम्मीदों से भरा होगा। विश्वविद्यालय में फिर छात्र छात्राओं की चहल कदमी बढ़ेगी और विद्यार्थी कक्षाओं में साथ बैठकर पढ़ाई कर सकेंगे। यह वर्ष कई मायनों में बीएनएमयू के लिए नए प्रयोगों का समय रहेगा इसके सकारात्मक परिणाम देखे जा सकेंगे। नए कोर्स, नए विभाग खुलने के अलावा विश्वविद्यालय के नए कैंपस में आठ करोड़ की लागत से स्टेडियम बनेगा। शोध व नैक के अलावा शैक्षिक उन्नयन के नए वर्ष में फलीभूत होने की संभावना है।

यूपीएससी और बीपीएससी में चयनित हैं बीएनएमयू कुलपति के छात्र

मधेपुरा जिला निवासी डॉ. आरकेपी रमन स्थानीय स्तर पर ही शिक्षा दीक्षा ग्रहण कर वर्ष 1982 में टीपी कॉलेज मधेपुरा के अर्थशास्त्र विभाग में बतौर शिक्षक योगदान किए। तब से शिक्षा दान कर रहे हैं। वर्ष 1990 में अर्थशात्र विभाग में विवि सेवा आयोग से मेधा पदोन्नति के अंतर्गत उपाचार्य के पद पर और पुन: 1998 में प्राचार्य के पद पर वे इस बीच वर्ष 2000 से 2002 तक विश्वविद्यालय के विकास पदाधिकारी के रूप में काम किए। 2002 के मध्य से 2008 तक परीक्षा नियंत्रक के इनके कार्यकाल में विवि का सत्र नियमित रहा। लंबित परीक्षा फल प्रकाशन की संख्या घट गई। वे 2010 से 2013 तक टीपी कॉलेज मधेपुरा में प्राचार्य के पद पर कार्यरत रहे। तत्पश्चात वर्ष 2013 से 2019 तक विवि अर्थशास्त्र विभाग में विभागाध्यक्ष रहे, तत्पश्चात निदेशक, नियुक्ति कोषांग बने। जनवरी 2020 में सोशल साइंस के डीन और 20 के सितंबर में बीएनएमयू कुलपति पद के लिए महामहिम कुलाधिपति द्वारा नियुक्ति हुए और वर्तमान में इसी पद पर हैं। शिक्षक रहते हुए इनके कई छात्र यूपीएससी और बीपीएससी में चयनित होकर आज डीएम, एसडीएम, डीएसपी, बीडीओ, सीओ आदि के पद पर कार्यरत हैं। उदहारण के तौर ओर सत्य प्रकाश बिहार के हाजीपुर निवासी जो भारत सरकार के आर्थिक सलाहकार के रूप में कार्य कर चुके हैं। इनके निर्देशन में लगभग दो दर्जन से अधिक छात्र पीएचडी की उपाधि कर दर्जनों छात्र विश्वविद्यालय में शीर्ष स्थान पर गोल्ड मेडल हासिल की है। इसमें 2019 में अमरेश कुमार अमर ने अर्थशास्त्र में गोल्ड मेडल हासिल किया। साथ ही श्वेता शरण भारतीय, 2018 के दीक्षांत समारोह में पूरे विश्वविद्यालय में टॉपर थी और भारतीय ने वर्ष जून 2019 में यूजीसी एनटीए नेट परीक्षा उत्तीर्ण की।

2021 में नए उत्साह और नई प्रतिबद्धता व संकल्प के साथ बनी हैं कई योजनाएं

बीएनएमयू कुलपति के निर्देशन में वर्तमान नवीन वर्ष 2021 में नए उत्साह व नई प्रतिबद्धता व संकल्प के साथ कई योजनाएं बनाई जा रही है। इसमें शैक्षिक उन्नयन के लिए कोविड-19 के शर्तों के अधीन राज्य सरकार व राजभवन सचिवालय के निर्देश के आलोक में ऑनलाइन- ऑफलाइन दोनों मोड में वर्ग संचालन सुनिश्चित कराना, परीक्षा सत्र व एकेडमिक कैलेंडर को नियमित करना, नैक से महाविद्यालय व विश्वविद्यालय को मान्यता दिलाना, कई नवीन पाठ्यक्रमों को शुरू करना, लड़कियों की शिक्षा व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करने के लिए महिला छात्रावास को शुरू करना, पीजी एवं ग्रेजुएशन स्तर पर नई शिक्षा नीति के तहत छात्र -अनुपात को बढ़ाना व नामांकन के लिए सीट वृद्धि करना, पीजी स्तर पर छुटे हुए विषयों में टीङ्क्षचग एवं नॉन टीङ्क्षचग स्टॉफ के पदों का सृजन करना, विश्वविद्यालय के 86 कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान करना, विश्वविद्यालय के नॉर्थ कैम्पस को व्यवस्थित करना, शोध(रिसर्च) के प्रति छात्रों को उन्मुख करना, शोध की गुणवत्ता को बढ़ाना, पैट- 20 का आयोजन अति शीघ्र कराना, विश्वविद्यालय स्तर पर आईएसएसएन नंबर युक्त त्रिमासिक पत्रिका का प्रकाशन करना आदि शामिल है। उससे शिक्षकों, छात्रों, शोधार्थियों को लाभ होने की उम्मीद है।

22 वर्षों बाद मिला संयोग एक कॉलेज के हैं स्थानीय कुलपति व कुलसचिव

बीएनएमयू ने यह संयोग है कि 22 वर्ष के बाद स्थानीय कुलपति, कुलसचिव एक ही महाविद्यालय से हैं। वे पूर्व में साथ-साथ काम किए हैं और इससे विश्वविद्यालय का काम तेज गति से होगा। अभी विश्वविद्यालय नैक मूल्याकंन की दिशा में ठोस कदम उठाया है। इसके अलावा विवि में शोध की गुणवत्ता को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक प्रावधान किया जाएगा। शैक्षणिक व्यवस्था के सु²ढ़ीकरण, सत्र-नियमितिकरण शिक्षकों एवं शोधार्थियों को शैक्षणिक उन्नयन होगा। आइएसएसएन युक्त त्रैमासिक शोध-पत्रिका का प्रकाशन। स्नातक एवं स्नातकोत्तर में नियमित ऑफलाइन एवं ऑनलाइन कक्षाओं का संचालन। विभिन्न स्नातकोत्तर विभागों में शिक्षकों एवं कर्मचारियों के पद-सृजन तथा नवीन विषयों की पढ़ाई शुरू करने और रोजगारपरक पाठ्यक्रमों के संचालन की दिशा में प्रभावी कदम उठाया जाएगा। विद्यार्थियों के समग्र विकास के लिए खेलकूद एवं सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाएगा।

क्‍या कहते हैं विवि के कुलपति

विवि के कुलपति डा आरकेपी रमण नववर्ष विश्वविद्यालय के समग्र विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगा। छात्रों की समस्याओं का त्वरित निष्पादन करना मेरी पहली प्राथमिकता है। छात्र है तब विश्वविद्यालय हैं, छात्र ही हमारी पूंजी है।।संपूर्ण ऊर्जा के साथ विश्वविद्यालय के समग्र उन्नयन के लिए कार्य करेंगे, नए साल में नए परिसर के विकास में जो कमी है उसे पूरा किया जाएगा, साथ ही बिजली, पानी, रोड को हर हाल में विकसित किया जाएगा, छात्रों के लिए कैंटीन की व्यवस्था एवं खेल में विशेष ध्यान दी जाएगी। हर एक विभाग में प्रयोगशाला को उन्नत किया जाएगा ताकि छात्र छात्राओं को प्रैक्टिकल ज्ञान मिल सकें।

बोले कुलसचिव

विवि के कुलसचिव डॉ- कपिलदेव प्रसाद ने कहा कि नए वर्ष में नई ऊर्जा के साथ कुलपति व विश्वविद्यालय प्रशासन की पूरी टीम कंधे से कंधा मिलाकर विश्वविद्यालय के शैक्षणिक व बहुमुखी विकास करेंगे। कुलपति ने एसपी से वार्ता कर विश्वविद्यालय में पुलिस चौकी खोलने के लिए पत्र लिखा है। महिला छात्रावास शुरू कर पुराने कैंपस में बंद पड़े कैंटीन को शुरू किया जाएगा। नॉर्थ कैम्पस में कैंटीन, व बैंक ब्रांच खोला जाएगा, यातायात व्यवस्था सहित मूलभूत बुनियादी सुविधा उपलब्ध कराया जाएगा।

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